Nawada News : विधान परिषद तक पहुंचा परना डाबर थाना का मामला, सरकार को देना होगा जवाब, मामला अल्पसंख्यक महिला और उसके बेटे के साथ दुर्व्यवहार का
विधान परिषद तक पहुंचा परना डाबर थाना का मामला, सरकार को देना होगा जवाब, मामला अल्पसंख्यक महिला और उसके बेटे के साथ दुर्व्यवहार का
नवादा लाइव नेटवर्क।
नवादा जिले के पराना डाबर थाना में महिला समीना खातून और उसके पुत्र कैफ अंसारी के साथ थाना परिसर में किए गए अभद्र व्यवहार, मारपीट,अवैध ढंग से हिरासत में रख कर उत्पीड़न और आर्थिक दोहन का मामला बिहार विधान परिषद तक पहुंच गया है। अब सरकार घटना के संबंध में की गयी कार्रवाई (ए.टी.आर.) की सूचना आगामी 9 नवम्बर को बिहार विधान परिषद में देगी।
भारतीय जनता पार्टी के विधान पार्षद एवं भारत सरकार के पूर्व मंत्री डॉ संजय पासवान द्वारा पसमांदा समाज की इस महिला के साथ हुए घटना को लेकर बिहार विधान परिषद में तारांकित प्रश्न की नोटिस दी है, जिसे परिषद के सभापति ने प्रश्न संख्या पी.पी.04 के रूप में स्वीकृति प्रदान करते हुए आगामी 6 नवंबर से शुरू होने वाले सदन के 205 वें सत्र के दिनांक 9 नवंबर के कार्यक्रम में इस प्रश्न को प्राथमिकता के साथ सरकारी उत्तर के लिए एजेंडा में शामिल किया है।
राज्य सरकार के गृह विभाग ने इस घटना की वस्तुस्थित से सदन को अवगत कराने के लिए कवायद शुरू कर दी है। पुलिस मुख्यालय को इस मामले में वरीय पदाधिकारी से जांच कराकर विस्तृत प्रतिवेदन भेजने को कहा है। पुलिस मुख्यालय के आदेश पर रजौली के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पंकज कुमार ने 2 नवंबर 2003 को परना डाबर थाना पहुंचकर पूरे मामले की विस्तृत जांच की।
बताया जा रहा है कि पीड़िता समीना खातून और उसके पुत्र कैफ अंसारी तथा इस घटना के साक्षी खटांगी ग्रामीण शमीम अंसारी, मंजूर अंसारी, कैश अंसारी तथा शारिक अंसारी ने 2 नवंबर को देर शाम रजौली पहुंचकर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पंकज कुमार को अपना-अपना ब्यान दर्ज कराया। जिसमें लोगों द्वारा घटना की पुष्टी की गई। ककोलत विकास परिषद के अध्यक्ष मसीह उद्दीन भी जांच के दौरान पीड़िता और उसके परिवार के साथ मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि खटांगी ग्राम के निवासी मोहम्मद अलीफ सानी उर्फ मुन्ना ड्राइवर की पत्नी समीना खातून ने गत 5 अक्टूबर को 2023 को नवादा के पुलिस अधीक्षक से मिलकर शिकायत की थी कि गत 28 सितंबर को परनाडाबर थाना के थाना अध्यक्ष ने दर्जनों लोगों की मौजूदगी में उसे भद्दी- भद्दी गाली देते हुए 3 घंटे तक अवैध ढ़ंग से हिरासत में बंद रखा था। बेटे कैफ अंसारी की थानाध्यक्ष द्वारा पिटाई की थी। उसे भी हाजत में बंद किया गया था।
पीड़िता की गोतनी और शिकायतकर्ता अफसाना निगार द्वारा शिकायती आवेदन वापस लेने के पश्चात आर्थिक दोहन करके उसे और उसके बेटे को हिरासत से मुक्त किया
नवादा के पुलिस अधीक्षक ने रजौली के पुलिस निरीक्षक को इस मामले की जांच का आदेश दिया था। जांच पदाधिकारी ने विस्तृत जांच के पश्चात प्रतिवेदन समर्पित किया था।
ककोलत विकास परिषद के अध्यक्ष मसीह उद्दीन ने इस मामले को लेकर गत 3 अक्टूबर को राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक( कमजोर वर्ग)श्रीमती मलार एस.लिवि,13 अक्टूबर को पुलिस महानिदेशक श्री आर.एस.भट्ठी और 19 अक्टूबर मगध प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक श्री छत्रनील सिंह से भेंट करके दोषी पुलिस अघिकारी के विरूद्ध विधिसम्मत कारवाई की मांग की थी।
पसमांदा मुस्लिमों का मामला इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में है और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी बार-बार इस की चर्चा कर रहे हैं। ऐसे में इस मुद्दे की गुंज सदन को हंगामेदार कर सकती है। राज्य का गृह विभाग मुख्य मंत्री के जिम्मे है और उनके लिए यह घटना असामंजस की स्थिती उत्पन्न कर सकता है।
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