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Nawada News : सीतामढ़ी मेला महोत्सव एवं तमसा नदी महोत्सव को मिली राज्य स्तरीय मान्यता नवादा लाइव नेटवर्क।


सीतामढ़ी मेला महोत्सव एवं तमसा नदी महोत्सव को मिली राज्य स्तरीय मान्यता

नवादा लाइव नेटवर्क।

नवादा जिले में लंबे समय से आयोजित हो रहे सीतामढ़ी मेला और तमसा नदी महोत्सव को राज्य स्तरीय मान्यता मिली है। जिला प्रशासन के प्रयासों से यह संभव हो सका है।

इस बाबत जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी सुश्री प्रतिभा कुमारी ने बताया कि नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड स्थित सीतामढ़ी क्षेत्र में हर वर्ष अगहन पूर्णिमा से एक सप्ताह तक पारंपरिक सीतामढ़ी मेला आयोजित होता है। यह स्थान रामायण काल से जुड़ा है, जहां मान्यता अनुसार माता सीता ने अपने दूसरे वनवास के दौरान एक गुफा में निवास किया था। इसी गुफा में लव-कुश का जन्म हुआ, और यहीं महर्षि वाल्मीकि की कुटिया भी स्थित थी।सीतामढ़ी गुफा की चिकनी पॉलिश वाली दीवारें बराबर गुफा से मिलती-जुलती हैं, जो इसके प्राचीन स्थापत्य महत्व को दर्शाती हैं। मेले के दौरान प्राचीन सीता मंदिर में पूजा-अर्चना होती है। साथ ही, यहां काष्ठ, पत्थर व मूर्ति कला का विशिष्ट शिल्प बाजार लगता है, जिसमें दूर-दूर से व्यापारी आते हैं।यह मेला स्थानीय कृषकों द्वारा खरीफ फसल की कटाई के उपलक्ष्य में आयोजित होता है और कृषक समृद्धि से भी जुड़ा है। यह आयोजन नवादा जिले की धार्मिक, सांस्कृतिक और ग्रामीण परंपरा का अद्भुत प्रतीक है।


      साथ ही नवादा जिले के लिए एक और महोत्सव तमसा नदी महोत्सव महत्वपूर्ण है, जो प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवोत्थान एकादशी) को हिसुआ प्रखंड, नवादा में आयोजित होता है। यह आयोजन महर्षि वाल्मीकि, माता सीता और लव-कुश से जुड़ी ऐतिहासिक और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। पुराणों के अनुसार महर्षि वाल्मीकि का आश्रम तमसा नदी के किनारे स्थित था, जहां उन्होंने रामायण का प्रथम श्लोक रचा। गजेटियर ऑफ बंगाल (1906) में भी हिसुआ के ‘बारत’ गांव को वाल्मीकि आश्रम और सीता जी के निर्वासन स्थल के रूप में वर्णित किया गया है। तमसा (तिलैया) नदी आज अस्तित्व संकट से जूझ रही है। इस नदी के संरक्षण और इसके सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखने के उद्देश्य से यह महोत्सव अत्यंत महत्वपूर्ण है।


जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी ने कहा कि दोनों आयोजन नवादा जिले की ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यावरणीय धरोहर को सहेजने वाले उत्सव हैं, जिन्हें मान्यता दिलाने हेतु जिला कला संस्कृति कार्यालय, नवादा द्वारा क्रमशः दिनांक 03/05/2025 (सीतामढ़ी मेला महोत्सव) एवं 23/01/2025 (तमसा नदी महोत्सव) को विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था। इसे स्वीकार करते हुए विभाग ने सांस्कृतिक कैलेंडर वर्ष 2025-26 में सम्मिलित कर नवादा की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त किया है। बता दें कि इस सूची में ककोलत महोत्सव भी शामिल है।

कहते हैं डीएम 

*यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि नवादा जिले से भेजे गए "सीतामढ़ी मेला महोत्सव" एवं "तमसा नदी उत्सव" के प्रस्तावों को कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।*

*इसके साथ ही इन दोनों आयोजनों को विभाग द्वारा अपने सांस्कृतिक कैलेंडर 2025-26 में सम्मिलित कर लिया गया है।*

श्री रवि प्रकाश, जिलाधिकारी, नवादा।

 


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