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Nawada News : डाटा में फर्जीवाड़ा पर गंभीर हुई डीएम, स्वास्थ्य की समीक्षा बैठक में पकड़ी खामियां, सही आंकड़ा जुटाने का निर्देश

  


 


डाटा में फर्जीवाड़ा पर गंभीर हुई डीएम, स्वास्थ्य की समीक्षा बैठक में पकड़ी खामियां, सही आंकड़ा जुटाने का निर्देश

नवादा लाइव नेटवर्क।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में डीएम उदिता सिंह ने डाटा में हेराफेरी को पकड़ ली। डाटा के फर्जीवाड़ा पर डीएम गंभीर हुई और सुधार करने की नसीहत दे डाली।

सोमवार को समाहरणालय सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई थी। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का प्रोग्राम ,एसएनसीयू, परिवार कल्याण कार्यक्रम, फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम आदि की विस्तृत समीक्षा हुई। 

एएनसी की समीक्षा में पाया गया कि जिले का एचीवमेंट 99 प्रतिशत है, जबकि प्रथम एएनसी 87 प्रतिशत और चैथा एएनसी 85 प्रतिसत है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह आंकड़ा गलत पेश किया गया है। उन्होंने नसीहत दी है कि डाटा सही ढ़ंग से संधारण करें और सभी एमओआईसी सही ढ़ंग से काम भी करें। 

डीएम ने संस्थागत प्रसव के लिए आशा और एएनएम को विशेष रूप से प्रशिक्षित करने को कहा। कहा कि प्रखंडों और पंचायतों के सभी गर्भवती महिलाओं का डाटा एमओआईसी स्वयं वेरिफाई करें। शत प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की मेडिकल जांच करने और आवश्यकतानुसार दवाई भी ससमय देने का निर्देश दिया गया।

 


 प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर बुधवार और शुक्रवार को गर्भवती महिलाओं की जांच होती और सभी प्रकार की दवाएं यथा आयरन, कैल्शियम गोली निःशुल्क प्रदान की जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सभी प्रतिनियुक्त डाॅक्टर पंचायतों में जाकर गर्भवती महिलाओं का सही-सही डाटा प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे।

  संस्थागत प्रसव की समीक्षा की दौरान शत प्रशिात प्रसव संस्थागत कराना सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश एमओआईसी, सिविल सर्जन को दिए। पाया गया कि अभी जिले में मात्र 33 प्रतिशत संस्थागत प्रसव किया जा रहा है जो अत्यंत ही न्यूनतम है। कौआकोल में सर्वाधिक 42 प्रतिशत और सबसे कम अकबरपुर में 18 प्रतिशत प्रसव कार्य कराया गया है। 

शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने के लिए जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत प्रत्येक गर्भवती महिला को 1400 रुपये देने और बच्चों का जन्म के बाद सभी प्रकार का टीकाकरण करने, बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र भी यथाशीघ्र माता को सुलभ कराने को कहा। प्रत्येक आशा को संस्थागत प्रसव कराने का अलग से निर्देश दिया गया। 

जिलाधिकारी ने सभी एमओआईसी को निर्देश दिये कि प्रसव कक्ष को बेहतर बनायें और सरकार के द्वारा निर्धारित सभी प्रकार की सुविधा ससमय देना सुनिश्चित करें। 

    प्राईवेट क्लिनिक की जांच के लिए सिविल सर्जन, एसडीओ और एसडीपीओ का कमिटी बना हुआ है। अवैध नर्सिंग होम पर औचक छापामारी करने का निर्देश दिया गया। जन्म के समय जिले का सेक्स रेशियो 93 प्रतिशत है। सर्वाधिक मेसकौर का 120 प्रतिशत और सबसे कम 71 प्रतिशत नरहट का है। अल्ट्रासाउन्ड सेंटरों पर औचक छापामारी करने से सेक्स रेशियो में बृद्धि हो रही है। 

बच्चों का टीकाकरण में पाया गया कि पोलियो 40 प्रतिशत, हेपेटाईटिस बी 36 प्रतिशत, बीसीजी 76 प्रतिशत किया गया है। बच्चों का टीकाकरण 97 प्रतिशत हुआ है, जिसमें सर्वाधिक हिसुआ 146 प्रतिशत और सबसे कम काशीचक 78 प्रतिशत बच्चों को टीकाकृत किया गया।  

 


कोविड-19 वैक्सिनेान 12 से 14 वर्ष के बच्चों को 48 प्रतिशत प्रथम डोज और द्वितीय डोज 51 प्रतिशत दिया जा चुका है। इसी प्रकार 15 से 17 वर्ष के बच्चों को प्रथम डोज 102 प्रतिशत जबकि द्वितीय डोज 68 प्रतिशत दिया गया है। कोविड-19 टीकाकरण का साईड इफेक्ट जीरो है और कोविड संक्रमण को रोकने में शत-प्रतिशत कारगर है।

      फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में बताया गया कि 07 जुलाई 2022 से निःशुल्क दवा वितरित किया जायेगा। आॅगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा दवा का सेवन में सहयोग प्रदान किया जायेगा। जन जागरूकता के लिए प्रभातफेरी एवं बच्चों को शपथ दिलाया जायेगा। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 01 से 02 साल के बच्चों को दवा नहीं देना है। 02 से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा एलमेंडाजोल का एक-एक गोली, 06 से 14 वर्ष तक डीईसी 02 गोली और एलमेंडाजोल 01 गोली और 15 वर्ष से उपर के लिए डीईसी 03 गोली और एलमेंडाजोल 01 गोली देने का निर्देश दिया गया। गोली खाने के पहले भर पेट खाना भी जरूरी है। 

    बैठक में डीडीसी मो नैय्यर एकबाल, सिविल सर्जन डाॅ श्रीमती निर्मला कुमारी, एसीएमओ डाॅ बीपी सिंह, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी सत्येन्द्र प्रसाद, सभी एमओआईसी, सभी स्वास्थ्य प्रबंधक के साथ-साथ डाॅक्टर भी उपस्थित थे।




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