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Relway News : कॉकरोच का बसेरा बन गया है महाबोधी एक्सप्रेस, रेलवे प्रबंधन की हो रही जग हंसाई, मेंटेनेंस का बुरा हाल, देशी_विदेशी पर्यटक करते हैं इस ट्रेन से सफर

  


कॉकरोच का बसेरा बन गया है महाबोधी एक्सप्रेस, रेलवे प्रबंधन की हो रही जग हंसाई, मेंटेनेंस का बुरा हाल, देशी_विदेशी पर्यटक करते हैं इस ट्रेन से सफर


नवादा लाइव नेटवर्क।

देशी_विदेशी पर्यटकों को नई दिल्ली से गया जंक्शन तक सुलभ यात्रा को लेकर 2003 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू की गई 12397 अप और 12398 डाउन महाबोधि एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा करना अब सुलभ नहीं रह गया है।

कभी राजधानी के समकक्ष मानी जानी वाली यह ट्रेन का मेंटेनेंस सही से नहीं हो पा रहा है। स्लीपर कोच हो या एसी कोच फर्क करना मुश्किल होता है। कॉकरोच (तिलचट्टा) यात्रियों को असहज कर रहा है।

अस्त व्यस्त शौचालय, यात्रा के दौरान साफ_सफाई नदारद रहना को यात्री पहले से ही झेल रहे थे। नई मुसीबत कॉकरोच ने पैदा कर दिया है।

14 नवंबर को दिन में यह ट्रेन नई दिल्ली से गया के लिए खुली थी। एसी कोच संख्या बी 3 में सफर कर रहे यात्री गया पहुंचने तक परेशान रहे। हर बर्थ पर कॉकरोच दौड़ रहा था। चादर तान सोए व्यक्ति कॉकरोच से तंग आकर बैठकर ही सफर करना बेहतर समझ रहे थे।

ट्रेन पर सफर कर रहे डेहरी ऑन सोन के मुमताज अंसारी दुबई से घर को लौट रहे थे। बी 3 कोच में उनका सीट नंबर 8 था। खासे परेशान रहे। इसी प्रकार आलोक कुमार अम्बष्ट, राजेश कुमार सिन्हा, आलोक कुमार, हिमांशु कुमार, मंजू देवी आदि ने कहा की कई बार कोच अटेंडेंट को साफ सफाई करने को कहा, किसी ने नोटिस नहीं लिया।
  
देखें वीडियो और यात्रियों की सुनें समस्या...



मंजू देवी ने कहा की कंप्लेन रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। सीआरपीएफ के रिटायर्ड ऑफिसर अर्जुन सिंह ने व्यवस्था को पूरी तरह धो डाला। कहा बुरा हाल है। धार्मिक महत्व की यह ट्रेन है। फिर भी ऐसा हाल है।

इसी दौरान ट्रेन की कोच में पहुंचे टीटीई महेश कुमार के समक्ष जब समस्या को रखा गया तो जवाब टाल मटोल बाला मिला। सिर्फ यह कहते रहे की आपकी समस्या को दूर किया जा रहा है।

ऐसी स्थिति तब रही जबकि इस कोच में दर्जन भर विदेशी पर्यटक भी बोधगया तक के लिए सफर कर रहे थे। समझ सकते हैं कि भारतीय रेल के बारे में उनकी समझ कैसी बनी होगी।

एसी कोच में सफर करने वाले को एसी ने भी रुलाया। बार_बार पावर कट होने से एसी बंद हो जा रहा था। आलम ये कि यात्रियों को कंबल और तौलिया तक के लिए कोच अटेंडेंट से चिरौरी करनी पड़ रही थी। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर तीन में जब पानी भरा जा रहा था तो लॉक खराब रहने के कारण प्लेटफार्म पर ही पानी बह जा रहा था।

एक और समस्या से यात्रियों को जुझन पड़ा। ट्रेन 2 घंटे विलंब से निर्धारित स्थान गया जंक्शन पहुंची। कुल मिलकर यह ट्रेन देशी विदेशी पर्यटकों के समक्ष अपना भद्द पिटवा रही है।

बता दें कि आम यात्रियों के अलावा जैन, बौद्ध सहित देशी_विदेशी हिंदू धर्मावलंबी बोधगया, विष्णुपद, राजगीर, कुंडलपुर, पावापुरी, लछुआड़ आदि की धार्मिक यात्रा पर दिल्ली से गया तक के लिए इस ट्रेन पर सफर करते हैं। कभी यह ट्रेन इन तीर्थयात्रियों की यात्रा की सुखद बनाता था आज यात्रा बोझिल हो रहा  है। जरूरत है रेल प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की।

 




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