Header Ads

Breaking News

Nawada News : सीमेंट फैक्ट्री के विरोध में बंद रहा वारिसलीगंज बाजार, कोई जोर जबरदस्ती नहीं, व्यापारियों ने स्वेच्छा से दिया समर्थन

 


सीमेंट फैक्ट्री के विरोध में बंद रहा वारिसलीगंज बाजार, कोई जोर जबरदस्ती नहीं, व्यापारियों ने स्वेच्छा से दिया समर्थन


किसान संघर्ष समिति वारिसलीगंज के बैनर तले सीमेंट फैक्ट्री की जगह कृषि अधारित फैक्ट्री लगाने की मांग


नवादा लाइव नेटवर्क


सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना के खिलाफ शनिवार को आहूत वारिसलीगंज बंद का मिला जुला असर देखा गया। सुबह से ही दुकानें आम तौर पर बंद रही। बंद शांतिपूर्ण आयोजित करने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। 12 स्थानों पर दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी। 


देखें वीडियो...!

 


हालांकि, बंद के दौरान किसी प्रकार की जोर-जबरदस्ती नहीं की गई। बंद के समर्थन में भी बहुत कम लोग सड़क पर उतरे। हालांकि, स्थानीय लोगों का समर्थन मिला और दुकानें बंद रखी गई। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले बंद का आह्वान किया गया था। अध्यक्ष गणेश सिंह, महासचिव राम पदारथ सिंह, सचिव द्रोण प्रसाद के नेतृत्व में दर्जन भर लोग बाजार का भ्रमण कर बंद को सहयोग व समर्थन देने की अपील की गई।

 


पटेल चौक, गुमटी रोड, जय प्रकाश चौक, अंदर बाजार के प्राय: दुकानदार स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान को बंद कर आहूत बंद का समर्थन करते देखे गए। वहीं सीमेंट फैक्ट्री की जगह कृषि अधारित फैक्ट्री लगाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने वारिसलीगंज प्रखंड कार्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया।


बता दें कि वारिसलीगंज की बंद चीनी मिल की भूमि काे पहले वियाडा को सौंपी गई थी। वियाडा द्वारा भूमि अडानी समूह को सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए आवंटित कर दिया गया है। अडानी समूह यहां अंबुजा सीमेंट का प्लांट लगाया जा रहा है। करीब 1400 करोड़ रुपये अडानी समूह द्वारा यहां इन्वेस्ट करने की बात कहीं जा रही है। 29 जुलाई को शिलान्यास होना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां पहुंचने वाले हैं। इसकी तैयारियां जोर-शोर से हो रही है। लेकिन, स्थानीय लोगों में से एक बड़े समूह को सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना रास नहीं आ रही है।

 


विरोध की दो वजहें प्रमुखता से गिनाई जा रही है। पहली ये कि विरोध कर रहे लोगों का मानना है कि वारिसलीगंज का इलाका कृषि प्रधान है। चीनी मिल की भूमि पर चीनी मिल की ही स्थापना होनी चाहिए थी। चीनी मिल की स्थापना संभव नहीं हो रही थी तो कृषि आधारित उद्योग लगाया जाना चाहिए था। इससे स्थानीय किसानों को लाभ होता। विरोध की दूसरी वजह स्वास्थ्य समस्या बताया जा रहा है। लोगों का मानना है कि सीमेंट प्लांट से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वैसे, विरोध करने वालों से इतर कुछ अलग राय रखने वाले लोगों का कहना है कि सीमेंट प्लांट से रोजगार सृजन होगा। इलाके की अर्थव्यस्था सुधरेगी।


हालांकि, विरोध व बाजार बंद का कितना असर राज्य सरकार और अडानी समूह पर पड़ता है, आने वाले दिनों में साफ होगा। फिलहाल, तो शिलान्यास की तैयारियां की जा रही है। जो जानकारी छनकर सामने आ रही है उसमें बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होंगे साथ ही अडानी समूह के चीफ गौतम अडानी भी आ रहे हैं। वियाडा परिसर में दो हेलीपैड का निर्माण कराया जा रहा है। एक हेलीपैड पर सीएम नीतीश कुमार और दूसरे पर गौतम अडानी का हेलीकॉप्टर लैंड करेगा।


मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर फैक्ट्री प्रबंधन दिन रात एक कर तैयारियों में जुटे रहे हैं। बड़ा सा भव्य पंडाल बनाया जा रहा है। सीमए की की सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक न हो इसके लिए मगध प्रक्षेत्र के आइजी क्षत्रनील सिंह, डीएम आशुतोष कुमार वर्मा तथा एसपी अम्बरीष राहुल सहित जिले के अन्य पदाधिकारी शुक्रवार की शाम कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं। पटना से लेकर जिले के पदाधिकारियों का आने का सिलसिला जारी है। इसी दौरान सीमेंट फैक्ट्री लगाने के विरोध में वारिसरीगंज बंद कराया गया, जो उत्साह को फीका कर गया।

 








No comments