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Crime News : नवादा में ऋण देने के पहले हो गया लाखों का फ्रॉड, दर्जनों महिला_पुरुष हुए शिकार, जिला उद्योग केंद्र से आवेदन स्वीकृति के नाम पर हुआ ठगी

जिला उद्योग केंद्र, नवादा

नवादा में ऋण देने के पहले हो गया लाखों का फ्रॉड, दर्जनों महिला_पुरुष हुए शिकार, जिला उद्योग केंद्र से आवेदन स्वीकृति के नाम पर हुआ ठगी

नवादा लाइव नेटवर्क।

नवादा में ऋण देने के नाम पर बड़ा फ्रॉड हुआ है। जिला उद्योग केंद्र से ऋण स्वीकृति के नाम पर फ्रॉड किया गया है। लाखों की ठगी ऋण लेने को प्रयासरत महिला_पुरुषों से की गई है। बावजूद ऋण स्वीकृत नहीं हुआ। एक साल बीत गया। परेशान लोगों ने डीएम_एसपी सहित संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से न्याय की गुहार लगाई है।

इस फ्रॉड में दो लोगों का नाम प्रमुखता से सामने आया है। एक दीपक कुमार सिंह और दूसरा धनराज प्रसाद। दीपक खुद को उद्योग विभाग का क्लर्क और धनराज उसका बिचौलिया बताया गया है।

दीपक कुमार (फाइल फोटो)
उच्च अधिकारियों से शिकायत

इस मामले की शिकायत फ्रॉड का शिकार हुए जिले के काशीचक प्रखंड के जगदीशपुर गांव की ममता कुमारी, बबिता कुमारी, नीतू देवी, राधिका देवी, संजय प्रसाद, नीतीश कुमार, जुली कुमारी सहित करीब दो दर्जन लोगों ने नवादा के डीएम, एसपी, आयुक्त मगध, अपर सचिव एम एस एम ई, भारत सरकार, राज्य निदेशक खादी ग्रामोद्योग, मंत्री उद्योग, मुख्यमंत्री बिहार, वित्त मंत्री भारत सरकार, महिला व बाल विकास आयोग आदि से की है। एसपी से इमलोगों की मुलाकात भी हो गई है। डीएम ने शुक्रवार को मिलने का समय दी है। वैसे मामला सिर्फ जदीशपुर गांव के लोगों तक का ही नहीं है, बल्कि कदिरगंज की सोनी कुमारी, नवादा नगर के रामनगर की रूबी कुमारी सहित जिले के अन्य हिस्सों के सैकड़ों लोग ठगी के शिकार हुए हैं।

यह ठगी प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के नाम पर किया गया है। उद्योग विभाग से आवेदन स्वीकृत करा बैंकों में भेजने के एवज में प्रति आवेदक 25_25 हजार रूपये तक की वसूली की गई थी।



 दलाल थे सक्रिय

 इस मामले के आरोपितों में जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के हाजीपुर गांव का धनराज प्रसाद ने रूपये की वसूली की। पीड़ितों के अनुसार धनराज ने काम कराने के एवज में रूपये लिए। रूपये उद्योग केंद्र के क्लर्क दीपक कुमार सिंह को दिया गया। एक साल बीत गए लेकिन आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ। तब लोगों की बेचैनी बढ़ी। उसके बाद वे लोग जिला उद्योग केंद्र कार्यालय पहुंचे। वहां बताया गया कि दीपक नाम का कोई यहां काम नहीं करता है। यह जानकारी मिलने के बाद सभी की बेचैनी और बढ़ गई। जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों ने थाने में एफआईआर कराने की सलाह अनलोगों को दी।

धनराज ने रूपये लेन_देन की बात स्वीकारी

इधर, नवादा लाइव ने जब धनराज से उसके मोबाइल पर संपर्क किया तो उनका जवाब था कि दीपक सर को पैसा दिया है। उन्होंने एक माह का समय लिया है। काम हो जायेगा।

दूसरी ओर जब दीपक के मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उसने अपना पल्ला झाड़ लिया। कहा कि सबकुछ धनराज ने किया, वही जाने। हमने कोई पैसा नहीं लिया। मेरा एक माह पूर्व दरभंगा ट्रांसफर हो चुका है। वहीं, धनराज ने कहा कि करीब 5 लाख रुपए बैंक खाता के जरिए दीपक सर को दिया है। सच तो जांच में सामने आएगा।

एक और शख्स का नाम आ रहा सामने

इस मामले की पड़ताल में एक और शख्स मुकेश कुमार का नाम सामने आया। मुकेश पकरीबरावां प्रखंड के दुधैला गांव का रहने वाला है। धनराज ने इस शख्स का नाम लिया। धनराज ने बताया कि मुकेश ने ही उसका परिचय दीपक से कराया था। मुकेश का दोनो मोबाइल नंबर आउट ऑफ सर्विस बता रहा है। धनराज की मानें तो मुकेश भी कई लोगों से रूपये ले चुका है। 20 लाख से ज्यादा का खेल इसके द्वारा किया गया है। फ्रॉड यह मामला सामने आने के बाद जिला उद्योग कार्यालय में खलबली मची हुई है।

पीड़ितों की संख्या को लेकर स्थिति साफ नहीं

जानकर बताते हैं कि 25_30 लोग ही अबतक शिकायत लिए सामने आए हैं,लेकिन फ्रॉड का शिकार होने वालों को संख्या 500 के करीब है।

जीएम ने कहा जानकारी नहीं

इधर, जिला उद्योग केंद्र के प्रबंधक राजेश्वर राम ने इस फ्रॉड की जानकारी होने से इंकार किया है। उन्होंने यह भी बताया कि एक माह पूर्व किसी दीपक का यहां से तबादला नहीं हुआ है। यहां के महाप्रबंधक का तबादला दरभंगा अवश्य हुआ है। 

कुल मिलाकर सभी पक्षों से बातचीत में यह साफ हो गया है कि लोग रोजगार पाने के चक्कर में लूट गए। बड़ी रकम का बारा न्यारा हुआ है। अब इस मामले में प्रशासनिक कार्रवाई की ओर पीड़ितों की निगाहें टिकी है। 

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