Modern Campus : लागे वृंदावन मनभावन, सजनी सावन पावन..., कजरी गीत से गुंजायमान हुआ मॉडर्न
लागे वृंदावन मनभावन, सजनी सावन पावन..., कजरी गीत से गुंजायमान हुआ मॉडर्न
*मॉडर्न इंग्लिश स्कूल में लोक गायिका डॉ विदुषी रंजन झा ने दी शानदार प्रस्तुति*
*कजरी गीतों की प्रस्तुति पर झूम उठे बच्चे*
नवादा लाइव नेटवर्क।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्धता प्राप्त संस्थानों में अग्रणी विद्यालय मॉडर्न इंग्लिश स्कूल के बहुद्देशीय सभागार में स्पीक मैकाई संस्था के माध्यम से कजरी गीत की शानदार प्रस्तुति दी गई। बिहार की प्रख्यात लोक गायिका , संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत डॉ विदुषी रंजना झा ने अपनी गायन शैली से बच्चों को रोमांचित कर दिया।
कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई। विदुषी रंजन जाने बच्चों को बताया कि कजरी गीतों में वर्षा ऋतु का वर्णन विरह-वर्णन तथा राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन अधिकतर मिलता है। कजरी की प्रकृति क्षुद्र है। इसमें श्रृंगार रस की प्रधानता होती है। कजरी जो कि भारतीय लोक संस्कृति का एक हिस्सा रहा है। यह प्रायः सावन के महीने में देश के हर क्षेत्र में गया जाने वाला लोकगीत रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत से किया गया ,जहां विद्यालय के प्राचार्य गोपाल चरण दास, उपप्राचार्य मिथिलेश कुमार विजय एवं सुजय कुमार, समीर सौरभ आदि ने पुष्प गुच्छ भेंटकर सभी कलाकारों को सम्मानित किया। स्पीक मैकाई के कोऑर्डिनेटर मनीष ठाकुर सिंह ने कहा कि मॉडर्न इंग्लिश स्कूल हमेशा अपने छात्रों को एक व्यापक भारतीय नागरिक के रूप में विकसित करने के लिए हमारी भारतीय संस्कृति और इसकी विरासत के हर कोने को तलाशने के लिए एक कदम आगे रहता है।
जैसा कि सभी जानते हैं, स्पीक मैकाई एक स्वैच्छिक आंदोलन है जो युवाओं और बच्चों में हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जागरूकता लाने का प्रयास करता है। इस संस्था के द्वारा देश विदेश के प्रतिष्ठित कलाकार शैक्षिक संस्थानों में प्रदर्शन करते हैं। शास्त्रीय संगीत,वाद्य ,नृत्य ,भारत के लोक संगीत और लोक नृत्य पारंपरिक हस्तशिल्प और चित्रकार छात्रों को पेश किए जाते हैं।
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कार्यक्रम का आगाज तुलसीदास के द्वारा रचित लोकप्रिय भजन श्री रामचंद्र कृपालु भजुमन से किया गया। गीत की प्रस्तुति के समय सभी छात्र मंत्र मुग्ध होकर आनंद उठा रहे थे। रंजना झा जी ने लागे वृंदावन मनभावन,सजनी सावन पावन ना गीत की प्रस्तुति देकर वृंदावन के झूलनोत्सव की याद दिला दिया। रिमझिम बरसे पनिया, बाबा ले ले चलियो हमरे देवघर नगरी आदि एक से एक कजरी गीतों की शानदार प्रस्तुति से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।
उनके साथ तबले पर शानदार तबला वादक अजीत कुमार साथ दे रहे थे। दिव्य चेतन पर्कशन में डमरू ,झाल, ड्रम , झांझर जैसे कई छोटे-छोटे वाद्य यंत्रों को एक साथ संगत करने में लगे हुए थे।
प्राचार्य ने उक्त आयोजन के संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कजरी जैसे लोकगीत अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। लोकगीत ,लोक संस्कृति हमारी विरासत है। हमारी परंपरा है इसे जीवंतता प्रदान करना हमारा परम कर्तव्य है। विद्यालय के कुंती नगर एवं न्यू एरिया दोनों शाखाओं में कजरी गीत की प्रस्तुति दी गई। हजारों की संख्या में बैठे छात्र-छात्राओं ने मंत्र मुग्ध होकर कार्यक्रम का आनंद उठाया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षकों की सराहनीय भूमिका रही।
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