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Education News : प्रारंभिक स्कूलों के संचालन की नई टाइमिंग पर शिक्षक संघ की घाेर आपत्ति, पुनर्विचार का आग्रह

 


प्रारंभिक स्कूलों के संचालन की नई टाइमिंग पर शिक्षक संघ की घाेर आपत्ति, पुनर्विचार का आग्रह 

नवादा लाइव नेटवर्क।


गर्मी को देखते हुए सरकारी स्कूलों के संचालन के लिए तय की गई समय सीमा पर शिक्षक संगठन द्वारा घोर आपत्ति दर्ज कराई गई है। नवादा जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष अयोध्या पासवान, प्रदेश कार्य समिति सदस्य शंभू प्रसाद सिंह एवं प्रधान सचिव ललितेश्वर शर्मा ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर प्रारंभिक विद्यालयों के संचालन के लिए मॉर्निंग शिफ्ट के टाइमिंग पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है। 


शिक्षक नेताओं ने कहा कि पूर्व में गर्मी के दिनों में 6:30 बजे से 11:30 तक प्रातः कालीन विद्यालयों का संचालन होता रहा है। परंतु, दुर्भाग्यवश इस साल गर्मी की छुट्टी भी नहीं दी गई जो अत्यंत ही खेदजनक है। अब विद्यालयों का संचालन 6:00 बजे सुबह से दोपहर 1:30 बजे तक निर्धारित किया गया है, यह बिल्कुल अव्यावहारिक निर्णय है।


प्रदेश कोषाध्यक्ष अयोध्या पासवान ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों को प्रताड़ित व हतोत्साहित करने का प्रयास है। खासकर महिला शिक्षकों के लिए यह अत्यंत ही असुविधाजनक टाइमिंग है। बहुत सारी महिला शिक्षिकाएं गया व बिहारशरीफ से नवादा ड्यूटी करने को आती हैं। उनके लिए 6:00 बजे विद्यालय पहुंचना नामुमकिन है। यह टाइमिंग ना तो शिक्षकों के हित में है ना तो बच्चों के सेहत के लिए ठीक है। जिलाध्यक्ष ने पुराना समय सारणी प्रातः 6:30 से 11:30 तक विद्यालय चलाने हेतु पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।


शिक्षक संगठनों की आपत्ति अपनी जगह है, जमीनी हकीकत क्या कहता है, इस मसले पर जब कुछ शिक्षकों से बात की गई तो यह बात सामने आई कि 1:30 बजे तक स्कूल संचालन से बेहतर है पूर्व की भांति सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ही संचालन हो। 1:30 बजे तपती दोपहरी में छुट्टी देने के बाद बच्चों को स्कूल से घर जाना जोखिम भरा होगा। शिक्षक भी स्कूल से घर की ओर नहीं जा सकते। ऐसे में इस टाइमिंग का कोई मतलब नहीं है। गर्मी और लू का सबसे ज्यादा असर तो दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ही होता है। फिलहाल, आलम ये रहा कि शिक्षक सुबह 6 बजे स्कूल पहुंच गए तो बच्चे नदारद थे। शहर के एक बड़े स्कूल में बच्चे से ज्यादा शिक्षक ही दिखे।


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