Balu taskari@nawada : नवादा में बालू तस्करों के सामने सिस्टम नतमस्तक, रोक का असर नहीं, धड़ल्ले से हो रहा खनन
नवादा में बालू तस्करों के सामने सिस्टम नतमस्तक, रोक का असर नहीं, धड़ल्ले से हो रहा खनन
नवादा लाइव नेटवर्क।
नवादा में बालू तस्करों की पौ बारह है। यह सफेद झूठ है कि जिले में बालू का खनन नहीं हो रहा है। हमारा दावा है कि धड़ल्ले से खनन व परिवहन हो रहा है। यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि पूरा सिस्टम या तो उन तस्करों के सामने नतमस्तक है या फिर फेल हो गया है।
हम यह बात यूं ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि पूरी पड़ताल के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि बालू खनन और परिवहन सामान्य दिनों की भांति हो रहा है। जो भी नदी घाट है वहां रात-दिन खनन का काम जारी है।
संबंधित विभाग और प्रशासनिक अधिकारी भी इससे अंजान नहीं है। हां, यह हो सकता है कि नजरअंदाज कर रहे हों। लेकिन, ऐसा क्यों कर रहे हैं, बड़ा सवाल है। कुछ डीके दवा है की मिलीभगत है।
नवादा जिले में दो कारणों से इन दिनों बालू खनन पर रोक है। एक तो अभी बरसात का समय है। जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने में बालू खनन पर रोक होती है। शेष नौ महीने खनन की अनुमति होती है। नवादा जिले के साथ एक और समस्या है कि यहां बालू का खनन 01 जनवरी 22 से ही बंद है। दिसंबर 21 में बालू घाटों की नये सिरे से बंदोबस्ती हुई थी। लेकिन, कानूनी पचड़े के कारण संवेदक मे. एकलव्य स्टोन कंपनी को कार्यादेश नहीं मिल सका था। परिणाम हुआ कि टेंडर का 46 करोड़ रुपये तो सरकार का गया ही, खनन और परिवहन रात का घूप अंधेरा हो या दिन का उजाला लगातार जारी रहा।
आए दिन जिले के किसी न किसी थाना इलाके में बालू लोड वाहनों की जब्ती इसके प्रमाण हैं। पिछले सप्ताह की ही बात है, खनन विभाग ने हिसुआ थाना की पुलिस के सहयोग से गोनर बिगहा के पास नदी घाट में छापामारी कर 32 ट्रैक्टर को जब्त किया था। मौके से 4 ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया था। तब लगा था कि अब बालू चोरी रुक जाएगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब भी अवैध खनन जारी है।
नवादा नगर और कादिरगंज थाना इलाके का मुसन बिगहा, कलयुगवा, पौरा के पास से धड़ल्ले से दिन रात बालू खनन किया जा रहा है। तीन-चार दिनों पूर्व यानी गुरुवार को मुसन बिगहा घाट पर कुछ देर के लिए अफरा तफरी मच गई। कहीं से सूचना पहुंच गई कि खनन विभाग की टीम आने वाली है। इसके बाद तो लोड वाहनों को अनलोड कर सभी चालक वाहन लेकर इधर-उधर भागने लगे। जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी।
इसी प्रकार की स्थिति वारिसलीगंज के मिल्की घाट का भी है। राजौली, सिरदला, कौआकोल, अकबरपुर, गोविंदपुर, नारदीगंज, हिसुआ थाना इलाके के नदी घाटों से भी बालू की चोरी जारी है।
नवादा के मुसन बिगहा घाट के बारे में बालू का अवैध खनन तो जेसीबी मशीन से किया जाता है। ढोलाई में हाइवा का इस्तेमाल होता है।
जानकार बताते हैं कि गया से प्रति दिन एक चालान मंगाया जाता है, जिसकी आड़ में रात में धड़ल्ले से खनन और परिवहन किया जा रहा है। गया में कुछ बालू बफर स्टाॅक में था। उसी की आड़ में यह धंधा हो रहा है।
नवादा शहर में ही जितने भी सरकारी-गैर सरकारी काम हो रहे हैं, चोरी का बालू इस्तेमाल हो रहा है। यह अलग बात है कि खरीदार को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच शहर के जिस गली मोहल्ले में चले जाएं दो-चार स्थानों पर बालू गिरा हुआ मिल जाएगा। अफसरों के आवास व कार्यालय के पास भी यह नजारा देखने को मिल जाएगा। हम यूं ही नहीं कह रहे हैं कि सिस्टम नतमस्तक है।
क्रमशः
अगली क़िस्त में होंगे और खुलासे
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