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Nawada News : थानेदार द्वारा पेड़ों की कटाई मामले का जिन्न फिर आया बाहर, आरटीआई कार्यकर्ता ने एसपी से मांगी कार्रवाई की सूचना

  


थानेदार द्वारा पेड़ों की कटाई मामले का जिन्न फिर आया बाहर, आरटीआई कार्यकर्ता ने एसपी से मांगी कार्रवाई की सूचना

नवादा लाइव नेटवर्क।

नवादा जिले के अकबरपुर थाना से सटे पूरब दिशा में सरकारी भूमि पर लगे हरे शीशम पेड़ों की कटाई का मामला फिर से गरमाता दिख रहा है। 

जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने इस बाबत सूचना के अधिकार के तहत एसपी से पूरे मामले में अबतक की गयी कार्रवाई की जानकारी मांगी है। 

जानिए क्या है मामला

राजद नेता राजीव कुमार बावी ने सीधा आरोप अकबरपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार पर लगाते हुए मुख्यमंत्री समेत तमाम अधिकारियों से मामले की जांच की मांग की थी। तब कुछ वीडियो फुटेज उपलब्ध कराया गया था। सोशल मीडिया के साथ अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। 

प्रणव कुमार चर्चिल, आरटीआई कार्यकर्ता

नहीं आया ऑफिशियल बयान

बताया जाता है कि एसपी ने मामले की जांच रजौली पुलिस इंसपेक्टर से करायी थी। लेकिन, रिपोर्ट क्या आया इसका खुलासा अबतक औपचारिक तौर पर नहीं किया गया है।

हालांकि, इस मामले में नवादा एसपी अंब्रिश राहुल ने बातचीत के क्रम में मीडिया वालों से कहा था कि मैंने स्पॉट का निरीक्षण किया था। वहां तो पतला_पतला पेड़ दिखा।इससे ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। अथवा मामले को दबा दिया गया।

 इस मामले में वायरल तस्वीर में पेड़ बड़ा और मोटा सा दिख रहा था। हालांकि, तमाम बवाल के बाद भी अबतक ऑफिशियल बयान किसी स्तर से नहीं आ सका है।

जबकि पेड़ कटा था, चाहे वह मोटा था या पतला, कायदे से इस मामले में एफआईआर होनी चाहिए थी। जांच में जो कोई दोषी पाया जाता उसपर कार्रवाई होती। थानेदार दोषी नहीं थे तो स्वतः क्लिक चिट मिल जाती। वैसे, इस मामले में अन्य संबंधित विभागों के द्वारा भी किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया जाना आश्चर्यजनक है। पेड़ किसकी भूमि पर है, किसने लगाया, वन विभाग का इसमें क्या रोल हो सकता था, आदि आदि सवाल अब भी मौजूं है।

आरटीआई से तस्वीर होगी साफ!

इस बीच, उक्त मामले को आरटीआई कार्यकर्ता ने चर्चिल ने गंभीरता से लेते हुए सूचना के अधिकार के तहत जानकारियां मांगी है। एसपी से मामले की हुई जांच का प्रतिवेदन सहित अन्य कार्रवाई की पूरी संचिका उपलब्ध कराने की मांग की है। ऐसे में एकबार फिर हरे पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सुर्खियों में आ गया है। सूचना मिलने का इंतजार है। इससे काफी कुछ साफ होगा। 29 जुलाई 23 को सूचना मांगी गई है। 

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