Election 2025 : राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण अनिवार्य, एम.सी.एम.सी. समिति की बैठक आयोजित, डीएम ने दिए जरूरी निर्देश
राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण अनिवार्य, एम.सी.एम.सी. समिति की बैठक आयोजित, डीएम ने दिए जरूरी निर्देश
नवादा लाइव नेटवर्क।
बिहार विधान सभा आम निर्वाचन, 2025 के सफल, पारदर्शी एवं निष्पक्ष संचालन हेतु गठित जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणीकरण एवं पर्यवेक्षण समिति (MCMC) की बैठक आज दिनांक 15 अक्टूबर 2025 को जिलाधिकारी के कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी, नवादा श्री रवि प्रकाश ने की।
बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने एम.सी.एम.सी. कोषांग के सुचारू संचालन, कार्यप्रणाली एवं भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान मीडिया की भूमिका अत्यंत संवेदनशील और प्रभावशाली होती है, इसलिए समिति द्वारा प्रकाशित या प्रसारित किसी भी प्रचार सामग्री, विज्ञापन अथवा समाचार की तथ्यात्मक सत्यता एवं आदर्श आचार संहिता के अनुरूपता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणीकरण (Pre-Certification) एम.सी.एम.सी. का एक प्रमुख दायित्व है। किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार अथवा संगठन द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म आदि) पर प्रसारित किए जाने वाले विज्ञापनों का पूर्व अनुमोदन अनिवार्य है। बिना पूर्व अनुमति कोई भी राजनीतिक विज्ञापन, नारा, वीडियो या संदेश प्रकाशित अथवा प्रसारित नहीं किया जा सकता।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि मतदान के दिन एवं उसके एक दिन पूर्व प्रिंट मीडिया (समाचार पत्रों) में प्रकाशित किए जाने वाले राजनीतिक विज्ञापनों का भी पूर्व प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। इसके लिए संबंधित उम्मीदवारों/दलों को निर्धारित आवेदन प्रपत्र A भरकर, विज्ञापन की प्रति (स्क्रिप्ट/वीडियो/पोस्टर आदि) सहित एम.सी.एम.सी. को प्रस्तुत करना होगा। समिति द्वारा समीक्षा के उपरांत अनुमति/अस्वीकृति की लिखित सूचना दी जाएगी।
इसी प्रकार, समिति का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्य “पेड न्यूज” की पहचान करना है। एम.सी.एम.सी. स्थानीय एवं राज्य स्तरीय मीडिया में प्रकाशित समाचारों की गहन समीक्षा कर यह सुनिश्चित करती है कि कोई समाचार विज्ञापन स्वरूप में तो प्रसारित नहीं किया गया है। ऐसे मामलों को आयोग द्वारा “पेड न्यूज” के रूप में दर्ज कर संबंधित उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय में जोड़ा जाता है।
उन्होंने आगे बताया कि आयोग द्वारा निर्धारित सोशल मीडिया दिशा-निर्देशों के तहत सभी उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी नामांकन के समय प्रस्तुत करनी होती है। एम.सी.एम.सी. का दायित्व है कि वह Facebook, X (Twitter), Instagram, YouTube आदि प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित सामग्री की सतत निगरानी करे ताकि कोई भ्रामक सूचना, घृणा फैलाने वाला कंटेंट या फर्जी प्रचार न हो। समिति को सोशल मीडिया कंपनियों के साथ आयोग द्वारा निर्धारित “Voluntary Code of Ethics” के अनुरूप समन्वय बनाए रखना होगा।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि एम.सी.एम.सी. द्वारा नियमित मीडिया मॉनिटरिंग एवं दैनिक रिपोर्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। समिति प्रतिदिन समाचार पत्रों, टीवी चैनलों एवं ऑनलाइन पोर्टलों की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसमें मीडिया कवरेज की निष्पक्षता, संतुलन एवं आचार संहिता के अनुपालन का विवरण शामिल रहेगा। किसी भी प्रकार के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित सूचना तत्काल जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार को भेजी जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि आयोग के निर्देशानुसार मीडिया सुविधा एवं समन्वय (Media Facilitation and Coordination) भी एम.सी.एम.सी. की प्रमुख जिम्मेदारी है। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि अधिकृत मीडिया कर्मियों को आवश्यक सूचना, प्रेस पास, प्रेस बुलेटिन एवं आधिकारिक अपडेट समय पर उपलब्ध कराए जाएँ। मीडिया से साझा की जाने वाली जानकारी केवल अधिकृत स्रोतों से दी जानी चाहिए ताकि किसी भी अपुष्ट या भ्रामक सूचना से बचा जा सके।
बैठक में समिति के सदस्यगण एवं नोडल पदाधिकारी (मीडिया एवं एम.सी.एम.सी. कोषांग) उपस्थित रहे। बैठक में पूर्व प्रमाणीकरण हेतु आवेदन प्रपत्र, प्रक्रिया एवं अनुमोदन प्रणाली की भी विस्तृत जानकारी दी गई।
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