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Good News: नालंदा के मिथिलेश ने बीपीएससी 66वीं में पाई सफलता, केंद्रीय सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर विभाग में हैं कार्यरत

 नालंदा के मिथिलेश ने बीपीएससी 66वीं में पाई सफलता, केंद्रीय सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर विभाग में हैं कार्यरत

नवादा लाइव नेटवर्क।

बिहार लोक सेवा आयोग की 66वीं संयुक्त परीक्षा में नालंदा जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र के जोरारपुर गांव के किसान लक्ष्मण प्रसाद के पुत्र मिथिलेश कुमार ने दूसरे प्रयास में 367 रैंक प्राप्त कर घर परिवार का नाम रोशन किया है। वे श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के लिए चयनित हुए हैं। 

मिथिलेश फिलहाल केंद्रीय सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर विभाग, वित्त मंत्रालय में कार्यरत हैं। अपने कर्तव्यों का निर्वहन एवं पारिवारिक दायित्वों को निभाते हुए यह सफलता पाई है,जो बहुत बड़ी उपलब्ध है।मिथिलेश ने बताया कि सीजीएल के तहत 2012 में सफल होकर केंद्रीय   सीमा शुल्क एवं अप्रत्यक्ष कर वित्त मंत्रालय मैसूर में कार्यकारी सहायक के पद पर नियुक्ति हुई थी। उसके बाद अपने दायित्वों का पालन करने में मशगूल हो गया। किसान परिवार से आने के कारण अपनी मिली नौकरी को प्राथमिकता देकर अपना कार्य करता रहा। 

लेकिन आगे के लिए प्रयास भी जारी रहा। करीब 10 वीर्षो के बाद पुनः मुझे अपने आप में संतुष्टि मिली है।उन्होंने बताया कि अगर मुझे परिवार से सहयोग नहीं मिलता तो नौकरी करते हुए बीपीएससी की परीक्षा क्रैक करना आसान नही होता। इसे कठिन परीक्षा में सफलता के लिए धैर्य और लगातार प्रयासरत रहने की जरूरत होती है। 

मिथिलेश ने उच्च विद्यालय मघड़ा से मैट्रिक एवं अल्लामा इकबाल कॉलेज बिहार शरीफ से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास किया। साल 2010 में किसान कॉलेज बिहार शरीफ से बीसीए से स्नातक की परीक्षा में पूरे कॉलेज में पहला स्थान प्राप्त किया था। वे बचपन से ही पढ़ने में मेघावी छात्र रहे थे।

किसान परिवार से आने के कारण अध्ययन काल में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। बाबजूद अपनी मेहनत के बदौलत यह मुकाम हासिल करने में सफल हुए। 

मिथिलेश ने बताया कि विवाह के बाद अपने परिवार और बच्चों को समय देते हुए किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना कठिन है ,लेकिन परिवार में पत्नी और बच्चे सहयोगी की भूमिका में रहे तो आप सफल हो सकते है। जैसा कि मुझे मेरी पत्नी काजल एवं बच्चों ने सहयोग किया है। 

मिथिलेश बताते हैं कि मेरी मूल मंजिल यूपीएससी क्रैक कर डीएम बनने की है। 

उन्होंने अपनी तैयारी आगे जारी रखने की बात कही है। इनकी माता गिरिजा देवी गृहिणी हैं। दो भाई और दो बहन में मिथिलेश दूसरे हैं। इनकी सफलता पर गांव में खुशी की लहर है। सगे सबंधी भी खुश हैं। इन्होंने अपनी सफ़लता का श्रेय अपने पूरे परिवार को दिया है






 





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