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Nawada News : अडानी समूह ने अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के लिए किया भूमि पूजन, नहीं आए सीएम नीतीश, अहमदाबाद के आचार्याें ने कराया भूमि पूजन



अडानी समूह ने अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के लिए किया भूमि पूजन, नहीं आए सीएम नीतीश, अहमदाबाद के आचार्याें ने कराया भूमि पूजन


नवादा लाइव नेटवर्क


नवादा जिले का एक मात्र उद्योग वारिसलीगंज चीनी मिल इतिहास में दफन हो चुका है। उसका स्थान अब अडानी समूह का अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री लेने जा रहा है। सीमेंट फैक्ट्री निर्माण के लिए सोमवार 29 जुलाई को विधिवत भूमि पूजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी शामिल होना था, लेकिन अचानक उनका कार्यक्रम रद हो गया। तबीयत खराब होना वजह बताया गया। हालांकि, जिस दिन सीएम का कार्यक्रम रद हुआ उसी दिन सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ वारिसलीगंज बंद रहा था।

 


1400 करोड़ रुपये की लागत से सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण होना है। शुभ मुहूर्त में कंपनी से जुड़े अधिकारियों की मौजूदगी में अहमदाबाद से पधारे वेदाचार्यों द्वारा भूमि पूजन कराया गया। भूमि पूजन के साथ ही फैक्ट्री निर्माण का काम आगे बढ़ेगा। भूमि पूजन गोपनीय तरीके से किया गया। किसी को फोटो या वीडियो बनाने की अनुमति नहीं थी। मीडिया से भी दूरी बनाई गई। कुछ चुनिंदा अधिकारियों व स्थानीय बुद्धिजीवियों को आमंत्रण मिला था, उन्हें प्रवेश की अनुमति दी गई थी। बावजूद, कुछ तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गया।


बता दें कि किसान संघर्ष समिति वारिसलीगंज द्वारा सीमेंट फैक्ट्री निर्माण का विरोध किया जा रहा है। सीमेंट फैक्ट्री के स्थान पर कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने की मांग को लेकर वारिसलीगंज बाजार बंद कराया जा चुका है। विरोध के बीच भूमि पूजन कर अडानी कंपनी के अधिकारियों ने निर्माण का मार्ग अपनी ओर से प्रशस्त कर लिया है।

 


स्थानीय किसानों की नारागजी के बीच सीमेंट प्लांट की स्थापना से इलाके में आर्थिक उन्नति के दावे किए जा रहे हैं। क्षेत्र के विकास को लेकर कई प्रकार की सहायता अडानी समूह द्वारा करने की बात कही जा रही है। जबकि क्षेत्र के लोगों में प्रदूषण बढ़ने से स्वास्थ्य पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ने की संभावना का लेकर विराेध दर्ज कराया जा रहा है। जिसे अडानी समूह के अधिकारियों द्वारा सिरे से खारिज किया जा रहा है। 


कहा जा रहा है कि अडानी समूह अत्याधुनिक ग्रेडिंग यूनिट की स्थापना करेगी, जिससे प्रदूषण के खतरे की गुंजाइश काफी कम होगी। वैसे, जो भी दावे अडानी समूह द्वारा किया जा रहा है, अधिकारिक रूप से स्थिति को स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। कोई अधिकारी सामने आकर नहीं बता रहे हैं कि स्थानीय लोगों को कितना रोजगार मिलेगा, कितनी आर्थिक उन्नति होगी और स्वास्थ्य पर कितना कम कुप्रभाव पड़ेगा।

 


इधर, पूछे जाने पर अंबुजा सीमेंट कंपनी के एजीएम प्रभात श्रीवास्तव ने कहा सीएम का कार्यक्रम स्थगित होने के बावजूद अहमदाबाद से ब्राह्मणों की टीम के आ जाने के कारण सादे समारोह में बास्तु पूजन किया गया। उन्होंने कहा कि सीएम के आगमन बाद विस्तृत कार्यक्रम होगा।


बता दें कि देश की आजादी बाद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. श्रीकृष्ण सिंह ने वारिसलीगंज क्षेत्र के किसानों के लिए पंजाब प्रांत के करम चंद थापड़ नामक व्यवसाई से निवेश करवाकर उक्त चीनी मिल की स्थापना कराई गई थी। बाद में यह मिल बिहार सरकार ने अपने नियंत्रण में ले ली थी। जिसे पेराई सत्र 1992-93 में तत्कालीन सरकार ने घाटा बताकर बंद कर दिया था। 

 


इस बीच लोकसभा एवं विधानसभा चुनावो में बंद मिल को खुलवाना मुद्दा बनता रहा। 2010 में सीएम नीतीश कुमार ने वारिसलीगंज के माफी गढ़ पर चुनावी सभा में मिल की चिमनी से धुंआ उगलवाने की घोषणा किया था। 2014 के नवादा आईटीआई परिसर की चुनावी सभा में तबके भाजपा के पीएम उम्मीदवार रहे नरेन्द्र मोदी ने भी ऐसी ही बातें कही। लेकिन संभव नहीं हो सका।


बाद में नीतीश सरकार ने जमीन बियाडा को सौप दिया। जिसे अडानी समूह ने लेकर सीमेंट ग्रेडिंग यूनिट की स्थापना करने की प्रक्रिया शुरू की है। हलांकि घनी आबादी के बीच सीमेंट उद्योग की स्थापना क्षेत्र के लोगों को नागवार गुजर रही है। यही वजह रही कि किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर 27 जुलाई व्यापारियों ने स्वत: बाजार को बंद कर विरोध जताया था।

 




  

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