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Breaking News : पीएम आवास के लाभुकों से राशि वसूली के मामले में फंसे मुखिया पुत्र, दर्ज हुई एफ.आई.आर.

  


पीएम आवास के लाभुकों से राशि वसूली के मामले में फंसे मुखिया पुत्र, दर्ज हुई एफ.आई.आर.

डीडीसी के आदेश बाद बीडीओ ने लाभुकों के बयान को आधार बना की कार्यवाई

नवादा लाइव नेटवर्क।

पीएम आवास योजना में लाभुकों से अवैध राशि वसूली में मुखिया पुत्र फंस गए हैं। डीडीसी के आदेश के बाद उनके खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

मामला नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के मकनपुर पंचायत का है। जहां गरीबों को दिया जा रहा प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि।में अवैध वसूली की गई। जांच में आरोप सत्य पाए जाने के बाद कार्यवाई की गई।

 

  बताया जाता है की उपविकास आयुक्त नवादा ने लाभुकों से राशि वसूली की शिकायत के बाद मकनपुर अनुसूचित टोला पहुंच गहन जांच पड़ताल की थी। आरोप सत्य पाए जाने के बाद डीडीसी के आदेश पर  बीडीओ सत्यनारायण पंडित ने  शनिवार को वारिसलीगंज थाना में मकनपुर मुखिया रेखा देवी के पुत्र नवलेश कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई।


 बीडीओ द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 07 जुलाई 22 को उप विकास आयुक्त द्वारा मकनपुर मुसहरी टोला पहुंचकर आधा दर्जन लाभुकों का बयान अंकित किया गया।  जिसमें टोला निवासी राजा मांझी की पत्नी शुकरी देवी, सुरेश मांझी की पत्नी सोनमा देवी, पपु मांझी की पत्नी अनिता देवी, गणेश मांझी पिता वृक्ष मांझी तथा गुड्डी देवी पति शंकर मांझी ने कहा कि मुखिया का पुत्र ने प्रत्येक लाभुक से 10_10 हज़ार रुपए नकद बैंक में ही बतौर कमीशन ले लिया है। जबकि उक्त लाभुकों को प्रथम क़िस्त के रूप में मात्र 45 हज़ार रूपये मिला था। लोगों की मानें तो आवास योजना की सम्पूर्ण राशि के भुगतान तक बतौर कमीशन 20_30 हजार लाभुकों से बतौर कमीशन वसूल लिया जाता है। 


मुखिया, आवास सहायक और दलाल की तिकड़ी द्वारा इस खेल को अंजाम दिया जाता है। इस प्रकार के सिस्टम व भवन निर्माण सामग्रियों की बढ़ती महंगाई में गरीबो का आशियाना बनना मुश्किल हो जाता है।

 

लाभुक का मकान भले नहीं पूर्ण नहीं हो, कमीशन खोरों को लक्जरी वाहन खरीदने का शौक पूरा हो जा रहा है। बताया जाता है कि मकनपुर ग्राम पंचायत में वितीय वर्ष 2021-22 में करीब 400 से अधिक लाभुकों को आवास मुहैया करवाया गया है। जिसमें से अधिकांश लाभुकों को कमीशन देने को विवश होना पड़ा है। वैसे अभी सिर्फ प्रथम क़िस्त की ही राशि ही लाभुकों को मिली है। इस बाबत मुखिया पुत्र नवलेश ने कहा कि लाभुकों से राशि वसूली की शिकायत गलत है। मेरे ऊपर लगाया गया आरोप मनगढ़ंत एवं बेबुनियाद है।

 

इस प्रकार कमीशन वसूली की शिकायत प्रखंड के अधिकांश पंचायतों से मिल रही है। जरूरत है जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा निष्पक्षता पूर्वक जांच कराने की। तब खुद समझ में आ जायेगा कि आखिर गरीबों का आवास अपूर्ण क्यों रह रहा है।


हालांकि, प्रशासनिक कार्यवाई का भी बहुत असर इन अवैध उगाही करने वालों पर नहीं पड़ रहा है। पूर्व में कई आवास सहायक और उनके दलालों पर प्राथमिकी जिले के विभिन्न थानों में दर्ज कराई गई है, फिर भी दलालों की चमड़ी इतनी मोटी हो गई है की कोई असर नहीं पड़ रहा है।


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