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Modern campus : मॉडर्न समूह के बीएड कॉलेज में शुरू हुआ नए सत्र की पढ़ाई, डीडीसी दीपक मिश्रा और संस्थान के सचिव ने किया सत्रारंभ

 


मॉडर्न समूह के बीएड कॉलेज में शुरू हुआ नए सत्र की पढ़ाई, डीडीसी दीपक मिश्रा और संस्थान के सचिव ने किया सत्रारंभ

नवादा लाइव नेटवर्क।

मॉडर्न शैक्षणिक संस्थान में बीएड सत्र 2022_24 के प्रशिक्षुओं का सत्रारंभ गुरुवार 3 नवंबर को हुआ। 

 इस मौके पर मुख्य अतिथि आईएएस अधिकारी दीपक कुमार मिश्रा डीडीसी नवादा एवं विशिष्ट अतिथि मॉडर्न शैक्षणिक समूह के सचिव सह महासचिव एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट पटना डॉक्टर शैलेश कुमार मौजूद रहे।


 गनौरी रामकली टीचर्स ट्रेंनिंग कॉलेज नवादा, त्रिवेणी कॉलेज ऑफ एजुकेशन नवादा, मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन नवादा एवं मॉडर्न कॉलेज ऑफ एजुकेशन नवादा के प्रांगण में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।


इस अवसर पर "आदर्श शिक्षक के गुण" विषय पर सेमिनार का आयोजन भी किया गया। 

अपने संबोधन में विशिष्ट अतिथि संस्थान के सचिव डॉ कुमार ने आदर्श शिक्षक बनने के गुणों पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक  समाज के मेरुदंड एवं कुशल विचारक होते हैं। उनकी पहचान उसके गुणों में कर्तव्यनिष्ठा, नई बातों को जानने की उत्सुकता होती है।

 एक श्रेष्ठ और आदर्श शिक्षक में केवल अध्यापन एवं मार्गदर्शन कराना ही नहीं बल्कि एक सुसभ्य एवं सुसंस्कृति राष्ट्र के भाग्य का निर्माण करना भी होता है।

 इसी के साथ प्रशिक्षुओं को उन्होंने उत्साहित किया और कहा कि 

"कदम निरंतर चलते जिनके, श्रम जिनका अविराम है, विजय सुनिश्चित होती उनकी, घोषित यह परिणाम है"। 

इस प्रकार सफलता प्राप्त करना है तो इमानदारी पूर्वक मेहनत करें। क्योंकि श्लोक में कहा गया है कि 

"उद्यमेन ही सिद्धांति कार्याणि ना मनोरथै" सुप्तस्य रिहस्य मुखे प्रवि शांति प्रविशंति न मृगा"।

 इस प्रकार सचिव की बातों को प्रशिक्षुओं एवं उपस्थित जनमानस ने प्यार से सुना और अमल का संकल्प लिया। 

तत्पश्चात उन्होंने अमृत वनिंका बौछार करते हुए कहा कि

 "ईश्वर अंश जीव अविनाशी" "चेतन अमल सहज सुख राशी" 

इसका अर्थ बताते हुए कहा कि आप चेतनमान और समझदार हैं, आप सारे गुण से परिपूर्ण हैं, आप कुछ भी करने में सक्षम हैं।

 जैसा कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने कहा है कि 

"मैं कभी भूल नहीं सकता"

"खम ठोक ठेलता है जब नर"

"पर्वत के जाते पांव उखड़"

"मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है"

 इन्हीं शब्दों के साथ सभा में उपस्थित प्रशिक्षुओं एवं जनसमूह को यथोचित आशीर्वाद से अभिसिंचित किया। 


तत्पश्चात मुख्य अतिथि आईएएस अधिकारी दीपक कुमार मिश्रा ने अपने विचारों को प्रकट करते हुए आदर्श शिक्षक के गुणों का वर्णन करते हुए कहा कि 

"सपने वो नहीं होते जो रात में देखे जाते हैं" 

"सपने वह होते हैं जो सोने ही नहीं देते"।

इस प्रकार उन्होंने बताया कि सफाई कर्मी से लेकर देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति का राष्ट्र के निर्माण में अविस्मरणीय योगदान होता है।

जैसा कि कहा गया है कि

"जीवन जीने की कला सिखाते शिक्षक"

"ज्ञान की कीमत अहमियत बताते शिक्षक"

"सिर्फ किताबों के होने से ही कुछ नहीं होता"

"यदि हमें मेहनत से न पढ़ाते शिक्षक"

 इस अवसर पर उपस्थित प्रशिक्षुओं एवं जनसमूह को आशीर्वाद देते हुए भले की कामना की।


 इस एक दिवसीय सेमिनार को बिहार के अलावा अन्य प्रदेशों के शिक्षाविद एवं विद्वान गण ने भी संबोधित किया।

साथ ही गनौरी रामकली टीचर्स ट्रेंनिंग कॉलेज नवादा के एमएड विभागाध्यक्ष डॉ सनद कुमार दुबे एवं विभागाध्यक्ष (डीएलएड) वीरेंद्र कुमार सोनकर, डॉक्टर रीता नंदन चौधरी, सहायक प्राध्यापक श्रीमती मुन्नी कुमारी, व्याख्यातागण कुमार अजीत, दीपक कुमार पांडे, त्रिवेणी कॉलेज ऑफ एजुकेशन कुंती नगर नवादा के प्राचार्य डॉ कुलदीप सिंह तोमर, विभागाध्यक्ष (डीएलएड) डॉ फिरंगी यादव, तथा सहायक प्राध्यापक डॉ कुमार अभिषेक, मनीष कुमार, सुरेंद्र कुमार भारती, नवेंदु धीरज, प्रवीण कुमार, मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन नवादा के प्राचार्य मनीराम, सहायक प्राध्यापक धर्मराज गौड़, विनय कुमार, राजित राम यादव, नित्यानंद प्रधान एवं मॉडर्न कॉलेज ऑफ एजुकेशन नवादा के विभागाध्यक्ष देवकांत, सहायक प्राध्यापक राजीव कुमार, प्रवीण कुमार सिंह एवं अन्य ने अपने विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात कार्यक्रम की समाप्ति की गई।









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