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Modern Campus : स्लाइड गिटार की सुर-सरिता में डूबकर सराबोर हुए मॉडर्न के बच्चे, शास्त्रीय संगीत की अद्भुत प्रस्तुति

  


स्लाइड गिटार की सुर-सरिता में डूबकर सराबोर हुए मॉडर्न के बच्चे, शास्त्रीय संगीत की अद्भुत प्रस्तुति

स्पिक मैके के सौजन्य से आयोजित हुआ कार्यक्रम, कलाकारों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिह्न प्रदान करके किया गया सम्मानित

नवादा लाइव नेटवर्क।

भारतीय कला एवं संस्कृति की विरासत को सहेजने एवं देश के किशोर और युवाओं का परिचय इनसे करवाने के लिए समर्पित संस्था स्पीक मैके एवं मॉडर्न इंगलिश स्कूल, नवादा के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को स्लाइड गिटार की प्रस्तुति दी गई।

मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, न्यू एरिया के बहुद्देश्यीय सभागार में आयोजित उत्कृष्ट संगीत-समागम में उत्तरप्रदेश की धार्मिक नगरी बनारस से पधारीं सुप्रसिद्ध स्लाइड गिटार वादिका विदुषी डॉ. कमला शंकर और उनके शिष्य श्री निर्मल सैनी तथा तबले पर उनके साथ संगत करने आजमगढ़, उत्तरप्रदेश से पधारे पंडित ललित कुमार ने संगीत का ऐसा अद्भुत वातावरण निर्मित किया कि विद्यालय के विद्यार्थी, शिक्षकगण एवं अन्य सभी दर्शक संगीत-सागर में खो गए।

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      शास्त्रीय संगीत के अंतरराष्ट्रीय समारोहों एवं दूरदर्शन तथा आकाशवाणी के इन प्रतिष्ठित कलाकारों का विद्यालय प्रांगण में आगमन होते ही उपप्राचार्य सुजय कुमार एवं वीणा बरनवाल ने पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिह्न देकर स्वागत किया।

 तत्पश्चात उपस्थित छात्र-छात्राओं को अतिथि कलाकारों से परिचय करवाते हुए एवं शास्त्रीय संगीत का महत्व बताते हुए उपप्राचार्य ने बताया कि आज के प्रचलित संगीत और शास्त्रीय संगीत में जमीन-आसमान का अंतर है। 

हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सम्पूर्ण विश्व का सर्वश्रेष्ठ संगीत है, जिससे आज की युवा पीढ़ी को जुड़ने और सीखने-समझने की आवश्यकता है। विद्यालय-प्रबंधन अपने बच्चों को देश की सांस्कृतिक विरासत- गीत, संगीत, नृत्य एवं ललित कलाओं के श्रेष्ठतम कलाकारों को स्पिक मैके के सहयोग से विद्यालय में बुलाकर बच्चों को अपनी गौरवशाली विरासत से परिचय कराने और जोड़ने का अत्यंत सराहनीय कार्य कर रहा है।

          कार्यक्रम में डॉ. कमला ने अपने शंकर गिटार के संगीतमय प्रस्तुति की शुरुआत राग श्याम कल्याण में मधुर तान छेड़कर की। इसके बाद राग अहीर भैरव और राग यमन की प्रस्तुति दी। उनकी प्रस्तुति के दौरान उनके गिटार का स्पर्श, स्ट्रोक, ग्लाइड और उसके बाद टोनल प्रभावों की गूंज-अनुगूंज ने सबके हृदय के तारों को झंकृत कर दिया। उनका लयबद्ध और मधुर संगीत उनके पूरे प्रदर्शन में चमक बिखेरते रहा।

 प्रश्नोत्तर काल में बच्चों ने ढेरसारे प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने जवाब देते हुए बच्चों की  सारी जिज्ञासाओं का समाधान किया। उन्होंने अपनी संगीत-साधना, अपनी संगीत यात्रा के बात करते हुए उन्होंने अपने वाद्ययंत्र स्लाइड गिटार (जिसे उन्होंने शंकर गिटार का नाम दिया है) के आविष्कार संबंधी एवं उनके बजाने के विधियों के विषय में छात्र-छात्राओं का शंका-समाधान किया। उन्होंने रागों की प्रस्तुति और गिटार के सीमाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने अपने पसंदीदा राग 'यमन', 'गोरख कल्याण' और 'भाग्यश्री' को बताया।

     कार्यक्रम के संयोजक के रूप में उपस्थित स्पिक मैके के बिहार समन्वयक मनीष कुमार ने भी ढेर सारी उपयोगी जानकारियां साझा करते हुए इनके गिटार को सिंगिंग गिटार क्यों कहा जाता है, इसके विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों को शास्त्रीय संगीत सुनने के तहजीब के विषय में बताते हुए कहा कि आंखें बंद करके शास्त्रीय संगीत सुनना चाहिए। संगीत समझने से ज्यादा महसूस करने की चीज है।

 इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण चंद्रदीप प्रसाद, अभिषेक कुमार, वंदना कुमारी, मनीष पांडेय, सुशील कुमार, संगीत शिक्षक पवन कुमार सिन्हा सहित विद्यालय के शिक्षक, कर्मचारीगण एवं कई संगीत प्रेमी उपस्थित थे।

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