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Political News : वारिसलीगंज की बंद चीनी मिल को खुलवाने के लिए नीतीश कुमार का प्रयास पूरे मन से नहीं : मांझी



वारिसलीगंज की बंद चीनी मिल को खुलवाने के लिए नीतीश कुमार का प्रयास पूरे मन से नहीं : मांझी  

किसानों एवं मजदूरों की बेहतरी के लिए चीनी मील की पुनर्स्थापन जरूरी 

नवादा लाइव नेटवर्क।

तीन दशक से बंद नवादा जिले के एक मात्र उद्योग वारिसलीगंज चीनी मिल को खुलवाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रयास पूरे मन से नहीं हुआ है। नीतीश कुमार द्वारा संचालित विकास योजनाओं से मजदूरों का पलायन नहीं रुक रहा है। वारिसलीगंज के किसानों की बेहतरी के लिए अत्याधुनिक चीनी मिल की स्थापना जरूरत है।

उक्त बातें रविवार को अपनी निजी कार्यक्रम में शिरकत करने वारिसलीगंज पहुंचे हम पार्टी के सुप्रीमो सह बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। 

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आज के युग के भगीरथ है क्योंकि उनके प्रयास से गंगा उदवह योजना के तहत राजगीर , नवादा , गया आदि स्थानों पर बसे लोगों तक गंगा का पानी पहुंचाने का कार्य हुआ है। 

इसलिए उनसे मेरी मांग है कि वारिसलीगंज में किसानों की समृद्धि एवं मजदूरों के पलायन को रोकने के खातिर पुनः अत्याधुनिक चीनी मिल की स्थापना किया जाय। यह उनके भागीरथी प्रयास से ही संभव हो सकता है। 

चीनी मिल के स्क्रेपर की बिक्री रोकने के मुद्दे पर पूर्व सीएम ने कहा कि यह राजनीतिक चालबाजी है। लोग जब सरकार के साथ होते हैं तब उनके गलत सही सभी कार्यो का गुणगान करते हैं और सरकार से अलग होते ही उनके कार्यो का विरोध शुरू कर देते हैं।

 उनका परोक्ष निशाना भाजपा नेताओं पर था। लेकिन क्षेत्र के किसानों की मांग को जायज ठहराते हुए चीनी मील की जगह फिर से चीनी मील की स्थापना का पुरजोर समर्थन करते हुए सरकार से मिल खुलवाने की सिफारिश करने की बात कही। बता दें कि पूर्व सीएम अपने एक निकट संबंधी के घर वारिसलीगंज उतर बाजार माफी गली में आयोजित एक श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। 

मौके पर सिकंदरा विधायक प्रफुल्ल मांझी , पार्टी के जिला उपाध्यक्ष सनोज साव, प्रखंड अध्यक्ष रामवृक्ष मांझी, कल्याण मंत्री संतोष मांझी के निजी सहायक विक्रम कुमार, सक्रिय कार्यकर्ता दीन दयाल भगत, राजा कुमार, पिंटू प्रसाद, सुजीत कुमार, डब्लू गुप्ता, अजय कुमार राणा समेत अन्य लोग मौजूद थे।

रिपोर्ट - चंद्रमौलि शर्मा।



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