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Breaking News : बालू धंधेबाजों ने कौआकोल में महिला सीओ के साथ किया दुर्व्यवहार, जब्त ट्रैक्टर लेकर भागा

 


कौआकोल में महिला सीओ के साथ बालू धंधेबाजों ने किया दुर्व्यवहार, जब्त ट्रैक्टर लेकर भागा

नवादा लाइव नेटवर्क।

जिले के नक्सल प्रभावित कौआकोल थाना क्षेत्र में बालू माफिया का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रतिबंध के बावजूद लगातार बालू का अवैध उत्खनन व परिवहन हो रहा है। वहीं छापेमारी करने के दौरान अब प्रशासन पर भी बालू माफिया दबंगई करने पर उतारू हो गए हैं। शनिवार को भलुआही बाजार में छापेमारी करने गई महिला सीओ की जान लेने पर उतारू हो गए।

सीओ अंजली कुमारी ने बताया कि शनिवार को रूपौ थाना क्षेत्र में जनता दरबार का आयोजन कर लौटने के दौरान फुलडीह मोड़ पर बालू लदा एक ट्रैक्टर को जब्त कर रूपौ थाना को सुपुर्द किया गया। आगे बढ़ने पर भलुआही बाजार में बालू लादकर ले जा रहे एक ट्रैक्टर को जब्त किया। तभी अचानक एक दर्जन से अधिक लोग जमा हो गए और गाली गलौज एवं अभद्र भाषा का प्रयोग करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं ईंट पत्थर उठाकर जान मारने की धमकी देने लगे। इस घटना से सीओ दहशत में आ गई। इसके बाद बलपूर्वक बालू को सड़क के किनारे गिराकर ट्रैक्टर लेकर वे लोग फरार हो गए। जब तक कौआकोल पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती माफिया फरार हो चुके थे। सीओ ने बताया कि ट्रैक्टर लोहसिंघानी गांव के छोटन साव उर्फ छोटू साव का था। 


इधर इस घटना के बाद प्रशासनिक महकमा में कोहराम मच गया है। घटना के बावत सीओ ने दो नामजद समेत एक दर्जन से अधिक अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। सूत्रों की माने तो कौआकोल पुलिस की मिलीभगत से विभिन्न नदी घाटों से प्रत्येक दिन दर्जनों ट्रैक्टर बालू का अवैध खनन व परिवहन हो रहा है। जिससे सरकारी राजस्व को क्षति पहुंच रही है।

बता दें कि जिले में 1 जनवरी से बालू खनन बंद है। सरकार द्वारा दिसंबर माह में बालू खनन के लिए नए सिरे से निलामी कराई थी। जिस कंपनी ने टेंडर लिया, उसे अबतक खनन करने की इजाजत नहीं मिल सकी है। पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं मिलने से ऐसी स्थिति बनी है। परिणाम है कि बालू का अवैध खनन हो रहा है। पांच माह में करीब 40 करोड़ रुपये राजस्व की क्षति सरकार को चुकी है।

दूसरी ओर प्रशासन जब कभी कार्रवाई करती है तो विरोध का सामना करना पड़ता है। एक दिन पूर्व वारिसलीगंज थाना इलाके में भी ऐसी ही घटना हुई। बालू खनन बंद होने के करीब 5 माह में पुलिस-प्रशासनिक टीम पर दर्जन भर से ज्यादा हमले की घटना जिले में हो चुकी है। फिर, भी ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है। दरअसल, इस धंधे को पुलिस व प्रशासनिक तंत्र के अंदर से ही स्थानीय स्तर पर सहमति प्राप्त होती है। काली कमाई में हिस्सेदारी सभी की फिक्स होने के कारण इसपर रोक नहीं लग रहा है। 


बता दें कि इसके पूर्व भी सीओ अंजली कुमारी को 18 दिसम्बर 21 की शाम इंटरनेट कॉल के माध्यम से बदमाशों द्वारा रंगदारी की मांग करते हुए जान मारने की धमकी दी गई थी।
 




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