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Nawada News : टोला सेवक और तालिमी मरकज के प्रतिनियोजन में बड़ा झोल, प्राथमिक शिक्षक संघ का डीपीओ पर गंभीर आरोप

  

अशोक कुमार सिंह, अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ

टोला सेवक और तालिमी मरकज के प्रतिनियोजन में बड़ा झोल,  प्राथमिक शिक्षक संघ का डीपीओ पर गंभीर आरोप

नवादा लाइव नेटवर्क।

जिले के टोला सेवकों और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज के प्रतिनियोजन में बड़ा खेल हुआ है। रुपये का लेन-देन कर नियमों के विपरीत प्रतिनियोजन किया गया है। ऐसा आरोप नवादा जिला प्राथमिक शिक्षक संघ ने संबंधित डीपीओ मो. मोकिमुद्दीन पर लगाते हुए प्रतिनियोजन को रद्द करने की मांग की है। साथ ही सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरुप प्रतिनियोजन करने की मांग की गई है। टोला सेवक और तालिमी मरकज संघ के आग्रह पर प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा यह मांग की गई है। 

जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने कहा कि प्रति नियोजन दूर दराज में कर दिया गया है। जो कि अनुचित है।  इस प्रतिनियोजन में निवर्तमान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मुकीम उद्दीन के द्वारा घोर अनियमितता बरती गई है, जिसके खिलाफ प्राथमिक शिक्षक संघ ने निवर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार चौधरी को पत्र लिखकर एतराज जताया था। 

निवर्तमान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा दिनांक 30.6.22 को एक संशोधित सूची जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि भूलवश टंकण के कारण अशुद्धियां रह गई है जिसे सुधार किया गया है। इन लोगों की संख्या 25 है। इसके पूर्व 7 जून की तिथि में प्रतिनियोजन का आदेश निकाला गया था। जिसके बाद से ही विवाद हो रहा है।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष श्रीसिंह ने इस पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा है कि यह भूलवश नहीं  इसमें रुपये-पैसे का बड़ा खेल हुआ है। जिन लोगों ने रुपये दिया उन्हें मनचाहा टोलो मोहल्लों में प्रतिनियोजित किया गया तथा जिसने चढ़ावा नहीं किया उन्हें दूरदराज के टोलों में प्रतिनियोजित कर दिया गया। 

हैरत की बात तो यह है कि कल जो संशोधित सूची 30 जून को प्रकाशित हुआ है वह बैकडेटिंग 15 जून के डेट में है।  निवर्तमान डीपीओ मुकीम मुद्दीन ने अपने काले कारनामे को छुपाने के लिए संशोधित सूची जारी किया। यह आईवाश के अलावा कुछ भी नहीं है। हम इसके खिलाफ  जिला शिक्षा पदाधिकारी को पुनः पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराएंगे तथा इस प्रतिनियोजन को तत्काल रद्द करने की मांग करेंगे। निवर्तमान डीपीओ के खिलाफ उच्चाधिकारियों को उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। 

बताया गया कि पहली सूची जारी होने के बाद काफी विरोध हुआ था। जिसके बाद जाते-जाते डीपीओ द्वारा संशोधित सूची जारी की गई, फिर भी विवाद थमा नहीं है। इस संबंध में डीपीओ का पक्ष लेने का प्रयास किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके।

 





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