Sad News : शिव शिष्यता के जनक साहब श्री हरिंद्रानंद जी हुए ब्रह्मलीन, अनुयायियों में शोक की लहर, रांची स्थित आवास पर अंतिम दर्शन को अनुयायियों की उमड़ी भीड़
शिव शिष्यता के जनक साहब श्री हरिंद्रानंद जी हुए ब्रह्मलीन, अनुयायियों में शोक की लहर, रांची स्थित आवास पर दर्शन को अनुयायियों की उमड़ी भीड़
नवादा लाइव नेटवर्क।
शिव आज भी गुरु हैं, इस वाक्य को गांव_गांव, घर_घर, हर नर_नारियों की जुबान पर पहुंचने वाले श्री हरिंद्रानंद जी ब्रह्मलीन हो गए। झारखंड के रांची में उनका रविवार 4 सितंबर की सुबह 3 बजे निधन हुआ।
बताया गया कि गुरुवार को दिल का दौड़ा पड़ने के बाद उन्हें रांची के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने बताया था की उन्हें मेजर हार्ट अटैक आया है। इसके बाद उन्हें पल्स हॉस्पिटल ले जाया गया था। जहां वे वेंटिलेटर पर थे। रविवार की तड़के 3 बजे उन्होंने अंतिम सांसें ली।
उनके शरीर परित्याग की खबर से शिव शिष्यों में भारी गम और मायूसी है। नवादा जिले के उनके अनुयायियों में शोक की लहर है। बड़ी संख्या में उनके भक्त अंतिम दर्शन को रांची रवाना हो रहे हैं।
उनके बड़े पुत्र अर्चित आनंद द्वारा जारी संदेश में कहा गया है कि साहब का पार्थिव शरीर उनके निवास स्थल A17, SEC 2, HEC, DHURWA, पुरानी विधानसभा के पीछे गेट नंबर 1 में आज सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक दर्शन के लिए रखा गया है। कल यानी 5 सितंबर को सुबह 6 बजे से 11 बजे तक लोग दर्शन कर सकेंगे।
बता दें कि श्री हरिंद्रानंद जी को उनके चाहने वाले साहब और हरिंद्रा भैया भी कहा करते थे। बिहार_ झारखंड में उनके करोड़ों फॉलोवर्स हैं। शिव शिष्य का बड़ा परिवार उनके जाने से काफी दुखी हैं। उन्हें शिव शिष्यता का जनक और शिव चर्चा के संस्थापक कहा जाता है। बिहार_ झारखंड ही नहीं अपितु देश के अन्य प्रांतों और दूसरे देशों में में भी बड़ी संख्या में भक्त हैं। उनका संदेश था शिव ही संसार के गुरु हैं।
बहरहाल, ब्रह्मलीन होना करोड़ों लोगों को दुखी कर दिया है। लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा है की वे अब नहीं हैं। दशक पूर्व नवादा के हरिश्चंद्र स्टेडियम में वे पधारे थे। तब इतनी भीड़ जमा हुई थी कि बुजुर्ग चर्चा करते हुए सुने गए थे की ऐसी भीड़ नवादा के इतिहास में कभी नहीं हुई थी। किसी राजनेता की सभा में भी नहीं। साफ है की उनके फॉलोवर्स की संख्या काफी है।
अंत में उन्हें सादर नमन!
प्रभु उनकी आत्मा को शांति दें!
उनके चाहने वालों को धैर्य धारण की शक्ति दें!
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