Modern campus : मॉडर्न स्कूल में स्पिक मैके द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथकली की कार्यशाला आयोजित, सम्मानित किए गए कलाकार
मॉडर्न स्कूल में स्पिक मैके द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथकली की कार्यशाला आयोजित, सम्मानित किए गए कलाकार
शास्त्रीय गीत-संगीत की महान परंपरा से युवाओं को जोड़ना आवश्यक : डॉ. अनुज
नवादा लाइव नेटवर्क।
मॉडर्न इंग्लिश स्कूल, नवादा के बहुद्देश्यीय सभागार में कथकली शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में भारतीय विरासत और संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें स्पिक-मैके के तत्वावधान में प्रतिष्ठित कलाकार व कथकली नर्तक कलामंडलम अमलजीत ने अपने नृत्य प्रदर्शन से सभागार में उपस्थित सभी का मंत्रमुग्ध कर दिया। सहायक कलाकार के रूप में आर. राहुल, गायन कलाकार बाबू ई. के, चेंडा वादक पुरुषोत्तमन नायर तथा मद्दलम वादक ओमानकुट्टन ने अपनी प्रतिभा व कला से सभी उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया।
वीडियो में देखें नृत्य_
विद्यालय में निदेशक प्राचार्य एवं विद्यार्थियों के द्वारा कार्यक्रम के मुख्य कलाकार एवं शाह कलाकारों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंट कर एवं अंग वस्त्र प्रदान करके किया गया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ आगंतुक मुख्य कलाकार श्री कलामंडलम अमलजीत एवं मॉडर्न शैक्षणिक समूह के निदेशक डॉ. अनुज कुमार के द्वारा मंगलदीप प्रज्वलित करके किया गया।
अपने संबोधन में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज के युवा आधुनिकता के चकाचौंध में पढ़कर जिस गीत संगीत के दीवाने हुए जा रहे हैं उससे हजारों गुना श्रेष्ठ एवं महान गीत संगीत एवं नृत्य कला की परंपरा हमारे भारतीय संस्कृति ने सहेज कर रखे हैं। यह अति आवश्यक है कि आज के युवा एवं किशोर वर्ग के विद्यार्थी देश के शास्त्रीय गीत संगीत एवं नृत्य के गौरवशाली परंपरा से परिचित हो सकें। इस दिशा में स्पीक मैके के द्वारा किए जा रहे कार्यक्रम एवं अभियान अत्यंत प्रशंसनीय हैं। मॉडर्न परिवार भी विद्यार्थियों में भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के पुनर्जागरण हेतु सदैव प्रयासरत रहा है।
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कार्यशाला के दौरान, मंच संचालन का कार्य नवादा के प्रसिद्ध समाजसेवी श्री श्रवण बरनवाल जी के द्वारा किया गया। कार्यशाला में केरल के कलाकार श्री कलामंडलम अमलजीत ने बच्चों के लिए कथकली प्रदर्शनों के पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए और उन्हें नृत्य के विभिन्न पहलुओं पर शिक्षित किया। कार्यशाला विभिन्न नृत्य-मुद्राओं पर आधारित एक कृति के साथ शुरू हुई। इसके बाद उन्होंने एक भाव-नृत्य के माध्यम से श्रृंगार रस, वीर रस, हास्य रस, रौद्र रस आदि नौ रसों के भावों को प्रस्तुत किया जिसके माध्यम से उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य का कथात्मक पहलू समझाया। छात्रों को प्रस्तुति के दौरान कहानी और विभिन्न मुद्राओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया।
कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों ने कार्यक्रम का खूब आनंद उठाया विद्यार्थियों ने पूर्ण शांति एवं एकाग्रता के साथ आगंतुक कलाकार के द्वारा सिखाए जा रहे कथकली संगीत नृत्य के महत्वपूर्ण भावों को समझने का प्रयास किया । कार्यशाला के समापन के पश्चात सभी विद्यार्थियों में अपूर्व उत्साह देखा गया। सभी ने इस कार्यक्रम एवं इसके सभी कलाकारों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की एवं ऐसे प्रस्तुतियों को बार-बार विद्यालय में आयोजित करने के लिए विद्यालय प्रबंधन से मांग भी की।
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