Header Ads

Breaking News

Modern campus : राजस्थानी लोकनृत्य एवं लोकगीतों की मॉडर्न स्कूल में बही रसधार, मंत्रमुग्ध हो संगीत-सागर में डूबे रहे सभी शिक्षक और बच्चे



राजस्थानी लोकनृत्य एवं लोकगीतों की मॉडर्न स्कूल में बही रसधार, मंत्रमुग्ध हो संगीत-सागर में डूबे रहे सभी शिक्षक और बच्चे

स्पिक मैके के सौजन्य से आयोजित हुआ कार्यक्रम, बच्चों ने जाना राजस्थान की समृद्ध संस्कृति एवं विरासत को

विद्यालय के निदेशक ने सभी कलाकारों को 5-5 हज़ार रुपये नकद एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर किया सम्मानित

नवादा लाइव नेटवर्क।

    भारतीय कला एवं संस्कृति की विरासत को सहेजने एवं युवाओं तक पहुंचाने के लिए समर्पित संस्था स्पीक मैके के तत्वावधान में शुक्रवार को मॉडर्न इंगलिश स्कूल, न्यू एरिया एवं कुंतीनगर, नवादा के परिसर में राजस्थानी लोकनृत्य कालबेलिया एवं लोक संगीत लंगा की भव्य प्रस्तुति दी गई।

 जिसमें राजस्थान से आए कलाकार मंडली सुरुमनाथ कालबेलिया एंड पार्टी के कलाकारों ने विद्यालय में संगीत और नृत्य की ऐसी रसधार बहाई कि छात्र और शिक्षक सब इस संगीत सागर में डूबते-उतरते रहे। 

देखें वीडियो_


कालबेलिया लोकनृत्य की अद्भुत प्रस्तुति आरती सपेरा, समदा सपेरा एवं लंगा लोकसंगीत गायक उमर खान, कासिम खान, हारमोनियम वादक महेंद्र खान, ढोलक वादक सद्दाम खान, खड़ताल वादक सागर खान और डफली वादक दिनेश नाथ के समूह ने अपने साज, आवाज एवं नृत्य से ऐसा संगीतमय माहौल बनाया कि सभी बच्चे एवं शिक्षक मंत्रमुग्ध रह गए। 


        कार्यक्रम की प्रस्तुति देने आए कलाकारों को विद्यालय-प्रांगण में स्वागत करते हुएमॉडर्न शैक्षणिक समूह, नवादा के निदेशक डॉ. अनुज कुमार ने कलाकारों को गुलदस्ता और स्मृतिचिह्न प्रदान कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों, विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और भारत की समृद्ध परंपरागत विरासत की ऐसी विविधता है कि प्रत्येक क्षेत्र में के ऐसी लोककलाएँ हैं जिनके कारण हमारी संस्कृति दुनियाभर को पग-पग पर आश्चर्यचकित करते रहती है। 

राजस्थान की संस्कृति और समृद्ध विरासत में महान किले और युद्धों की दास्तान ही नहीं, विपरीत परिस्थितियों में भी उत्साह से लहराता लोक-जीवन भी है। राजस्थानी लंगा लोकगीत एवं कालबेलिया लोकनृत्य अपनी विशिष्ट शैली और सशक्त प्रस्तुति के कारण विश्व में अपनी अलग पहचान रखती है। 


वर्तमान परिवेश में अपनी लोक कलाओं को जीवित रखना हमारे हाथ में हैं। स्पिक मैके के योगदान से ये लोककलाएँ आज देशभर में युवाओं तक अपनी पहचान बना रही है।

       कलाकारों ने कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध राजस्थानी स्वागत गीत पधारो म्हारो देश से करके अतिथिदेवो भवः के संदेश को अत्यंत मनमोहक रूप से देकर कार्यक्रम की शुरुआत किया। इसके पश्चात कालबेलिया कलाकार आरती सपेरा और समदा सपेरा के अत्यंत भावपूर्ण नृत्य ने बच्चों का खूब मनोरंजन किया।

 उन्होंने अपनी नृत्य-प्रस्तुति के दौरान एक के ऊपर एक सात घड़े सिरपर रखकर करतब दिखाए, इसके बाद  शीशे के गिलास पर खड़े होकर नृत्य करके दिखाया तथा आंख की पलकों से जमीन पर पड़ी अंगूठी उठाकर उन्होंने सबको दाँतो तले अंगुली दबा लेने पर विवश कर दिया और उन्होंने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।


 गायकों ने "छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिला के" और कई अन्य लंगा लोकगीत की एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। कार्यक्रम के समापन के पश्चात निदेशक ने कलाकारों की बेहतरीन प्रदर्शन से खुश होकर प्रत्येक कलाकार को पाँच-पाँच हज़ार रुपये देकर सम्मानित किया। 

कार्यक्रम में उपस्थित प्रसिद्ध संगीत शिक्षक वीएस पाठक ने कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उनका धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के बाद बच्चों ने कलाकारों के साथ खूब फोटो खिंचवाए। मौके पर विद्यालय के उप प्राचार्य सुजय कुमार, इंचार्ज एम.के. विजय, वीना बरनवाल सहित सभी शिक्षकगण एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।



No comments