Big News : छोटी सी रकम में बड़ा खेल, लाखों-करोड़ों डकार रहे रसोई गैस के वितरक, कई सालों से चल रहा खेल
नवादा में रसोई गैस के वितरण में हो रहा करोड़ों का गोलमाल, उपभोक्ता के आंखों में धूल झोंक ऊंची कीमत वसूल रहे वितरक
छोटी सी रकम में बड़ा खेल, वितरक वेंडर को बना रहे मोहरा
नवादा लाइव नेटवर्क।
नवादा जिले में रसोई गैस के वितरक लाखों करोड़ों रुपये का गोलमाल साल दर साल करते आ रहे हैं। आसपास के जिलों से भिन्न व्यवस्था यहां के वितरकों ने बनाकर रख दिया है। लगातार रसोई गैस सिलिंडर की बढ़ती कीमतों के बीच वितरकों की मनमानी ने उपभोक्ताओं की कमर तोड़कर रख दी है। वितरक इस खेल में भेंडर को मोहरा बना रखें हैं।
ये क्या हो रहा है नवादा में...
रसोई गैस वितरण की नवादा में जो व्यवस्था है वह जानकर हर कोई हैरान रह जाएगा। यहां निर्धारित मूल्य से 15 से 70 रुपये तक ज्यादा वसूला जा रहा है। देखने सुनने में तो यह छोटी रकम है लेकिन कुल उपभोक्ताओं के लिहाज से देखा जाए तो चौकाने वाली स्थिति बनती है।
साढ़े 3 लाख से ज्यादा हैं उपभोक्ता
नवादा जिले में करीब 3 लाख 60 हजार एलपीजी के उपभोक्ता बताए जाते हैं। इसमें करीब 2 लाख सामान्य और 1.60 लाख उज्ज्वला योजना के लाभुक हैं। नवादा जिले में जब वितरण और कीमत की पड़ताल की गई तो पाया गया कि 34 वितरक अपने वेंडर के जरिये उपभोक्ताओं तक सिलिंडर पहुंचाते हैं। वितरक नवादा नगर से लेकर प्रखंडों और कस्बे में अपना प्रतिष्ठान खोल रखें हैं। वितरक द्वारा नियुक्त भेंडर उपभोक्ता तक सिलिंडर पहुंचाकर मनमानी करते हैं।
अधिक कीमत की होती है वसूली
पड़ताल में जो बातें सामने आई वह ये की सरकार के निर्धारित दर से वितरक और उनके भेंडर अधिक राशि की वसूली उपभोक्ताओं से करते हैं। हर वितरक के इलाके में अलग-अलग रेट है।
सरकार का दर 1150.50 रुपये
घरेलु सिलिंडर के लिए सरकार का निर्धारित दर आज के दिन में 1150 रुपये 50 पैसे है। लेकिन कहीं 1165 तो कहीं 1220 रुपये लिया जा रहा है। जहां ज्यादा वितरक हैं, प्रतिस्पर्धा के बाजार में थोड़ा कम रेट है।
नवादा नगर की बात की जाए तो 1180 से 1190 रुपये प्रति सिलिंडर लिया जा रहा है। अर्थात मनमौजी है। पड़ताल के दौरान एक भेंडर ने 1190 रुपये कीमत बताया जब उससे ज्यादा कीमत लेने की बात कही गई तो नाराजगी भरे लहजे में काफी कुछ बोल गया। अंत में यह कहकर आगे बढ़ गया कि सब एजेंसी का मालिक ही चोर है। उस भेंडर का नाम खोलना उचित नहीं है, उसके पेट पर आफत आ सकता है।
अब समझिए कितने की लगाई जा रही चपत
पहले ही बता चुके हैं कि जिले में तीन कंपनियों एचपीसीएल, बीपीसीएल और इण्डेन के 34 वितरक हैं। जिनके पास करीब 3 लाख 60 हजार उपभोक्ता हैं। एक आंकड़ा बताता है कि जिले में कुल उपभोक्ताओं का करीब 40-45 प्रतिशत ही प्रतिमाह उठाव होता है। इस लिहाज से औसतन करीब डेढ़ लाख सिलिंडर प्रतिमाह उपभोक्ता उठाव करते हैं।
दूसरी ओर जिले के सभी 14 प्रखंडों से जो आंकड़ा हमने जुटाया है उसपर गौर करने पर पता चलता है कि 15 से 70 रुपये तक ज्यादा की वसूली प्रति सिलिंडर की जाती है। इसका औसत करीब 25 रुपये प्रति सिलिंडर आता है, जो उपभोक्ताओं से अधिक वसूले जाते हैं।
25 रुपये प्रति सिलिंडर और डेढ़ लाख उपभोक्ता को गुना करने पर यह आंकड़ा 37 लाख 50 हजार रुपये होता है। यानी कम से कम 37-38 लाख का महीना और सालाना करीब 45 करोड़ रुपये का बारा-न्यारा गैस वितरक अपने भेंडर के माध्यम से करते हैं।
वितरक को मिलता है 60 रुपये प्रति सिलिंडर कमीशन
वितरकों को प्रति गैस सिलिंडर 60 रुपये कमीशन मिलता है। जिसमें 20 रुपये ढुलाई का। मतलब ये कि 20 रुपये के खर्च से सिलिंडर को उपभोक्ताओं तक वाहन-रिक्सा से पहुंचाना होता है। शेष राशि वितरक की होती है। लेकिन यहां का हाल है कि उपभोक्ता से ही पूरी खर्च वसूली जा रही है।
इस मसले पर जिस किसी वितरक से बात की जाती है, एक ही कही जाती है कि उपभोक्ता ज्यादा राशि न दें। सवाल वहीं पर अटक जाता है कि ज्यादा राशि ली ही क्यों जाती है?
जानिए किस प्रखंड में कितनी कीमत
सदर अनुमंडल
नवादा-1180-1190
वारिसलीगंज-1170
हिसुआ-1170
पकरीबरावां-1180-1190
काशीचक-1170
कौआकोल-1180
नारदीगंज-1170
रजौली अनुमंडल
रजौली-1200
सिरदला-1165-1180
मेसकौर-1175
नरहट-1180
अकबरपुर-1200
गोविंदपुर-1165
रोह-1200-1220
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