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Modern campus : शिक्षक अक्षुण और अखंड राष्ट्र बनाने के लिए अपने छात्रों को तैयार करते हैं : डॉ शैलेश

  


शिक्षक अक्षुण और अखंड राष्ट्र बनाने के लिए अपने छात्रों को तैयार करते हैं : डॉ शैलेश

मॉडर्न शैक्षणिक समूह के तत्वावधान में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार से प्रमाण पत्र वितरण समारोह संपन्न

नवादा लाइव नेटवर्क। 

 बुधवार 2 नवंबर को एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार सह प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन मॉडर्न शैक्षणिक समूह के गनौरी रामकली टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज नवादा, त्रिवेणी कॉलेज आफ एजुकेशन कुंती नगर, नवादा मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन नवादा एवं मॉडर्न कॉलेज ऑफ एजुकेशन,कुंती नगर, नवादा के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय के प्रांगण में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।साथ ही "राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका" विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ।

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मॉडर्न समूह के सचिव सह महासचिव एसोसिएशन कॉल टीचर्स ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूशंस पटना डॉ शैलेश कुमार ने संबंधित विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में एक शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका होती है। जो अपने छात्र का समाजीकरण और नैतिक शिक्षा, मूल्य शिक्षा, रोजगारपरक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, पर्यावरणीय शिक्षा, वैज्ञानिक शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा देकर स्वस्थ जीवन जीने के लिए तैयार करता है।

 जैसे एक मालिकार बगीचे के पौधों को खाद पानी देकर उसका विकास एवं वृद्धि करता है उसी प्रकार शिक्षक अक्षुण और अखंड राष्ट्र बनाने के लिए अपने छात्रों को तैयार करता है, जो कि राष्ट्र के भविष्य हैं। 

 जैसा कि संत कबीर ने कहा है "गुरु कुम्हार शीष कुम्भ है, डी

गढ़ी गढ़ी काढ़े खोंट", " अंतर हाथ सहाय दे, बाहर वह चोट"।

 इतना ही नहीं शिक्षक का कार्य बालक की अंतर शक्तियों का विकास के साथ चरित्र निर्माण, भारतीय संस्कृति और राष्ट्र गौरव से परिचित करा कर एक सुंदर व सभ्य समाज का निर्माण करना है। इस प्रकार शिक्षक सुसभ्य राष्ट्र व विश्व का निर्माता है। 

एक शिक्षक को अपने सभी छात्रों को एक सुंदर एवं सुरक्षित भविष्य के लिए तथा सारे विश्व में शांति एवम एकता स्थापना के लिए उनके कोमल मन मस्तिक में भारतीय संस्कृति और सभ्यता के लिए उन्होंने कहा कि_

" येषा न विद्या न तपो न दानं दानम ज्ञानम न शीलम न गुणों न धर्मः , ते मर्त्यलोके भूवि भार भूता मनुष्य रूपेण मृग्रश्चरांति"  

का अर्थ बताते हुए प्रशिक्षुओं को समझाया कि अंधकार से प्रकाश की ओर एवं ज्ञानहीन इंसान से ज्ञानवान, कुशल,  सक्षम, सफल जीवन की राह को गुरु ही पथ प्रदर्शक बनकर बिना किसी भेदभाव का सदैव आलोकित करता रहता है।

 इस प्रकार सचिव ने अगला उदाहरण देते हुए कहा कि " एक लोहा पूजा घर राखत, एक घर बधिर पारो"  "सो दुविधा पारस नहीं देखत, कंचन करत खरो"  कहते हुए उपस्थित प्रशिक्षु एवं जनसमूह को संबोधन करते आशीर्वाद दिए। 


इस अवसर पर बिहार के अलावा अन्य प्रदेशों के शिक्षाविद  तथा विद्वानगन ने भी सभा को संबोधित किया।

मौके पर साथ ही गनौरी रामकली टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज  नवादा के विभागाध्यक्ष डॉ सनद कुमार दुबे एवं विभागाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार सोनकर एवं डॉ रीता चौधरी व्याख्याता, त्रिवेणी कॉलेज ऑफ एजुकेशन कुंती नगर नवादा के प्राचार्य डॉ कुलदीप सिंह तोमर, विभागाध्यक्ष डीएलएड फिरंगी यादव तथा सहायक प्राध्यापक डॉ कुमार अभिषेक, मनीष कुमार,  सुरेंद्र कुमार भारती एवं नवेंदू धीरज, मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन नवादा के प्राचार्य मनीराम, सहायक प्राध्यापक धर्मराज गौड़, विनय सर, राजित राम यादव एवं मॉडर्न कॉलेज ऑफ एजुकेशन कुंती नगर नवादा के सहायक प्राध्यापक राजीव कुमार ने अपनी बातें राखी। 

अंत में महाविद्यालय द्वारा छात्रों को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। सचिव सह महासचिव एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग पटना डॉ शैलेश कुमार द्वारा छात्रों को प्रमाणपत्र दिया गया। सचिव ने कहा कि उक्त सभी महाविद्यालयों का परीक्षा फल प्रांतीय स्तर पर सर्वोच्च रहा। सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की गई। धन्यवाद ज्ञापन पश्चात कार्यक्रम की समाप्ति की गई।









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