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Nawada News : खुलासे के बाद रसोई गैस वितरकों में मची है खलबली, उपभोक्ताओं पर ही फोड़ रहे ठीकरा

  


खुलासे के बाद रसोई गैस वितरकों में मची है खलबली, उपभोक्ताओं पर ही फोड़ रहे ठीकरा

नवादा लाइव नेटवर्क।

घरेलू उपयोग का गैस सिलिंडर की आपूर्ति में लाखों करोड़ों का वारा न्यारा करने की खबर पब्लिश्ड होने के बाद वितरकों में खलबली है। हालांकि, वितरक अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं। ज्यादातर वितरक उपभोक्ता पर ही ठीकरा फोड़ पल्ला झाड़ ले रहे हैं। इनका कहना है कि उपभोक्ता ज्यादा कीमत देते ही क्यों हैं? बार बार अपील की जाती है की निर्धारित दर पर ही सिलिंडर लें। यहीं से सवाल गहरा हो जाता है की क्या भेंडर अपनी मर्जी से सब कुछ कर रहे हैं? ऐसा संभव है? जानकार कहते हैं कि ऐसा कदापि नहीं हो सकता है कि भेंडर ही अवैध वसूली कर रहे हैं और वितरक को इससे मतलब नहीं होता। सच है कि भेंडर तो सिर्फ मोहरा भर हैं।

इस मसले पर गैस कंपनी आईओसी के अधिकारी प्रियरंजन से बात हुई। उनका भी कहना था कि ग्राहकों को निर्धारित मूल्य 1150 रूपये 50 पैसे ही देना है। इसी राशि में सभी प्रकार का खर्च जुड़ा हुआ है। यानी वितरक का कमीशन, भेंडर का परिश्रमिक और होम डिलीवरी का चार्ज। ज्यादा लेने वाले भी दोषी हैं और देने वाले भी। हां, यह संभव है कि आम ग्राहक को इसकी जानकारी नहीं है। इंटरनेट का जमाना है, तत्काल रेट चेक कर सकते हैं और ज्यादा मांगने पर शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं। शिकायत मिला तो कार्यवाई होगी। कई शिकायतों पर ऐसा हो चुका है। 

उन्होंने कहा की उपभोक्ताओं को भी जागना होगा। निर्धारित दर भी देंगे तो उन्हें गैस की आपूर्ति होगी। इस सेवा को कोई बाधित नहीं कर सकता है, यह आवश्यक सेवा के अंतर्गत आता है। कंपनी का रूल स्टेट फॉरवर्ड है, निर्धारित दर पर ही सिलिंडर की आपूर्ति करनी है। उन्होंने कहा कि नवादा लाइव की खबर पढ़ी है, उपभोक्ता जागें हम भी यही चाहते हैं। लेकिन, एक सवाल गैस कंपनी के अधिकारियों से भी है की क्या उपभोक्ताओं का हो रहे शोषण से वे सचमुच अबतक अनजान हैं।

दरअसल, आम धारना बना दी गई है कि गैस एजेंसी वाले भेंडर को कोई राशि नहीं देते हैं। उन्हें परिश्रमिक उपभोक्ताओं से ही लेना है। वैसे, आम उपभोक्ता मानते हैं कि यहां सही नहीं हो रहा है।  5 से 10 रूपये तक जायादा बोझ नहीं लगता, लेकिन जिस कदर सिलिंडर के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, उसी तरह वितरकों की मनमानी भी बढ़ रही है। निर्धारित दर से 70 रूपये तक अधिक लेना कहीं से न्याय संगत नहीं है।

यहां, एक और पेंच है। आम लोग राशन दुकान में गड़बड़ी की शिकायत जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक कर देते हैं, लेकिन रसोई गैस सिलिंडर वितरकों की मनमानी की शिकायत नहीं करते हैं। इसकी वजह है कि शिकायत का उचित फोरम के बारे में उन्हें पता नहीं होता है।

आईओसी के अधिकारी प्रियरंजन कहते हैं कि उपभोक्ता जिला प्रशासन के अधिकारी मसलन बीडीओ, सीओ, एसडीओ, डीएम आदि से भी ज्यादा राशि लेने की शिकायत कर सकते हैं। वहां से भी कार्यवाई हो सकती है। हमलोग भी जिला प्रशासन से बंधे हुए हैं।

एक दिन पूर्व पूरी रिसर्च के साथ नवादा लाइव द्वारा प्रकाशित खबर "छोटी राशि में बड़ा खेल" के बाद एक वितरक का फोन कॉल आया। उन्होंने कहा कि हमारे इलाके में 1160 रूपये से ज्यादा नहीं लिया जा रहा है। उन्हें फैक्ट चेक करना चाहिए, 1170 की वसूली हो रही है। शायद शिकायत उनतक नहीं पहुंचती हो या सच को झुठलाना चाहते हों। 

आज सुबह सुबह एक भेंडर ने शिकायत भरे लहजे में कहा "कि कि लिख देलहो"। हमने सिर्फ यही कहा की ग्राहक को जगा रहे हैं। हालांकि, आज भी उपभोक्ताओं से वसूली पूर्ववत की गई। 

बता दें कि नवादा लाइव की पड़ताल में इस बात का खुलासा हुआ था कि नवादा जिले में निर्धारित दर से 15 से 70 रूपये तक की अवैध वसूली प्रति सिलिंडर की जा रही है। मासिक खपत के लिहाज से कम से कम 45 करोड़ रुपए सालाना और करीब 38 लाख रूपये मासिक का चूना ये वितरक लगा रहे हैं। खबर पर मुहर इसलिए लग रही है कोई आपत्ति नहीं दर्ज करा रहे हैं, बल्कि सभी रक्षात्मक मुद्रा में हैं। हां, उपभोक्ता पर ठीकरा यह कहकर अवश्य फोड़ रहे हैं  कि ज्यादा देते ही क्यों हैं।

कुल मिलाकर, जो स्थिति बना दी गई है उसमें यही कहा जा सकता है की उपभोक्ताओं को जागना होगा और अपना हक के लिए मानसिक रूप से तैयार होना पड़ेगा। ये वितरक बिना ग्राहकों के प्रतिरोध के कदम पीछे नहीं खींचेंगे। 

आगे और भी होगा खुलासा, जुड़े रहिए नवादा लाइव के साथ__


 


 

 



 

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