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Modern Campus : विश्व विरासत दिवस पर मॉडर्न स्कूल में संस्कृति एवं धरोहर विषय पर सेमिनार का आयोजन, बच्चों को किया गया जागरूक

  


विश्व विरासत दिवस पर मॉडर्न स्कूल में संस्कृति एवं धरोहर विषय पर सेमिनार का आयोजन, बच्चों को किया गया जागरूक

नारद संग्रहालय के निदेशक डॉ. शिव कुमार मिश्रा ने बच्चों को सिखाया अपने आस-पास के धरोहरों को पहचानने एवं उन्हें सहेजने के गुर

नवादा लाइव नेटवर्क।

      विश्वभर में फैले ऐसे ऐतिहासिक पुरातात्विक एवं सांस्कृतिक धरोहर, जो अपने साथ इतिहास एवं संस्कृति की अनेकों कथाओं को अपने भीतर समेटे हुए है, इन धरोहरों एवं हमारे पूर्वजों की विरासतों को संभाले रखने के लिए प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है। विश्व भर में विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा आम जनता में अपने प्राचीन इतिहास एवं संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए, इनके प्रति लोगों में संवेदनशीलता विकसित करने के लिए दुनिया भर में इस दिन को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। 

नवादा के नारद संग्रहालय एवं मॉडर्न इंगलिश स्कूल, नवादा के संयुक्त तत्वावधान में इसी विषय को समर्पित एक सेमिनार का आयोजन मंगलवार को किया गया, जिसमें मॉडर्न स्कूल के सैकड़ों बच्चे सम्मिलित होकर अपने महान ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति जागरूकता एवं उनके सुरक्षा के प्रति अपनी भूमिका के विषय में ज्ञान प्राप्त किया। 


       विश्व विरासत दिवस के अवसर पर इस सेमिनार का आयोजन मॉडर्न इंगलिश स्कूल, न्यू एरिया, नवादा के बहुद्देश्यीय सभागार में मंगलवार, 18 अप्रैल 2023 को प्रातः 08:00 बजे से 10:00 बजे तक किया गया। इस सेमिनार के आयोजन में मॉडर्न इंगलिश स्कूल के शिक्षक प्रत्यूष आनंद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 सेमिनार के मुख्य अतिथि सह वक्ता के रूप में नवादा के नारद संग्रहालय के निदेशक डॉ. शिव कुमार मिश्र को आमंत्रित किया गया था। विद्यालय-परिसर में उनके पधारने पर मॉडर्न के प्राचार्य गोपाल चरण दास एवं उपप्राचार्य सुजय कुमार ने पुष्पगुच्छ प्रदान करके इनका स्वागत किया। स्वागत के पश्चात विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।


 आगंतुक मुख्य वक्ता ने इस सेमिनार में पॉवरपॉइंट प्रस्तुति एवं अपने विद्वतापूर्ण संबोधन से मॉडर्न के सैकड़ों बच्चों को अपने धरोहर एवं विरासत के विषय में जागरूक किया एवं तथा उन्हें अपने आस-पास के वातावरण में बिखरे ऐतिहासिक धरोहरों के प्रति संवेदनशील बनने एवं उनके संरक्षण के लिए प्रेरित भी किया। 

उन्होंने बताया कि हमारे आसपास के वातावरण में प्रायः पुरानी मूर्तियों, अभिलेखों, पांडुलिपियों, प्राचीन इमारतों एवं खुदाई से प्राप्त पुरातात्विक अवशेषों के रूप में हमारे धरोहर बिखरे पड़े रहते हैं। हम उनके विषय में अपनी जानकारी के अभाव में एवं लापरवाही के कारण उन्हें नष्ट कर रहे हैं या उन्हें क्षति पहुंचा रहे हैं। हमें जागरूक होकर इनके संरक्षण हेतु प्रयास करना चाहिए। हमारा पर्यावरण भी धरोहर ही है, जिसे हम प्रदूषित करते जा रहे हैं। आज आवश्यक है लोगों को जगाने की, जिससे लोगों में सांस्कृतिक विरासत के महत्व को लेकर जागरूकता बढ़े और वो इसे देखने के साथ ही इसके संरक्षण को लेकर भी अपनी जिम्मेदारी समझें।

          बच्चों ने इस सेमिनार के माध्यम से ढेर सारी नई जानकारियां प्राप्त की। बच्चों ने जाना कि हमारे नवादा जिले में किन-किन स्थानों पर खुदाई के पश्चात पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हो रहे हैं और किन स्थानों पर ऐसे अवशेषों के प्राप्त होने की प्रबल संभावनाएं व्यक्त की गई हैं। बच्चों ने पीपीटी के माध्यम से बिहार के अलग-अलग स्थानों से प्राप्त विभिन्न प्रकार की अत्यंत दुर्लभ मूर्तियों, अभिलेखों, सिक्कों एवं पांडुलिपियों के विषय में जानकारी प्राप्त की जो विश्व भर में केवल बिहार में पाए गए और वे यहाँ के विभिन्न संग्रहालयों में संरक्षित हैं। 


बच्चों ने सेमिनार के दौरान अपने विरासत को बचाने का संकल्प लेते हुए यह निर्णय लिया की वे ऐतिहासिक स्थलों पर घूमने के दौरान वहां गंदगी नहीं फैलाएंगे, वहां की दीवारों को छतिग्रस्त नहीं करेंगे तथा वहां की मूर्तियों अथवा अन्य पुरातात्विक अवशेषों के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करेंगे। 

सेमिनार के अंत में विद्यालय के प्राचार्य महोदय ने आगंतुक वक्ता डॉ शिवकुमार मिश्र को इस ज्ञानवर्धक सत्र के लिए हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया तथा बच्चों की जानकारियों को संवर्धित करने के लिए ऐसे और भी कार्यक्रमों की आवश्यकता जताई। 

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षक गण अभिषेक कुमार मणिकांत मिश्रा श्रुति गीते डाकुआ विकास कुमार एवं सुशील कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 







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