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Nawada News : इस गांव के लिए होली_दिवाली से भी बड़ा पर्व है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हर घर होता है ध्वजारोहण

   



प्रसाद बनाती महिलाएं

इस गांव के लिए होली_दिवाली से भी बड़ा पर्व है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हर घर होता है ध्वजारोहण, छटठी तक चलता रहता है कार्यक्रम

नवादा लाइव नेटवर्क। 

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर वैसे तो सभी जगहों पर उत्सव तथा भक्तों में उत्साह का माहौल रहता है। लेकिन नवादा जिले के मेसकौर प्रखंड अंतर्गत बैजनाथपुर गांव में कुछ अलग ही तरीके से इस पर्व को मनाया जाता है। आम तौर पर रामनवमी पर घरों में ध्वजारोहण होता है, लेकिन इस गांव के हर घर में कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर ध्वजारोहण किया जाता है। यह परंपरा सदियों से चलता आ रहा है,और लोग इसे पूर्वजों का धरोहर मानते आ रहे हैं। 

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इस गाने के ठाकुरबाङी में कृष्ण जी का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान भजन कीर्तन के भक्ति संगीत से पूरा गांव सराबोर हो जाता है। ध्वजारोहण के दौरान शंख की ध्वनि से गाने का वातावरण गुंजायमान रहता है। इस गांव के सबसे वृद्ध व्यक्ति 99 वर्षीय भगवान प्रसाद सिंह एवं रामचन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि कृष्ण जन्मोत्सव हमारे यहां होली, दशहरा और दिपावली से भी बड़ा पर्व माना जाता है। गांव के बाहर रहने वाले लोग अन्य किसी भी पर्व में आये या ना आए, लेकिन जन्माष्टमी में आवश्य आते हैं। यहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव से लेकर छट्ठी   तक उत्सव का माहौल बना रहता है।  इन छः दिनों तक रोट रूपी प्रसाद बनता रहता है। 

 


छठियारी के बाद रोट नहीं बनाया जाता है। यहां के लोग अपने कुटुंब एवं रिश्तेदारों के यहाँ रोट रूपी प्रसाद भेजते हैं। इस गांव के रिश्तेदार भी इस दिन का इन्तजार बड़े बेसब्री से करते हैं। 


उक्त दोनों बुजुर्गों ने बताया कि सभी पर्वों से ज्यादा खर्च इस पर्व में होता है। भारत वर्ष में संभवतः यह पहला गांव हैं, जहां कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर हर घर में ध्वजारोहण किया जाता है। बताया कि हमारे पूर्वज बाबु आशाराम जी गया जिले के टेकारी प्रखंड अंतर्गत जलालपुर गांव से आकर यहां बसे थे। वे श्रीकृष्ण के बहुत बड़े उपासक थे। उन्हीं के द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पूजा अर्चना और ध्वजारोहण किया गया था। तभी ईश्वर की विशेष अनुकम्पा से उन्हें वंश की बृद्धि हुई। तब से इस गांव में कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। अभी इस गांव में बाबु आशाराम जी के 12वीं पीढ़ी चल रही है।

इस वर्ष भी शुक्रवार से पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।

 रिपोर्ट_ राकेश रौशन















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