Nawada News : देश की पहली महिला शिक्षक सावित्री बाई फुले को जदयू कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि, जिलाध्यक्ष मुकेश विद्यार्थी ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की
देश की पहली महिला शिक्षक सावित्री बाई फुले को जदयू कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि, जिलाध्यक्ष मुकेश विद्यार्थी ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व की चर्चा की
नवादा लाइव नेटवर्क।
जनता दल( यूनाइटेड) कार्यालय कर्पूरी सभागार नवादा में शुक्रवार को सावित्रीबाई फुले की 194 वीं जयंती मनाई गई। कार्यकर्ताओं ने चित्र पर मल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
समारोह को संबोधित करते हुए पार्टी के जिलाध्यक्ष मुकेश विद्यार्थी ने कहा कि सावित्रीबाई फुले जी का जन्म नायगांव महाराष्ट्र में हुआ था। सावित्रीबाई फुले देश की प्रथम महिला शिक्षक थी। इन्होंने लड़कियों के लिए स्कूल की स्थापना की और स्कूल का स्वयं प्राचार्य बनी।
19वीं सदी में महिलाओं की शिक्षा, लिंग ,समानता और सामाजिक सुधार के लिए अद्वितीय योगदान दिया है। इन्होंने लड़कियों के लिए स्कूल की स्थापना किया और अपने लेखन के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की वकालत की। इनके साहस और समर्पण हम सबों को प्रेरणा देता है।
सावित्रीबाई फुले जी से प्रेरित होकर महाराष्ट्र सरकार ने उनके सम्मान में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय का स्थापना किया। नारी शक्ति के रूप में सावित्रीबाई फुले इतिहास के पन्नों में एक चमकता हुआ नाम है। वह एक असाधारण महिला थी। इन्होंने अपना पूरा जीवन दबे कुचले समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए बिताया। इनका बचपन घोर गरीबी और भेदभाव में बीता।
सावित्रीबाई फुले माली जाति के समुदाय में जन्म ली थी। चुनौतियां भरी जिंदगी रहने के बावजूद ज्ञान की प्यास थी। जो उन्हें शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
सन 1848 में सावित्रीबाई फुले और उनके पति ज्योतिबा फुले ने पुणे में लड़कियों के लिए पहला स्कूल की शुरूआत की। यह एक क्रांतिकारी कदम था। उस समय लड़कियों की शिक्षा को लेकर समाज में काफी उदासीनता थी। बहुत सारे चुनौतियों के बावजूद उनका समर्पण अटूट था।
उनका दृढ विश्वास था कि शिक्षा शक्तिकरण की पूंजी है और प्रत्येक लड़की को सीखने और पढ़ने का अवसर मिलना चाहिए । लड़कियों को शिक्षा देने में काफी विरोधों को झेलना पड़ा। सावित्रीबाई फुले एवं उनके पति को काफी अपमानित होने के बावजूद अपने दृढ़ संकल्प से पीछे नहीं हटी।
बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अतुलनीय कार्य किया है। शिक्षा से लेकर सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण देने का काम किया गया है। आज बिहार की बेटियां सरकार के सभी विभागों में कर्तव्य निष्ठा पूर्वक सेवा दे रही है। राजनीति के क्षेत्र में पंचायती राज अधिनियम 2006 लागू कर सभी वर्ग की महिलाओं को 50% आरक्षण देने का काम किया।
आज हर एक वर्ग की महिला वार्ड, पंच ,सरपंच ,मुखिया ,पंचायत समिति ,जिला परिषद सदस्य,जिला परिषद अध्यक्ष, नगर परिषद अध्यक्ष ,नगर निगम अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष, प्रखंड प्रमुख जैसे पदों पर विकास कार्य में गति दे रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने संगठन में महिलाओं को आगे लाने के लिए महिला प्रकोष्ठ बनाया।
मौके पर जयंती प्रदेश उपाध्यक्ष प्रोफेसर प्रमिला प्रजापति, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष सह पार्टी के कोषाध्यक्ष संजय साव, जिला उपाध्यक्ष जयशंकर चंद्रवंशी ,पूर्व जिलाध्यक्ष ललन कुशवाहा, मनोहर पासवान, शशि कुमार शेष ,किशोरी सिंह ,ज्योति पासवान ,महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष शोभा देवी, युवा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष सोनू राज कुशवाहा, इंद्रदेव प्रसाद ,नवल प्रसाद चौहान, नवीन कुमार सिंह , देवनंदन मांझी, विनय कुमार साहू , सीताराम सिंह चंद्रवंशी ,नरेंद्र कुमार यादव,गोकुल प्रजापति , मिथिलेश प्रसाद निराला ,मुकेश मेहता ,अंकित राय , वरुण कुमार वर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित किया।
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