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Nawada News : मेसकौर बीडीओ के ज्ञान पर शिक्षक संघ ने उठाया सवाल, डीईओ को लिखा पत्र



मेसकौर बीडीओ के ज्ञान पर शिक्षक संघ ने उठाया सवाल, डीईओ को लिखा पत्र


मामला बीडीओ के स्कूल निरीक्षण के बाद एचएम से स्पष्टीकरण मांगने का


नवादा लाइव नेटवर्क। 


नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड के बीडीओ के ज्ञान पर जिला प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा सवाल उठाया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखकर गैर विभागीय पदाधिकारियों का ज्ञानवर्द्धन कराने की सलाह दी गई है। मामला एक स्कूल का निरीक्षण के बाद कथित अनियमितताओं को लेकर प्रधान शिक्षक को स्पष्टीकरण जारी करने से जुड़ा है। बीडीओ द्वारा जो स्पष्टीकरण की मांग का पत्र जारी किया गया है, उसके कुछ बिंदु पर शिक्षक संघ द्वारा यह सलाह डीईओ को देते हुए उचित कार्रवाई की मांग की गई है।

क्या है मामला 


मेसकौर प्रखंड के बीडीओ दुनिया लाल यादव द्वारा 27 अप्रैल 22 को नवसृजित विद्यालय पूर्णाडीह का निरीक्षण किया गया था। स्कूल में एमडीएम योजना के संचालन में काफी अनियमितता, बच्चों की कम उपस्थिति आदि आरोपों में बीडीओ ने 28 फरवरी की तिथि में प्रधान शिक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की। जिसमें अनियमितता,मनमानी, गबन आदि की मांशा का जिक्र करते हुए प्रधानाध्यापक योगेंद्र कुमार से आरोपों का जबाव देने अन्यथा प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई करने की चेतवानी दी गई है। 


जांच में क्या पाई त्रुटि 


बीडीओ के द्वारा जो स्पष्टीकरण का पत्र जारी किया गया है उसमें कहा गया है कि जांच के दिन बुधवार को बच्चों को नाश्ता नहीं दिया गया। जबकि बच्चों का नाश्ता में चूड़ा-गुड़/उबला हुआ अंडा, तथा खाना में सत्तू का लड्डू देना था। कुछ अन्य आरोप भी है। जिसमें बच्चों की उपस्थिति महज 17, एमडीएम का रजिस्टर, स्टॉक पंजी, कैश बुक आदि नहीं दिखाना शामिल है।



बीडीओ के पत्र पर संघ के सवाल 

बीडीओ के इस पत्र पर प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर बीडीओ के ज्ञान पर सवाल खड़ा कर दिया। कहा कि विद्यालय में सरकार द्वारा अबतक किसी प्रकार का नाश्ता का प्रबंध किया ही नहीं गया है। सिर्फ एक टाइम दोपहर के भोजन का प्रावधान है। बुधवार के दिन दोपहर में खिचड़ी-चोखा देने का प्रावधान है। उन्होंने डीईओ से शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों के अधिकारियों के लिए आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है, ताकि शिक्षक दंडात्मक कार्रवाई से बच सकें। बहरहाल, इस प्रसंग ने विद्यालयों में शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों में कमियों को तो सामने लाया ही है, उच्च अधिकारियों को भी पद की गरिमा बनाए रखने का अहसास कराएगा।

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