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Crime News : एक परिवार की दास्तां..., देवघर गए थे बाबा दर्शन करने गए, सबकुछ लुटाकर घर को लौटे, पुलिस...

पीड़िता किरण देवी

एक परिवार की दास्तां..., देवघर गए थे बाबा दर्शन करने गए, सबकुछ लुटाकर घर को लौटे, पुलिस...!

नवादा लाइव नेटवर्क।


परिवार संग गए थे झारखंड के बाबा नगरी देवघर। बाबा भाले को जलाभिषेक करना था। घर-परिवार की सलामती की दुआ अर्ज करनी थी। लेकिन, सिर पिटते घर को लौटे। बाबा दर्शन के पहले ही सबकुछ लुट-पिट गया। विवशता ऐसी कि फूटी कौड़ी पास में बची नहीं, सो बिना दर्शन पूजन के ही घर लौट को गए। यह वाक्या हुआ है नवादा के रहने वाले एक परिवार के साथ।


देखें वीडियो, सुनें घटना और पीड़िता की बात ...!

  



बिहार के नवादा शहर में एक मोहल्ला है न्यू एरिया। बड़ा मोहल्ला है। इसी मोहल्ले में एक टोला है महावीर नगर। यहां के रहने वाले गोपाल राम के परिवार के छोटे-बड़े व बच्चे कुल जमा 12 लोग 31 अगस्त 24 को देवघर पहुंचे थे। 01 सितंबर 24 की अल सुबह बाबा दर्शन के पूर्व परिवार के सभी सदस्य शिवगंगा में स्नान करने पहुंचे। 

 


पास में रहे मोबाइल और पैसे को एक बैग में रखकर सभी नहाने-धोने में मशगूल हो गए। स्नान करने के बाद जब उपर आए तो वह बैग गायब था, जिसमें मोबाइल व रूपये-पैसे रखे थे। करीब 10-12 हजार रुपये नकद, चांदी के कुछ गहने, 18 हजार रुपये मूल्य का एक नया मोबाइल सहित कपड़ा, दवाई आदि उस बैग में रखा था।

 


बैग गायब होने के बाद परिवार के सभी सदस्य सदमे में आ गए। हैरान-परेशान लोग इधर-उधर खोजबीन करने लगे। कहीं कुछ अतापता नहीं चला। सामान की बरामदगी की गुहार लिए शिवगंगा थाना पहुंचे। कुछ पुलिस वाले साथ में उस स्थान पर पहुंचे। लेकिन, उन्हें भी कुछ खास हाथ नहीं लगा। पास में लगे सीसीटीवी कैमरे को दुकानदार ने खराब बता दिखाने से इंकार कर दिया।

 


 अंतत: सुुबह से शाम हो गई। शाम को दोबार थाना पहुंचने पर पुलिस वाले ने यह समझाकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि अब कुछ होने वाला नहीं है। सुबह से ऐसी कई घटनाएं हो चुकी है।

 


पुलिस से भी नाउम्मीद होकर सभी लोग उदास मन लिए घर की ओर लौट गए। घर लौटने तक के लिए पास में पैसे नहीं थे। किसी प्रकार घर तक पहुंचे। पीड़ित परिवार की महिला सदस्य किरण देवी ने बताया कि जहां पर सामान रखा था वहां एक बुढिया मुंह ढके बैठी थी। चोर भी आसपास ही होगा। क्योंकि चोर वही बैग ले गया जिसमें शिवगंगा पहुंचने के बाद हमलोगों ने रूपये और मोबाइल को रखा। अन्य बैग को वहीं छोड़ दिया।

 


उनका कहना था कि पुलिस अगर सहयोग करती तो चोर पकड़ में आ सकता था। दूसरे मोबाइल से ट्रैकिंग में उस रास्ते का पता चलता है जिस ओर चोर बैग लेकर गया। पास लगे सीसीटीवी को दिखाने से दुकानदार ने इंकार किया। पुलिस दवाब बनाती तो सीसीटीवी से चोर की पहचान होती। ऐसा तब होता जब पुलिस कुछ करना चाहती।

 


चोर बैग लेकर जिस दिशा की ओर गया उस ओर कई ओर सीसीटीवी लगे होंगे। लेकिन पुलिस ने दिलचस्पी ही नहीं दिखाई। वहां की पुलिस के लिए ऐसी घटनाएं आम है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत ही नहीं समझती। यानि यात्री अपने सामान की सुरक्षा खुद करें। पुलिस की कोई जवाबदेही नहीं है कि ऐसी कोई घटना लगातार हो रही है तो उसे भी कुछ करना है...!

 









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