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Big Breaking : राजस्व कर्मचारी के दफ्तर से दो दलाल गिरफ्तार, शिकायत पर एसडीएम ने मारा छापा

राजस्व कर्मचारी के दफ्तर से दो दलाल गिरफ्तार, शिकायत पर एसडीएम ने मारा छापा 

27 हजार रुपये नकद  बरामदगी, दर्ज होगी एफआइआर

 

नवादा लाइव नेटवर्क।

नवादा सदर अंचल के हल्का कर्मचारी मनोज कुमार के कार्यालय में एसडीएम सदर उमेश कुमार भारती ने गुरुवार को छापा मारा। इस दौरान वहां से दो दलालों को गिरफ्तार किया गया। 27 हजार रुपये की बरामदगी भी हुई। कार्यालय में नाजायज़ वसूली की शिकायत के अलाेक में कार्रवाई की गई। गिरफ्तार दोनों दलालों को नगर थाना लाया गया है। जहां प्राथमिकी दर्ज कराने की कवायद की जा रही है। कर्मचारी के जिम्मे नवादा नगर परिषद का इलाका बताया गया है। न्यू एरिया गायत्री मंदिर के पास स्थित कार्यालय संचालित है।

गिरफ्तार दलालों में गोरे लाल और सतीश कुमार शामिल हैं। दोनों के बारे में बताया गया कि कई वर्षों से इस कार्यालय में राजस्व कर्मचारी के मुंशी का काम किया करते हैं। दोनों का काम अवैध वसूली करना था। बरामद रुपये किससे लिए गए और किस काम के लिए लिया गया था,  यह साफ होना बाकी है। पूछाताछ में दोनो मुंशी समुचित जवाब नहीं दे सके। जिससे यह प्रतीत होता है कि अवैध वसूली कर कार्यालय में गलत तरीके से कार्य किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान हल्का कर्मचारी अपने कार्यालय में नहीं थे। 

आम तौर पर दाखिल-खारिज के नाम पर राजस्व कर्मियों के कार्यालय में नाजायज वसूली की शिकायतें आती रहती है। ताजा कार्रवाई भी इसी शिकायत के आलोक में की गई।

लोगों की शिकायत के बाद सदर एसडीएम ने टीम गठित कर छापेमारी की। टीम में सदर सीओ और नगर थाना की पुलिस शामिल थी। एसडीएम ने बताया कि लगातार शिकायत मिल रही थी कि हल्का कार्यालय में बगैर पैसे लिए कोई कार्य नहीं किया जाता है। पैसा नही देने पर महीनों काम को लंबित रखा जाता है। इसी शिकायत के आलोक में छापेमारी की गई। फिलहाल दोनों तथाकथित मुंशी को गिरफ्तार कर पुलिस अपने साथ नगर थाना ले आई है। प्रशासन की इस कार्रवाई से अन्य राजस्व कर्मियों में हड़कंप है।

बता दें कि जिले में राजस्व कर्मियों की भारी कमी है। एक कर्मचारी के पास कई हल्का का काम है। किसी-किसी प्रखंड में तो महज एक राजस्व कर्मचारी हैं। ऐसे में काम का बोझ होता है। परिणाम होता है कि हर कर्मचारी नाजायज तरीके से कुछ लोगों को काम पर साथ रखते हैं। ऐसे में काेई व्यक्ति दूसरे के लिए भूखे-प्यासे तो काम कर नहीं सकता है। जाहिर सी बात है कि नाजायज वूसली पर ही उनका पेट भरता होगा। 


बहरहाल, गलत को सही ठहराने का प्रयास उचित नहीं होगा। लेकिन, कमियों को दूर करने का प्रयास भी होना चाहिए।

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