Helth News : 20_24 सप्ताह तक हो सकता है गर्भ समापन, सीएचसी हिसुआ में आशा और एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण
20_24 सप्ताह तक हो सकता है गर्भ समापन, सीएचसी हिसुआ में आशा और एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण
नवादा लाइव नेटवर्क।
सीएचसी हिसुआ में मंगलवार को 17 एएनएम, 1 आशा फैसिलेटर एवं 9 आशा कार्यकर्ता को सांझा प्रयास नेटवर्क द्वारा सुरक्षित गर्भ समापन की जानकारी दी गई। विशेष श्रेणी के महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ाये जाने से संबंधित कानून से भी उन्हें अवगत कराया गया। युवा कल्याण केन्द्र के ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च ऑफिसर राजीव कुमार ने सभी प्रकार की जानकारियां दी।
बताया गया कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिए बड़ी कठिनाइयां होती थी। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने को प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में मे एमटीपी एक्ट बना। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई।
अज्ञानता के कारण गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में कुछ खास कमी नहीं हो रही थी। उन्होंने बताया कि1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भसमापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया एवम एमटीपी एक्ट में 2021 में संशोधन किया गया। जिससे विशेष श्रेणी के महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है। सामान्यतः गर्भ समापन के लिए 20 सप्ताह तक का समय निर्धारित है। विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए यह 24 सप्ताह तक मान्य है।
उन्होंने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी।
कौन हैं विशेष श्रेणी की महिलाएं, देखें सूची_
उन्होंने बताया कि 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आर एम पी की राय चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है।
इस मौके पर आई पास के राज्य प्रतिनिधि राजीव गुप्ता एवं स्वास्थ्य संस्थान के एम ओ आई सी, बी एच एम सहित अन्य सहयोगी कर्मी मौजूद थे।
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