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Nawada News : फुलवरिया डैम में डूबा मस्जिद पानी से आया बाहर, लोगों के लिए बना कौतूहल, देखने पहुंच रहे लोग



फुलवरिया डैम में डूबा मस्जिद पानी से आया बाहर, लोगों के लिए बना कौतूहल, देखने पहुंच रहे लोग

नवादा लाइव-नेटवर्क।

रजौली प्रखंड फुलवरिया डैम में डूबा मस्जिद पानी से आया बाहर, लोगों के लिए बना कौतूहल, देखने पहुंच रहे लोग से 5 किलोमीटर दूर फुलवरिया डैम के दक्षिण दिशा में स्थित चिरैला गांव के पास बरसों से पानी में डूबा हुआ मस्जिद पूरी तरह से दिखने लगा है। 

मस्जिद दिखने की खबर शुक्रवार को पूरे इलाके में आग की तरफ फैली। जिले के विभिन्न इलाकों से मुस्लिम परिवार अपने सगे संबंधित के साथ इस मस्जिद के दीदार करने के लिए डैम के किनारे पहुंचने लगे। पूरे दिन यह मस्जिद कौतुहल का विषय बना हुआ रहा। 

कई युवा हाथ में चप्पल लेकर कीचड़ में घुसकर मस्जिद के नजदीक पहुंचकर देखते दिखे।मस्जिद देखने के लिए पहुंचे कई मुस्लिम परिवार के महिलाओं ने भी मस्जिद के नजदीक जाने की कोशिश की लेकिन कीचड़ और बीच-बीच में पानी होने की वजह से वहां तक नहीं पहुंच सकी। दूर से ही दीदार कर लौट गई।

 जानकारी के लिए बता दें कि यह मस्जिद लगभग 120 वर्ष हो चुका है। 3 दशक से लगभग यह पानी में पूरी तरह से डूबा हुआ था। उसके बाद भी इस मस्जिद को जरा सा भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। 

 देखें वीडियो_



 फुलवरिया डैम का निर्माण वर्ष 1984 में कराया गया था। उससे पहले इस जगह पर बड़ी आबादी होती थी। एरिया का अधिग्रहण डैम निर्माण के लिए किया गया था। तब इन स्थानों पर रहने वाले लोगों को विस्थापित कर हरदिया में बसाया गया था। डैम बनने के बाद मस्जिद को यूं ही छोड़ दिया गया था। पानी भरा रहने की स्थिति में मस्जिद का सिर्फ गुम्बद दिखाई पड़ता था। जलाशय के सूखा रहने की स्थिति में पूरा मस्जिद दिख रहा है।

इधर, इस वर्ष वर्षा कम होने या यूं कहें कि सुखद के कारण फुलवरिया डैम का जल स्तर लगातार कम होता जा रहा है। यह भी एक चिंता का विषय लोगों के लिए है।

आने वाले कुछ दिनों में बारिश नहीं हुई तो भविष्य में इस इलाके में बड़ा जल संकट हो सकता है। इसी जलाशय में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है। डैम का पानी शोधन कर जंगली क्षेत्र के 90 गांवों के लोगों तक पहुंचाया जाता है। जब जलाशय सूख जाएगा तो इन गांवों तक पानी पहुंचना बंद हो जायेगा। जिससे बड़ी आबादी को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।

फिलहाल, डैम का जलस्तर घटने से मस्जिद का दिखाना कौतूहल अवश्य है,लेकिन भविष्य के खतरे का भी संकेत है। 

रिपोर्ट-मनोज कुमार






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