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Breaking News : नवादा में एसपी ने पांच पुलिस अफसरों को हाजत में डाला, संघ नाराज, सरकार से कार्रवाई की मांग, एसपी का आरोपों से इंकार

 

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नवादा में एसपी ने पांच पुलिस अफसरों को हाजत में डाला, संघ नाराज, सरकार से कार्रवाई की मांग, एसपी का आरोपों से इंकार

नवादा लाइव नेटवर्क।

नवादा के पुलिस महकमा से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। खबर ऐसी कि पुलिस महकमा में खलबली मची हुई है। जिला से लेकर राज्य स्तर पर पुलिस एसोसियेशन उठ खड़ा हुआ है। मामला नवादा नगर थाना में तैनात पांच पुलिस अफसरों को थाना हाजत में बंद करने का है। लपेटे में नवादा के पुलिस अधीक्षक डा गौरव मंगला हैं।

देखें वीडियो_

 

इनपर आरोप लगा है कि 8 सितंबर की रात्रि उन्होंने नगर थाना के 2 दारोगा और 3 जमादार एसआई शत्रुधन पासवान, एसआई रामरेखा सिंह, एएसआई संतोष पासवान, एएसआई संजय सिंह और एएसआई रामेश्वर उरांव कुल 5 अफसरों को थाना हाजत में बंद कर दिया। करीब 2 घंटे तक सभी थाना हाजत में बंद रखे गए। बाद में सभी को मुक्त किया गया। 


हालांकि एसपी डा मंगला आरोपों को खारिज करते हैं। नगर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह ने भी इस ऐसी किसी घटना से इंकार किया है। 

पूरा मामला ये है कि 8 सितंबर की रात्रि करीब 9 बजे एसपी नगर थाना पहुंचे थे। कांडों का रिव्यू करने के दौरान कुछ अफसरों की लापरवाही सामने आई। इसके बाद वे खफा हो गए और पांच पुलिस अफसरों को हाजत में बंद करा दिया। करीब दो घंटे बाद सभी को हाजत से निकाला गया।


यह खबर 9 सितंबर शुक्रवार को वॉट्सएप पर सूचनात्मक रूप में वायरल हुई। कोई फोटो या वीडियो नहीं था। खबर की पुष्टि के लिए जब नवादा लाइव द्वारा एसपी से संपर्क किया गया तो उन्होंने फेक न्यूज बताया। नगर थानाध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने भी ऐसी किसी घटना से इंकार किया। मामला आया राम गया राम वाला ही गया।

इस बीच मामला तब तुल पकड़ा जब बिहार पुलिस एसोसियेशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह तक यह बात पहुंची। उन्होंने एसपी से बात करने का प्रयास किया तो कॉल रिसीव नहीं किया। इसके बाद 10 सितंबर को उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पूरे मामले की जांच की मांग कर दी है। नगर थाना का सीसीटीवी फुटेज खंगालने और विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की गई है। 


अध्यक्ष ने आशंका जताई है कि सीसीटीवी जो की महत्वपूर्ण साक्ष्य है उसके साथ एसपी के स्तर से छेड़ छाड़ किया जा सकता है। उन्होंने एसपी की कार्रवाई को कनीय पुलिस अफसरों का मनोबल तोड़ने वाला बताते हुए मामले की निष्पक्ष और न्यायिक जांच करा आईपीसी की धारा में एफआईआर करने की मांग की है। 

बहरहाल, यह मामला काफी तुल पकड़ लिया है। संबंधित पुलिस पदाधिकारी अगर अड़ गए तो कप्तान को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।



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