Bihar News : नव नालंदा महाविहार में हुआ विचारों का संगम, गुरू पद्मसंभव पर आयोजित हुआ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
नव नालंदा महाविहार में हुआ विचारों का संगम, गुरू पद्मसंभव पर आयोजित हुआ दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन
नवादा लाइव नेटवर्क।
नव नालंदा महाविहार, नालंदा व इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काॅन्फेडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में पद्मसंभव के जीवन व विरासत पर आधारित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन सफलतापूर्वक गुरुवार 29 अगस्त 2024 को नव नालंदा महाविहार, नालदा में हुआ।
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 7 शैक्षणिक सत्रों में 36 शोधपत्र पढे गए, जिसमें भारत के अलावा रूस, श्रीलंका, म्यांमार, नेपाल, भूटान के प्रतिनिधियों ने पद्मसंभव के जीवन व उनसे जुड़े विभिन्न आयामों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए।
शैक्षणिक सत्र के पहले भाग में उनके जीवनी और मिथक, ब्रजयान बौद्ध अध्ययन व तंत्र तथा पद्मसंभव के साहित्य व कला के योगदान पर शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। वही दूसरे भाग में पद्मसंभव के यात्रा व स्थानीय प्रभाव के साथ-साथ उनके विचारों की वर्तमान समय में प्रासंगिकता को लेकर शैक्षणिक समागम हुआ।
इसके अतिरिक्त नव नालंदा महाविहार के आचार्यों व शोधछात्रों ने भी समानांतर सत्र में अपनी भूमिका निभाते हुए पत्र पढ़े। कार्यक्रम के समन्वय प्रो. दीपंकर लामा ने बताया कि सम्मेलन में 36 अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय वक्ताओ में 16 वक्ता नव नालंदा महाविहार के भी शामिल रहे। समानांतर सत्र की अध्यक्षता प्रो. राणा पुरूषोत्तम व डाॅ. बुद्धदेव भट्टाचार्य ने किया।
मैनुस्क्रिप्ट सेक्शन में भाया शिक्षाविदों का दिल
सम्मेलन के समापन के बाद नव नालंदा महाविहार ने अपने लाइब्रेरी स्थित मैनुस्क्रिप्ट सेक्शन को सम्मेलन में गणमान्य शिक्षाविद व वक्ताओं को दिखाया। लगभग हजार साल पहले तक के पांडुलिपियों को देखकर शामिल प्रतिभागियों ने काफी प्रसन्नता व महाविहार के समृद्धता पर खुशी जाहिर की।
कार्यक्रम के सफल आयोजन पर महाविहार के कुलपति प्रो. राजेश रंजन ने कहा कि नालंदा के संवाद परंपरा को जीवंत कर उसके उत्कर्ष पर ले जाने क्रम में इस प्रकार के आयोजनों की काफी जरूरत है और नव नालंदा महाविहार बौद्ध विरासतों के संवर्धन व संरक्षण के लिए कटिबद्ध है। विशेष रूप से उन्होंने संस्कृति मंत्रालय के अभूतपूर्व सहयोग व सम्मेलन के लिए भिक्षु महासंघ व बुद्धिस्ट काॅन्फेडरेशन ऑफ इंडिया को विशेष धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में कुलसचिव डाॅ. मीता, कार्यक्रम समन्वय प्रो. दीपंकर लामा, डाॅ. अरूण सहित महाविहार के सभी शिक्षक, छात्र व कर्मचारियों ने अपनी भूमिका निभायी।
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