Breaking News : शाहपुर पुलिस की बढ़ी मुश्किलें, बोरा मांझी मौत की होगी न्यायिक जांच, हिरासत में पिटाई से मौत का है आरोप
शाहपुर पुलिस की बढ़ी मुश्किलें, बोरा मांझी मौत की होगी न्यायिक जांच
नवादा लाइव नेटवर्क।
पुलिस हिरासत में पिटाई से बोरा मांझी की मौत मामले की न्यायिक जांच होगी। सीजेएम के स्तर से जांच के लिए मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। दिलचस्प ये कि न्यायिक जांच का आदेश एसपी के अनुरोध पत्र के आधार पर दिया गया है। जल्द ही न्यायिक अधिकारी जांच शुरू करेंगे।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि शाहापुर ओपी थाना क्षेत्र के बोझवां गांव निवासी बोरा मॉझी की मौत 5 जून रविवार को एक्साइज कोर्ट में पेशी के तत्काल बाद हो गई थी। शराब सेवन के मामले में बोरा मॉझी व उनके भाई की गिरफ्तारी 4 जून को हुई थी। एक्साइज कोर्ट के विशेष न्यायाधीश के समक्ष उपस्थापन के समय तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। जबतक इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाता, मौत हो गई। मौत के पूर्व उन्होंने कोर्ट को बताया था कि हिरासत में पुलिस द्वारा मारपीट की गई। तबीयत खराब है। कोर्ट ने कारा अधीक्षक को इलाज कराने का आदेश दिया था। इलाज के पूर्व ही मौत हो गई थी।
मामले पर एसपी गंभीर
मृतक का शव देर रात तक व्यवहार न्यायालय में पड़ा था। सूचना पाते ही एसपी समेत अन्य अधिकारी व्यवहार न्यायालय पहुंचे थे। मौत के मामले में नगर थाना में यूडी केस 10/22 दर्ज किया गया था। इस बीच मामले को पुलिस अधीक्षक ने काफी गंभीरता से लिया और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को पत्र भेज कर न्यायिक जांच का अनुरोध किया। पुलिस अधीक्षक के पत्र के आलोक में प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंदन कुमार को न्यायिक जांच की जिम्मेवारी सौंपी है। प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजते हुए बोरा मांझी से जुड़े सम्पूर्ण दस्तावेज व साक्ष्य को अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंदन कुमार को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
पुलिस व मृतक के परिजनों के बयान विरोधाभासी
उल्लेखनीय है कि बोरा मांझी की गिरफ्तारी के बाद शाहपुर पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई है। शराब का सेवन कर हंगामा करने के आरोप में सामुदायिक भवन के समीप से गिरफतारी का जिक्र है। वहीं मृतक के परिजन कुछ और ही बयां कर रहे हैं। परिजनों की माने तो पुलिस ने बोरा मांझी को घर से गिरफ्तार की थी। परिजनों का यह भी आरोप है कि गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिरासत में पिटाई की गई थी। मरने के कुछ समय पूर्व विशेष न्यायाधीश को भी बोरा ने पुलिस द्वारा पिटाई का आरोप लगाया था। बहरहाल, पुलिस की थ्योरी, मृतक व उसके परिजनों के बयान विरोधाभासी हैं। सच कौन बोल रहा है न्यायिक जांच में सब कुछ साफ हो जाएगा।
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