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Nawada News : प्रगतिशील लेखकों ने दी कथाकार प्रेमचंद को श्रद्धांजलि

  



प्रगतिशील लेखकों ने दी कथाकार प्रेमचंद को श्रद्धांजलि

साहित्यकार सत्ता का प्रमुख विपक्ष : नरेंद्र

कई वक्ताओं ने प्रेमचंद और वर्तमान परिदृश्य पर चर्चा में रखी अपनी बातें

संझौती के दीया काव्य संग्रह का हुआ लोकार्पण

नवादा लाइव नेटवर्क।

रविवार 31 जुलाई को प्रगतिशील लेखक संघ, नवादा के बैनर तले नवादा नगर स्थित मार्गदर्शन कोचिंग सेंटर के सभागार में हिन्दी साहित्य जगत के अमर कथा शिल्पी और मूर्धन्य उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की 142वीं जयंती समारोह साहित्यिक उत्सवधर्मिता के साथ मनाया गया। अध्यक्षता नवादा प्रलेस के जिलाध्यक्ष नरेंद्र प्रसाद सिंह ने की। मंच संचालन का दायित्व प्रलेस के सचिव अशोक समदर्शी ने निभाया। 

इस अवसर पर आमंत्रित लेखकों और विशेषज्ञों ने पूर्व घोषित विषय 'प्रेमचंद और वर्तमान परिदृश्य' पर विशद चर्चा की। विचार गोष्ठी की भूमिका रखते हुए प्रलेस के कार्यकारी अध्यक्ष शम्भु विश्वकर्मा ने कहा कि लेखक वर्तमान का समाज शास्त्र और भविष्य का इतिहास होता है, लेकिन प्रेमचन्द की प्रासंगिकता वर्तमान में भी समाजशास्त्रीय अध्ययन की मांग करती है।

 विषय प्रवेश करते हुए समदर्शी ने प्रेमचन्द की कथाओं में विविधता के कई उदाहरण पेश किया और उसे वर्तमान से जोड़ कर देखने की कोशिश की। अध्यक्षीय संबोधन में नरेंद्र प्रसाद सिंह ने साहित्यकारों को राजसत्ता का प्रमुख विपक्ष बताते हुए प्रेमचन्द की कृतियों का हवाला दिया।

 मुख्य अतिथि के रूप में मंचासीन सीपीआई के जिला सचिव जयनंदन सिंह ने प्रेमचन्द के जीवनसंघर्ष को समेटते हुए उनके विपुल साहित्य को आज के लिए भी उतना ही प्रासंगिक बताया जितना अग्रेजों की सत्ता के समय थी। उन्होंने लेखकों को ललकारते हुए कहा कि भले आप किसी दल की बात न करें लेकिन राज सत्ता की बात करनी ही होगी अन्यथा आपका लेखन किसी काम का नहीं। 

कथाकार जयनंदन एवं हिमांशु शेखर ने लोक भाषा मगही में विषय की गांठ को खोलने की कोशिश की। डॉ संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आज हम आधुनिकता की गुलामी  का मजा ले रहे हैं जहां प्रेमचन्द की रचनाएं सिसकती रह जाती है।

विचार गोष्ठी के बाद सागर इण्डिया का एकल नाटक "पन्नों में प्रेमचन्द " का मंचन किया गया, जिसमें सामाजिक विडंबनाओं को  रंगमंच पर दृश्यमान किया गया। इस बीच डॉ ओंकार निराला की एक मगही काव्य पुस्तक " संझौती के दीया " का लोकार्पण किया गया। 

जयंती समारोह के उत्तरार्द्ध में कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जानी मानी कवयित्री वीणा मिश्रा ने की। नवादा जिला समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये हुए दर्जन भर कवियों ने अपनी मौलिक और सामायिक रचनाओं से समारोह की प्रासंगिकता को सिद्ध किया। कवियों की लंबी श्रृंखला में विमर्श के वक्ताओं के अलावे परमानन्द सिंह , सफी जानी नादाँ , रेज़ा तस्लीम , गोपाल जी , आदि शामिल थे।



 
 

 


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