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Nawada News : मॉडर्न स्कूल में समारोह पूर्वक मनाया गया विश्व छात्र दिवस एवं विश्व खाद्य दिवस, नर्सरी से दूसरी कक्षा तक के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से बताया फ़ास्ट फ़ूड की बुराइयां



 मॉडर्न स्कूल में समारोह पूर्वक मनाया गया विश्व छात्र दिवस एवं विश्व खाद्य दिवस, नर्सरी से दूसरी कक्षा तक के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से बताया फ़ास्ट फ़ूड की बुराइयां

विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के द्वारा अर्पित किया डॉ. कलाम को श्रद्धांजलि

नवादा लाइव नेटवर्क।

भारत के मिसाइलमैन के नाम से प्रसिद्ध भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस 15 अक्तूबर को मॉडर्न इंगलिश स्कूल, नवादा के बहुद्देश्यीय सभागार में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के तीसरी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपने नृत्य, संगीत एवं गीत की प्रस्तुति के माध्यम से डॉ. कलाम के जीवन की उपलब्धियों एवं उनके जीवन-दर्शन तथा विद्यार्थियों के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित किया। 


इसके साथ ही नर्सरी से दूरी कक्षा तक के बच्चों ने अपने पोस्टर, प्रोजेक्ट एवं गीत-संगीत की प्रस्तुति से पौष्टिक आहार के महत्व एवं फ़ास्ट फ़ूड, पैकेटबंद और डिब्बाबंद खाने की हानियों को बड़े मनोरंजक एवं प्रभावी तरीके से बताया। 


   कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ मॉडर्न शैक्षणिक समूह के निदेशक डॉ. अनुज कुमार के द्वारा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के तैल-चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए उन्होंने डॉ. कलाम के जीवन की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उनको राष्ट्रऋषि कहा। 


उन्होंने बताया कि वे एक महान वैज्ञानिक के साथ-साथ एक महान शिक्षाविद् और प्रखर वक्ता भी थे। डॉ. कलाम को छात्रों को दिए गए उनके ज्ञानवर्धक भाषणों के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में विश्वभर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में सैकड़ों बार विद्यार्थियों को संबोधित किया और उन्हें अपने प्राप्त ज्ञान एवं अनुभव से समृद्ध किया। 


साल 2010 से संयुक्त राष्ट्र संगठन (यूएनओ) डॉ. कलाम के विद्यार्थियों के लिए किए गए प्रयासों को सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष 15 अक्तूबर को विश्व छात्र दिवस के रूप में मना रहा है। सभी छात्र-छात्राओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए संघर्षरत रहना चाहिए। उन्होंने अपने संबोधन में भोजन से संबंधित जागरूकता पर भी बात की। 


       विद्यालय के प्राचार्य गोपालचरण दास ने अपने संबोधन के दौरान डॉ. कलाम को एक आदर्श धर्मनिरपेक्ष व्यक्तित्व बताते हुए उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों का बखान किया। उन्होंने बताया कि अब्दुल कलाम ने डीआरडीओ और इसरो में वैज्ञानिक और प्रशासक के तौर पर अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं दीं। 


भारत का 11वां राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और सैन्य मिसाइल कार्यक्रमों को विकसित करने में भी अपना अमूल्य योगदान दिया था। डॉ. कलाम का निधन 27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलांग में भाषण देते वक्त हृदय गति रुकने से हुआ था। अर्थात वे अपनी मृत्यु के समय भी विद्यार्थियों के लिए काम कर रहे थे। राष्ट्रऋषि के रूप में वे सदैव हमारे हृदय में जीवित रहेंगे। 


इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षकों सुजय कुमार, एम.के. विजय, नीरज मिश्रा, दीपक
प्रुष्टी, मुकेश कुमार, राजीव रंजन, सारिका, मानसी, नूतन, बिस्मिता, अनामिका, अमीषा, समीक्षा, लकी और सरस्वती आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।





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