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Modern Campus : मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल, हिसुआ में अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित, बच्चों के सर्वांगीण विकास को लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

 


मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल, हिसुआ में अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित, बच्चों के सर्वांगीण विकास को लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

निदेशक ने कहा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के निर्धारित लक्ष्य पूरा करने के लिए छात्र-शिक्षक एवं अभिभावक का समन्वित प्रयास जरूरी, अभिभावकों ने भी दिए बेहतरीन सुझाव

नवादा लाइव नेटवर्क।

        मॉडर्न शैक्षणिक समूह द्वारा हिसुआ में संचालित मॉडर्न इंटरनेशनल स्कूल में रविवार को अभिभावक_शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया। निदेशक डॉ. अनुज कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विद्यालय-प्रबंधन के द्वारा विद्यार्थियों के शैक्षणिक एवं सह-शैक्षणिक प्रगति तथा उनके सर्वांगीण विकास के विषय पर सार्थक परिचर्चा की गई। 

जिसमें उक्त विद्यालय में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के सैकड़ों अभिभावक उपस्थित होकर अपने बच्चों की पढ़ाई, खेलकूद एवं अन्य रचनात्मक कौशलों के सम्यक विकास के मुद्दे पर अपने विद्यालय के निदेशक, प्राचार्य एवं शिक्षकों से विमर्श करके कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर एक-दूसरे से सहयोग का निर्णय लिया। 

    उपस्थित अभिभावकों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए निदेशक ने बच्चों के सर्वांगीण विकास में शिक्षकों के साथ अभिभावकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि शैक्षणिक उद्दश्यों की पूर्ति हेतु छात्रों एवं शिक्षकों  के साथ अभिभावकगण का सक्रिय सहयोग अति आवश्यक है। टेक्नोलॉजी के वर्तमान दौर में बच्चों का ध्यान स्वतः ही पढ़ाई से अधिक मोबाइल, इंटरनेट, सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेमिंग आदि में भटकता है, ऐसे में उनका उचित मार्गदर्शन करके इन चीजों से दूर रखकर उन्हें स्वाध्याय के प्रति अधिक से अधिक जागरूक करना अभिभावकगण की जिम्मेदारी हो जाती है। 

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आज के बच्चे अधिक भावुक और अधिक संवेदनशील हैं, उन्हें कठोरता से दबाने के स्थान पर उन्हें स्नेहपूर्ण व्यवहार से समझाना होगा। अभिभावकगण को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि विद्यार्थी अपना गृहकार्य अवश्य पूरा करें इसमें यथासंभव उनकी मदद की जाए। 

अपने बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा को पहचान कर उसे उभारने में विद्यालय का सहयोग करें, उनकी रुचि को जानकर उसी क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ने में सहयोग करें। यदि माता-पिता एवं अभिभावक अपने बच्चों के प्रति अधिक सजग एवं कर्तव्यनिष्ठ होंगे तो विद्यालय को अपने शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति में आसानी होगी। 

       अभिभावकों का स्वागत करते हुए विद्यालय के प्राचार्य मिथाइल चौधरी ने अपने संबोधन में अभिभावकों को बताया कि अभिभावकगण अपने बच्चों के प्रथम शिक्षक और घर प्रथम पाठशाला होते हैं। यदि बच्चों के घर से स्कूल को अच्छा सहयोग मिलेगा तो हम बच्चों के विकास के लिए बेहतरीन कदम उठा सकेंगे। उन्होंने शिक्षकों के साथ अभिभावकगण के निरंतर संवाद पर जोर दिया। उन्होंने इस अवसर विद्यालय की विशेषताओं एवं उपलब्धियों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।

मंच-संचालक एवं वरिष्ठ शिक्षक प्रवीण कुमार पंकज ने कहा कि आप अपने काम के बीच से समय निकालकर प्रतिदिन अपने बच्चों को समय अवश्य दें। उनसे बात करें, उनके दैनिक जीवन में रुचि दिखाएं और उनके नजरिए को जानने का प्रयास करें। इससे आपके और उनके बीच का सहज संवाद विकसित हो सकेगा। 

विद्यालय के शिक्षक वीरेंद्र कुमार ने अपने संबोधन के दौरान बच्चों के विकास में अभिभावकों एवं घर के वातावरण का बहुत बड़ा योगदान बताते हुए कहा कि यदि सकारात्मक वातावरण बनाया जाए तो बच्चों के भविष्य को सशक्त बनाया जा सकता है। विद्यालय के विज्ञान-शिक्षक सायन मुखर्जी ने कहा कि आज बच्चे बहुत बदल चुके हैं। उनके साथ कठोरता के साथ पेश न आएं। उनके भावनाओं को समझने और उनका सहयोग करने के लिए अभिभावक अवश्य प्रयास करें। 

विद्यालय के हिंदी शिक्षक एस. के. रंजन ने कहा कि बच्चों में संस्कार का अभाव हो रहा है। उनमें माता-पिता, बुजुर्गों एवं शिक्षकों के प्रति सम्मान की कमी दिखाई देती है। चरित्र-निर्माण शिक्षा का मूल उद्देश्य है। इसलिए अभिभावकगण अपने बच्चों को घर में सुसंस्कृत बनाने हेतु अवश्य प्रयास करें। विद्यालय की शिक्षिका जोनाफ़ा राय एवं कनीज फातिमा ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि मॉडर्न विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए तत्पर है। हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों के शरीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक एवं चारित्रिक विकास के लिए जितने प्रयत्न कर रहा है, उसमें अभिभावकगण का सक्रिय सहयोग अपेक्षित है।

       अभिभावकगण के सलाह-सुझाव की बारी आने पर कई प्रबुद्ध अभिभावकों ने अपने विचार रखते हुए विद्यालय के व्यवस्था पर संतोष जाहिर करते हुए कुछ रचनात्मक सुझाव भी दिए। एक अभिभावक मधुकांत पांडेय ने शिक्षा को व्यवहारिक जीवन से जोड़ने की आवश्यकता बताई। एक अन्य अभिभावक ने वर्ग-कक्ष में विद्यार्थियों की गतिविधियों को बढ़ाकर विषय-शिक्षण में उनकी सक्रियता को बढ़ाने पर बल दिया। 

किसी अभिभावक ने सीबीएसई विद्यार्थियों के भाषा-स्तर को चिंता जताते हुए इसके परिवर्द्धन हेतु अधिक प्रयास करने पर बल दिया। एक अभिभावक ने सामाजिक अध्ययन एवं संस्कृत के अध्ययन में विद्यार्थियों की कम होती रुचि को बढ़ाने के लिए उचित वातावरण निर्मित करने की आवश्यकता बताई। बैठक के अंत में अभिभावकों ने अल्पाहार का आनंद लिया एवं उसके बाद लगभग 2:00 बजे बैठक की समाप्ति की घोषणा हुई। अभिभावक शिक्षक बैठक के सफल आयोजन में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं की सक्रिय भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।

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