Nawada News : शीतलहर के प्रकोप से बचाव को जिला प्रशासन नवादा का एडवाइजरी जारी
आशुतोष कुमार वर्मा, डीएम नवादा
शीतलहर के प्रकोप से बचाव को जिला प्रशासन नवादा का एडवाइजरी जारी
नवादा लाइव नेटवर्क।
शीत लहर के प्रकोप से बचने के लिए जिला प्रशासन नवादा के द्वारा आपदा के तहत एडवाइजरी जारी किया गया है।जिसका अनुपालन करने की अपील जिले वासियों से की गई है।
शीत-घात बचाव से लिए क्या करें और क्या न करें...
शीत घाट के पहले...
@ स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो, टीवी, समाचार पत्र पर नजर रखें ताकि यह पता चल सके कि आगामी दिनों में शीत लहर की संभावना है या नहीं।
@सर्दियों लिए पर्याप्त कपड़ों का स्टॉक करें। कपड़ों की कई परतें अधिक सहायक होती है।
@ आपातकालीन आपूर्ति जैसे भोजन, पानी, इंधन, बैटरी, चार्जर, आपातकालीन प्रकाश और साधारण दवाएं तैयार रखें।
@ घर में ठंडी हवा के प्रवेश रोकने हेतु दरवाजों तथा खिड़कियों को ठीक से बंद रखे।
@ फ्लू, नाक बहना, भारी नाक या नाक बंद जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती है।
इस तरह के लक्षणों से बचाव हेतु आवश्यक सावधानी बरतें तथा स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या डॉक्टर से परामर्श लें।
2. शीत-घात के दौरान
@ मौसम की जानकारी तथा आपातकालीन प्रक्रिया की जानकारी का बारीकी से पालन करें एवं शासकीय एजेंसियों की सलाह के अनुसार कार्य करें।
@जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश, बर्फ के संपर्क को रोकने के लिए कम यात्रा करें।
@एक परत वाले कपड़े की जगह ढीली फिटिंग वाले परतदार हल्के कपड़े, हवा रोधी/सूती का बाहरी आवरण तथा गर्म ऊनी भीतरी कपड़े पहने। तंग कपड़े खून के बहाव को रोकते हैं इनसे बचें।
@ खुद को सूखा रखें। शरीर की गरमाहट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उँगलियों को पर्याप्त रूप से ढके। गीले कपड़े तुरंत बदलें।
@ बिना उँगली वाले दस्ताने का प्रयोग करे। ये दस्ताने उँगलियों की गरमाहट बचाये रखने में मदद करते हैं। अपने फेफड़ों को बचाने के लिए मुँह तथा नाक ढक कर रखें।
@शरीर की गर्मी बचाये रखने के लिए टोपी/हैट, मफलर तथा आवरण युक्त एवं जलरोधी जूतों का प्रयोग करें। सिर को ढकें क्योंकि सिर के उपरी सतह से शरीर की गर्मी की हानि होती है।
3. स्वास्थ्यवर्धक भोजन करें...
@ पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियाँ खाएं।
@ गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी।
@ तेल, पेट्रोलियम जेली या बॉडी क्रीम से नियमित रूप से अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करें।
4 बुजुर्गों और बच्चों पर रखें नजर...
@ बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का ध्यान रखें एवं ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते हैं विशेषकर बुजुर्ग लोगों का हाल-चाल पूछते रहें।
@ आवश्यकता अनुसार जरूरी सामग्री का भंडारण करें। जरूरी मात्रा में पानी भी रखें, पाईप में पानी जम सकता है।
@ रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें।
@ कमरों को गर्म करने के लिए कोयले का प्रयोग न करें। अगर कोयले तथा लकड़ी को जलाना आवश्यक है तो उचित चिमनी का प्रयोग करें। बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है क्योकि यह कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है जो किसी की जान भी ले सकती है।
@ गैर औद्योगिक भवनों में गर्मी के बचाव हेतु गाइडलाइन अनुसार रोधन का उपयोग करें।
5.और भी जानें...
@ ज्यादा समय तक ठंड के संपर्क में न रहें ।
@ शीत में क्षतिग्रस्त हिस्सों की मालिश न करें। यह त्वचा को और नुकसान पहुँचा सकता है।
@ अचेतावस्था में किसी को कोई तरल पदार्थ न दें।
@ शीत लहर के संपर्क में आने पर शीत से प्रभावित अंगों के लक्षणों जैसे कि संवेदनशून्यता, सफेद अथवा पीले पड़े हाथ एवं पैरों की उँगलियों, कान की लौ तथा नाक की उपरी सतह का ध्यान रखें।
@ शीत लहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदन शून्य तथा लाल फफोले पड़ सकते हैं। यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे गैंगरीन भी कहा जाता है। यह अपरिवर्तनीय होती है। अतः शीत लहर के पहले लक्षण पर ही चिकित्सक की सलाह लें। तब तक अंगों को तत्काल गर्म करने का प्रयास करें। ज्यादा गर्मी से इन अंगों के जलने की संभावना होती है।
@ शीत से प्रभावित अंगों को गुनगुने पानी (गर्म पानी नहीं) से इलाज करें। इसका तापमान इतना रखें कि यह शरीर के अन्य हिस्से के लिए आरामदायक हो। कंपकंपी को नजर अंदाज ना करें। यह शरीर से गर्मी के ह्रास का पहला संकेत है कि तत्काल गर्मी प्राप्त करने लिए भवन के अंदर चले जाएँ।
@ प्रभावित व्यक्ति को गर्म स्थान पर ले जाएँ तथा उनके गीले तथा ठंडे कपड़ों को बदलें।
@ प्रभावित व्यक्ति को त्वचा से त्वचा मिलाकर, कंबल, कपड़ों तौलियों तथा चद्दरों की परतों द्वारा गर्म करें । उसको हीटर अथवा आग के आसपास रखें*।
@ उसको गर्म पेय पदार्थ दें जिससे शरीर में गरमाहट बनाए रखने में मदद मिले।
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