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Nawada News : अडानी समूह को पटना हाइकोर्ट से राहत, वारिसलीगंज में अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज


अडानी समूह को पटना हाइकोर्ट से राहत, वारिसलीगंज में अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका खारिज 

नवादा लाइव नेटवर्क। 

अडानी समूह द्वारा वारिसलीगंज में स्थापित किए जा रहे अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ पटना हाइकोर्ट में दाखिल याचिका खारिज हो गई है। समाजिक कार्यकर्ता निरंजन सिंह सहित अन्य द्वारा समाजशास्त्री डॉ. सुधांशु सुल्तानिया के मार्गदर्शन में जनहित याचिका (CWJC No. 17412/2024) को पटना हाईकोर्ट ने दाखिल की गई थी, जिसे 22/11/2024 को खारिज कर दिया गया है।

बता दे कि 1992_93 पेराई सत्र के बाद से बंद वारिसलीगंज चीनी मिल की भूमि को राज्य सरकार द्वारा बियाडा को सुपुर्द किया गया था। बियाडा ने इस भूमि को अडानी ग्रुप को अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री निर्माण के लिए सौंप दिया है। 

समाजशास्त्री डॉ. सुधांशु सुल्तानिया कहते हैं कि नगर परिषद क्षेत्र में 4 लाख की घनी आबादी के बीच में अडानी ग्रूप द्वारा अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा है, जिससे संभावित प्रदूषण के भय से वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र की जनता काफी चिंतित है। फैक्ट्री चालू होने पर वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र में भारी वायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे आम जन जीवन के सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है।

वारिसलीगंज के लोगों की मांग रही है कि चीनी मिल की जमीन पर कृषि आधारित कोई प्रदूषण रहित उघोग ही लगाया जाए। चीनी मिल का भी आधुनिकतम तकनीक के साथ पुनरुद्धार भी किया जा सकता था। किंतु बिहार सरकार जमीन अडानी ग्रूप को दे दी है।


 जनहित को देखते हुए समाजसेवी निरंजन सिंह के नेतृत्व में पटना हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था, जिसपर पहली सुनवाई 22/11/2024 को हुई और पटना हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जनहित याचिका को खारिज कर दिया कि सीमेंट फैक्ट्री अभी चालू भी नहीं हुई है तो प्रदूषण फैलने की बात केवल एक आशंका है।

वारिसलीगंज चीनी मिल की जमीन को अंबुजा सीमेंट लिमिटेड को आवंटित करने में किसी कानून का उल्लंघन नहीं हुआ है। डॉ. सुल्तानिया ने कहा कि वो अब वारिसलीगंज सीमेंट फैक्ट्री के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

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