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Big News : गुड्डू हत्याकांड में बुरी तरह से फंस गए नवादा जेल के निलंबित अधीक्षक अभिषेक पांडेय व जेलर उमाशंकर, दो बाडीगार्डों पर भी कसेगा शिकंजा


गुड्डू हत्याकांड में बुरी तरह से फंस गए नवादा जेल के निलंबित अधीक्षक अभिषेक पांडेय व जेलर उमाशंकर, दो बाडीगार्डों पर भी कसेगा शिकंजा  

नवादा लाइव नेटवर्क। 

 मंडल कारा नवादा के निलंबित काराधीक्षक अभिषेक पांडेय, निलंबित जेलर उमाशंकर और काराधीक्षक के दो बाडीगार्ड राजकुमार व सोनू कुमार गुड्डू हत्याकांड में बुरी तरह से फंस गए हैं। न्यायिक जांच में चारों को दोषी पाया गया है। न्यायिक जांच रिपोर्ट रिपोर्ट डीएम, एसपी, जेल आइजी, मानवाधिकार आयोग व मंडल कारा प्रशासन को भेजी गई है। 

 

j.s. abhishek pandey


जानिए क्या है पूरा मामला 

पिछले साल 6 सितंबर को मंडल कारा में विचाराधीन कैदी रजौली निवासी गुड्डू सिंह की मौत हुई थी। कांड की प्रशासनिक व न्यायिक स्तर पर जांच हुई थी। डीएम द्वारा गठित टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर बारी-बारी से जेलर व काराधीक्षक को निलंबित किया गया था। यह कार्रवाई तब हुई थी जब न्यायिक जांच पूरी नहीं हुई थी। अब न्यायिक जांच की रिपोर्ट भी सामने आ गई है। जिसमें गुड्डू की मौत का राजफाश हुआ है। जेल के भीतर ही गुड्डू की पिटाई हुई थी। तत्कालीन काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय, जेलर उमाशंकर व अधीक्षक के दो बाडीगार्ड राजकुमार यादव और सोनू कुमार को कांड का जिम्मेवार ठहराया गया है।

23 लोगों का बयान हुआ था दर्ज

वैसे तो रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि जांच के दौरान कुल 23 लोगों का बयान दर्ज किया गया था। जिसमें बंदी, चिकित्सक, कक्षपाल आदि शामिल हैं। जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं। नए बंदियों के साथ बुरी तरीके से मारपीट की जाती थी, ताकि वह जेल में डरा रहे और कुछ भी मुंह न खोले। जांच  रिपोर्ट करीब 26-27 पन्नों की है।

 



चारों पर बढ़ी मुश्किलें 

न्यायिक जांच में आरोपित चारों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दोषी पाए सभी सेवा से बर्खास्त किए जा सकते हैं। हत्या का मुकदमा भी अलग से चलेगा। वैसे भी मृतक के चाचा द्वारा घटना के दिन ही नगर थाना में हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

शराब मामले में आरोपित था मृतक गुड्डू 

मृतक बंदी गुड्डू शराब मामले में गिरफ्तार हुआ था। रजौली थाना की पुलिस ने शराब के साथ गिरफ्तार कर उसे न्यायिक हिरासत में भेजा था। वह रजौली थाना इलाके के सोहदा गांव का निवासी था। हालांकि,तब कारा प्रशासन बीमारी से मौत की बात कह पल्ला झारने की कोशिश की थी। लेकिन, शरीर के बाहरी हिस्से में रहे जख्म के अनगिनत निशान बता रहा था कि उसके साथ कारा में अमानवीयता हुई थी।

कहते हैं अधिकारी 

न्यायिक जांच रिपोर्ट के बावत वर्तमान काराधीक्षक अजीत कुमार ने बताया कि रिपोर्ट मिला है। रिपोर्ट को डीएम, एसपी, मानवाधिकार आयोग, जेल आइजी को भेज दिया गया है। आगे की कार्रवाई वरीय अधिकारियों के दिशा-निर्देश के आधार पर की जाएगी।




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