Nawada News : भानेखाप में अभ्रक खनन के दौरान चाल धंसने से 12 वर्षीया किशोरी की मौत, दो घायल
भानेखाप में अभ्रक खनन के दौरान चाल धंसने से 12 वर्षीया किशोरी की मौत, दो घायल
पुलिस के पहुंचने से पहले माफिया ने शव को लगा दिया ठिकाने
खाक छानती रही पुलिस नहीं मिला कोई सुराग
नवादा लाइव नेटवर्क।
नवादा जिले के रजौली थाना क्षेत्र के हरदिया पंचायत की भानेखाप अभ्रक (माइका) माइन्स में मंगलवार की अल सुबह बड़ा हादसा हुआ। वहां चाल (खदान) धंसने से सुअरलेटी गांव कि 12 वर्षीया किशोरी की मौत हो गई। दो अन्य मजदूर वर्ग के लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए। पुलिस पहुंचने के पूर्व खनन माफिया ने मामले को रफा-दफा कर दिया। शव को जहां ठिकाने लगा दिया गया वहीं जख्मियों को किसी निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करा दिया।
बता दें कि अवैध खनन को लेकर बदमनाम भानेखाप में माफिया द्वारा इन दिनों फिर से अवैध खनन कराया जा रहा है। मंगलवार की सुबह माइका चुनने के लिए गई हीरो भुइयां की 12 वर्षीया बेटी चिंता कुमारी चाल धंसने से मलबे में दब गई। जिससे उसकी मौत हो गई। जबकि दो मजदूर जो कि भानेखाप टिल्हा पर के रहने वाले गंभीर रूप से जख्मी हुए। जख्मियों में नारायण भुइयां का पुत्र चरका भुइयां तथा बाले भुइयां का पुत्र अनिल भुइयां उर्फ भगत जी बताए गए हैं। दोनों को झारखंड के कोडरमा के निजी क्लिनिक में भर्ती कराया गया है।
वहीं मृतका के शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। घटना के बावत गांव-इलाके के लोग कुछ भी साफ-साफ नहीं बता रहे हैं। जो कुछ बता रहे हैं दबी जुवान से।
इधर, सूचना पर रजौली के थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी व वनपाल राजकुमार पासवान दल बल के साथ घटनास्थल पर पहूंचे। जबतक पुलिस वहां पहुंचती सारे मामले पर खनन माफिया व उसके लोग लीपापोती कर चुके थे। दबाव ऐसा कि मृतका के मां-पिता भी खुलकर बोलने से कतराते रहे।
शव का क्या किया गया है, पुलिस को भी नहीं बताया। मां मंजू देवी ने कहा चिंता अपने पिता के साथ सुबह जंगल की ओर गई थी। चाल धंसने की घटना के बारे में जानकारी हमलोगों को दी गई। इसके बाद वह कुछ नहीं जानती है।
जबकि मृतका के चचेरे भाई बबलू भुइयां ने मीडिया को बताया कि लखन पंडित के द्वारा भानेखाप के माइका का अवैध खनन कराया जा रहा है। चाल धंसने से नाबालिग बहन की मौत हुई है।भानेखाप टिल्हा पर के दो अन्य लोग बुरी तरह से जख्मी हुए हैं। कुछ दिनों पूर्व ही सवैयाटांड़ में माइका खनन के दौरान हुए बिस्फोट में एक मजदूर का हाथ उड़ गया था। ऐसी घटनाएं आम हो गई है। लेकिन, इसपर रोक लगानेे में प्रशासनिक व्यवस्था नकाफि साबित हो रही है।
हालांकि कागज पर यह माइका माइंस बंद है। लेकिन खनन बदस्तूर जारी है। उजला सोना कहे जाने वाली माइका का प्रतिदिन लाखों का कारोबार जंगली रास्ते से झारखंड के कोडरमा,गिरीडीह आदि जगहों पर किया जाता है।
अधिकारिक पक्ष
रजौली के एसएचओ इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी ने बताया कि घटनास्थल का निरीक्षण किया। परिजनों के द्वारा किसी प्रकार का कोई भी ब्यान नहीं दिया गया। वे लोग कुछ भी बताने से कतराते रहे। वहीं वनपाल रजौली पूर्वी राजकुमार पासवान ने बताया कि यह भानेखाप का जंगल सुरक्षित वन क्षेत्र है। यहां के लोग चोरी छीपे तरीके से माइका चुनने का कार्य करते हैं। यहां कोई ठेकेदार नहीं हैं। ग्रामीण मजदूर माइका चुनकर अपनी जीविका चलाते हैं। वैसे कुछ लोगों का नाम आ रहा है, जिसकी पुष्टि के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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