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Nawada News : भारत बंद का नवादा में मिलाजुला असर, शहर-बाजार में कारोबार पर असर, वाहनों का परिचालन प्रभावित, रोकी गई ट्रेनें



भारत बंद का नवादा में मिलाजुला असर, शहर-बाजार में कारोबार पर असर, वाहनों का परिचालन प्रभावित, रोकी गई ट्रेनें


नवादा लाइव नेटवर्क।


अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण का वर्गीकरण और क्रिमिलेयर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बुधवार को भारत बंद का नवादा में मिला-जुला असर देखा गया। शहर-बाजार में दुकानें बंद रही। कारोबार पर असर पड़ा। सड़कों पर वाहनों का परिचालन प्रभावित हुआ। 


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किउल-गया रेलखंड पर वारिसलीगंज में करीब एक घंटे तक हावड़ा-गया एक्सप्रेस ट्रेन को रोका गया। इसका असर इस रेलखंड पर परिचालित सभी ट्रेनों पर पड़ा। जिला मुख्यालय नवादा सहित जिले के अन्य शहर-बाजार में बंद समर्थक घूम-घूमकर बाजार बंद की अपील करते देखे गए। आमतौर पर नवादा बंद शांतिपूर्ण रहा। कहीं से किसी प्रकार के अप्रिय घटना की खबर नहीं है।


बंद समर्थकों ने डीएम को 6 सूत्री मांगो का ज्ञापन सौंपा


सर्वोच्च न्यायलय द्वारा अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण का वर्गीकरण और क्रिमिलेयर को लेकर अनुसूचित जाति-जनजाति द्वारा शबुधवार को भारत बंद नवादा में असरदार रहा। अनुसूचित जाति-जनजाति संघर्ष मोर्चा के बैनर तले नवादा बंद करा रहे लोगों ने डीएम नवादा को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। 

 

आंदाेलनकारी नेताओं ने आरक्षण के साथ छेड़छाड़ नहीं करने, एसी-एसटी की एकता को नहीं तोड़ने पर बल दिया। कहा कि आरक्षण के वर्गीकरण से अनुसूचित जाति/जनजाति की एकता टूट सकती है, जो बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की विचार धारा के खिलाफ है। उनकी बिचारधारा को भारत में मानने वाले करोड़ों लोग हैं। उन्होंने कहा था संगठित रहो, लेकिन हमारी एकता को तोड़ने का प्रयास किया गया है। जिससे एससी-एसटी वर्ग में आक्रोश है।


अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष मोर्चा नवादा के अध्यक्ष संजय पासवान उर्फ डीसी, सचिव चन्दन कुमार चौधरी सहित पासवान समाज अध्यक्ष ब्रह्मदेव पासवान, ज्योति पासवान, अयोध्या पासवान, संजय चौधरी वार्ड पार्षद, सीताराम चौधरी, सुबोध कुमार उर्फ जॉनी रविदास, पड़कन चौधरी, धर्मदेव पासवान, बिल्लू चौधरी, अरविन्द दास, लक्की पासवान, सीता राम चौधरी, संजय रविदास, अनुज चौधरी, उमेश चौधरी, प्रो. अयोध्या पासवान, प्रो. बिशुनदेव पासवान, राज किशोर दास, बिल्लू चौधरी, चन्द्रिका चौधरी आदि आज के बंद में शामिल हुए।

 


डीएम को सौंपे गए ज्ञापन में की गई मांगें-

1. 01/08/2024 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दी गई व्यवस्था में अनुसूचित जाति/जनजाति में क्रिमि लेयर/वर्गीकरण का फैसला वापस लिया जाए।

2. कॉलेजियम सिस्टम से जजाें की नियुक्ति समाप्त की जाए।

3. भारतीय न्यायिक सेवा द्वारा उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय में जजों की भर्ती की जाए।

4. निजी क्षेत्र में एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण लागू की जाए।

5. पूरे भारत में एससी, एसटी, ओबीसी के रिक्त पड़े सरकारी पदों पर विशेष भर्ती अभियान चलाकर बैकलॉग को भरा जाए।

6. आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए।


निकाला गया मशाल जुलूस


अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष मोर्चा द्वारा मंगलवार की शाम को मशाल जुलूस निकाला गया। अध्यक्ष संजय पासवान उर्फ डीसी एवं सचिव चंदन कुमार चौधरी के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला गया। इसके माध्यम से अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण के साथ छेड़छाड़ का विरोध किया गया। साथ ही बुधवार 21 अगस्त को भारत बंद को सफल बनाने की अपील की गई। 


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अध्यक्ष संजय कुमार उर्फ डीसी ने कहा कि आरक्षण से छेड़छाड़ बर्दास्त नहीं होगा। यह फैसला दलित और आदिवासी विरोधी है, जिससे पूरे भारत में आक्रोश है। एससी-एसटी संघर्ष मोर्चा सचिव ने कहा कि आरक्षण आर्थिक आधार पर नहीं मिला था, तो क्रिमिलेयर लागू करना सही नहीं है। सामाजिक शोषण छुआछूत के आधार पर आरक्षण दिया गया था। अभी हमलोगों को 50 साल और आरक्षण देना होगा, तभी हमारा दलित-आदिवासी समाज के मुख्य धारा में आएंगे।


सिपाही भर्ती परीक्षा पर बंद का असर नहीं


भारत बंद के बीच नवादा में आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा निर्धारित समय पर शुरू हुई। बंद का परीक्षा पर असर नहीं दिखा। बंद समर्थकों ने भी परीक्षा में खलल डालने का प्रयास भी नहीं किया। परीक्षा ही नहीं बल्कि आवश्यक सेवाओं को भी बंद से मुक्त रखा गया था। बता दें कि चौथे चरण की सिपाही भर्ती परीक्षा बुधवार को निर्धारित था।




















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