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Nawada News : पत्थर खदान के कर्मी की बेरहमी से पिटाई, हुई मौत, लोगों में आक्रोश



पत्थर खदान के कर्मी की बेरहमी से पिटाई, हुई मौत, लोगों में आक्रोश

नवादा लाइव नेटवर्क।


नवादा जिले में निर्माणाधीन क्रशर प्लांट के कर्मी की बेरहमी पूर्वक पिटाई की गई। गंभीर रूप से घायल कर्मी की मौत इलाज के दौरान हो गई। थाली थाना क्षेत्र के खखंदुआ पत्थर खदान के पास शुक्रवार की रात घटना को अंजाम दिया गया था। राजधानी पटना के अपोलो अस्पताल में रविवार को कर्मी की मौत हुई। शव को सदर अस्पताल नवादा लाया गया। जहां सोमवार की सुबह पोस्टमार्टम हुआ।

 


बताया जाता है कि खखंदुआ पहाड़ी का कुछ हिस्सा नालंदा जिले के पटेल एग्रो नामक कंपनी को पत्थर उत्खनन के लिए आवंटित हुआ है। वहां खनन का काम शुरू करने के पूर्व क्रशर प्लांट लगाने का काम चल रहा है। इस प्लांट की सुरक्षा के लिए रात्रि प्रहरी का काम पास के नाद गांव के विनोद सिंह किया करते थे।

 


शुक्रवार की रात विनोद सिंह अपने ड्यूटी पर थे। इसी दौरान कुछ बदमाशों ने उनके साथ बुरी तरह से मारपीट किया। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को सदर अस्पताल नवादा लाया गया। जहां सीटी स्कैन कराया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें हायर संस्थान रेफर कर दिया गया। परिजन उन्हें अपोलो अस्पताल पटना ले गए। जहां रविवार को उनकी मौत हो गई। सोमवार को सदर अस्पताल नवादा में शव का पोस्टमार्टम कराया गया।

 


इस मामले में कुछ हमलावरों मुन्ना यादव, सुधीर यादव, महेश यादव, कपिल यादव, कारू यादव सहित अन्य के नाम सामने आए हैं। घटना की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

 


पूर्व विधायक के नजदीकी थे मृतक


मृतक व उनका परिवार भाजपा नेता व हिसुआ के पूर्व विधायक अनिल सिंह के काफी नजदीकी थे। मौत की खबर के बाद रविवार की रात को ही वे सदर अस्पताल पहुंच गए थे। सोमवार को भी पोस्टमार्टम के वक्त सदर अस्पताल में मौजूद थे। पूर्व विधायक के अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल मेहता सहित भाजपा के कई नेता भी पोस्टमार्टम होने तक सदर असप्ताल में डटे हुए थे। घटना से लोगों में आक्रोश है।

 


घटना को लेकर कई तरह की चर्चा


घटना के पीछे रहे कारणों को लेकर कई तरह की बातें सामने रही है। कुछ लोगों का कहना है कि कोई बाहरी व्यक्ति यहां पत्थर खनन करे, यह उन लोगों को कबूल नहीं था। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि हमलावर बदमाश भी खदान में काम चाह रहे थे। संवेदक के इंकार करने पर काम में खलल डालने के लिए ऐसा किया गया।

 


पुलिस जांच में सच आएगा सामने


बहरहाल, घटना की वजह तो पुलिस अनुसंधान में ही सामने आएगा। लेकिन, इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नवादा में विधि-व्यवस्था की स्थिति काबू में नहीं है। हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं हुई जो पुलिसिंग सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।

  






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