Header Ads

Breaking News

Nawada News : मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण से लिया फुलवरिया डैम का जायजा, इस साल खुद प्यासा है हजारों लोगों की प्यास बुझाने वाला यह जलाशय

 


मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण से लिया फुलवरिया डैम का जायजा, इस साल खुद प्यासा है हजारों लोगों की प्यास बुझाने वाला यह जलाशय


फुलवरिया डैम के घटते जल स्तर को लेकर चिंतित है सरकार, 90 गांवों को आपूर्ति की जाती है पीने का पानी

नवादा लाइव नेटवर्क

सूबे के कई जिलों में अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न सुखाड़ और जल संकट ने सरकार की भी परेशानी बढ़ा दी है।

आलम ये की खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिलों का दौरा कर इसका जायजा ले रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने मंगलवार को बिहार के सुखाड़ क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायजा लिया। 


मंगलवार की दोपहर बाद लगभग 3 बजे उनका उड़नखटोला नवादा जिले के रजौली फुलवरिया डैम के ऊपर मंडराया। डैम के आसपास के गांव के लोग हेलीकॉप्टर की आवाज सुनकर घर से बाहर निकल कर देखने लगे कि आखिर डैम पर कौन आए हैं। 

लेकिन इन ग्रामीणों को नहीं पता था कि हेलीकॉप्टर में मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर डैम के ऊपर काफी देर तक मंडराता रहा। फिर वापस लौट गया।


इसके पूर्व 5 सितंबर को बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने हरदिया के पास स्थित जिंदल कंपनी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया था। 

इस दौरान फुलवरिया डैम में घटते जल स्तर के सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैं इस बात को मुख्यमंत्री के समक्ष रखूंगा। घटता जल स्तर काफी चिंता का विषय है। संबंधित विभाग के अधिकारी और मंत्री को भी इस बारे में जानकारी दी जाएगी।


 बता दें कि बिहार का पहला सबसे बड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नवादा जिले के रजौली प्रखंड के हरदिया गांव के पास 109 करोड़ रुपए की लागत से विश्व बैंक की मदद से राज्य सरकार ने बनाया है। 

इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से रजौली प्रखंड के 10 पंचायत के 90 गांवों के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल दिया जा रहा है।लेकिन फुलवरिया डैम में घटते जल स्तर से जिंदल कंपनी के अधिकारी से लेकर सरकार के बड़े अधिकारी भी काफी चिंतित है। 

चिंता की बात इसलिए है कि इस वर्ष अच्छी बारिश नहीं हुई है जिसके कारण फुलवरिया डैम का जलस्तर लगातार घटता जा रहा है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर समय रहते अच्छी बरसात नहीं हुई और उसमें पानी जमा नहीं हुआ तो सरकार और विश्व बैंक के द्वारा बनाए गए 109 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह से बंद हो जाएगा। तब जंगल _पहाड़ की गोद में बसे उन 90 गांवों के लोगों के समक्ष पानी की घोर किल्लत हो जायेगी।


इस डैम में पानी का स्टोरेज खत्म होने का मामला तब सुर्खियों में आया था जब एक मस्जिद जो की सामान्यतः पानी में डूबा रहता था वह इस बार पूरी तरह से ऊपर आ गया था। पानी रहने की स्थिति में मस्जिद का सिर्फ गुम्बद दिखाई पड़ता था।

बहरहाल, सीएम के हवाई सर्वेक्षण के बाद उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही इस संकट का विकल्प ढूंढने का प्रयास करेगी। बताया गया कि सीएम ने फुलवरिया डैम के अलावा जिले के नारदीगंज, हिसुआ, मैसकौर आदि इलाकों का भी निरीक्षण किया।

 इस दौरान उनके साथ कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार, आपदा और जल संसाधन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल, सीएम के विशेष कार्य अधिकारी गोपाल सिंह आदि साथ थे। नवादा के अलावा जहानाबाद, मोकामा टाल आदि इलाके का भी सर्वेक्षण सीएम द्वारा किया गया। उम्मीद की जा रही है कि सुखाड़ को देखते हुए सरकार जल्द ही राहत सहायता के लिए कुछ बड़ा एलान कर सकती है। 

रिपोर्ट_ मनोज कुमार।

No comments