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Nawada News : नगर परिषद नवादा बस टैक्सी पड़ाव नीलामी पर विवाद, उपाध्यक्ष का अध्यक्ष पति और कार्यपालक पदाधिकारी पर गंभीर आरोप

 


नगर परिषद नवादा बस टैक्सी पड़ाव नीलामी पर विवाद, उपाध्यक्ष का अध्यक्ष पति और कार्यपालक पदाधिकारी पर गंभीर आरोप

नवादा लाइव नेटवर्क।

नगर परिषद नवादा द्वारा 27 मार्च 2023 को कराई गई बस टैक्सी पड़ाव की नीलामी विवादों के घेरे में आ गया है। नगर परिषद उपाध्यक्ष कंचन विश्वकर्मा ने ही अनियमितता का मामला उठाते हुए डीएम से जांच और कार्रवाई की मांग कर दी है।

नगर परिषद नवादा द्वारा प्रकाशित विज्ञापन निविदा संख्या 05/2023-24 के क्रमांक 01 बस टैक्सी पड़ाव की बंदोबस्ती कराई गई थी। 

 इस बाबत उपाध्यक्ष कंचन विश्वकर्मा ने आरोप लगाया है कि नगर परिषद अध्यक्ष पिंकी कुमारी, उनके पति संजय साव, नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और अन्य कर्मियों ने मिलकर बस पड़ाव की बन्दोबस्ती में गलत ढंग से अपने आदमियों को टेंडर दिलाया है, जिससे राजस्व की भारी क्षति हुई है।


 इस संदर्भ में जिलाधिकारी को आवेदन देकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। आवेदन में कहा गया है कि विगत वर्ष एक करोड़ आठ लाख रूपये में बंदोबस्ती हुई थी, लेकिन इस वर्ष साजिश के तहत सुरक्षित जमा राशि का निर्धारण मात्र 70 लाख 26 हजार रूपये किया गया, जिसके कारण डाक बोली प्रभावित हुई। 

इसके अलावे यह भी आरोप लगाया गया कि डाक बोली के समय नगरपरिषद अध्यक्ष के पति संजय साव नियम के विरुद्ध मंचासीन थे। आरोप है कि वे लगातार फोन से बोली लगाने वालों को आगे बोलने से रोक रहे थे।


 इस संदर्भ में एक निविदाधारक हर्ष कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर सरिता कुमारी पति विवेक कुमार ने भी नगर थाना में आवेदन देकर आरोपियों पर प्राथमिकी दर्ज कर क़ानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। आवेदक ने आरोप लगाया है कि नगर परिषद अध्यक्ष पिंकी कुमारी, उनके पति संजय साव, कार्यपालक पदाधिकारी और अन्य कर्मियों ने डाक आगे बोलने से मना किया और डरा-धमका कर डाक आगे नहीं बोलने हेतु दबाब बनाया।

          इस संदर्भ में विश्वहिन्दु परिषद के वरिष्ठ नेता जितेंद्र प्रताप जीतू एवं कैलाश विश्वकर्मा ने कहा है कि आरोपियों की मिलीभगत से न केवल बन्दोबस्ती में अनियमितता हुई है बल्कि अन्य विकास योजनाओं में भी मनमानी की जा रही है। अध्यक्ष पति और कार्यपालक पदाधिकारी के षड्यंत्र के कारण कोई भी विकास कार्य गुणवत्तापूर्ण और भ्रष्टाचारमुक्त नहीं हो सकता, क्योंकि उपाध्यक्ष समेत निर्वाचित वार्ड सदस्यों को इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती है ।  उपाध्यक्ष की ओर से निर्गत आवेदन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री समेत भारत सरकार के मंत्री को भी प्रेषित की गई है ।

चेयरमैन ने आरोपों को नकारा, दी नसीहत

इधर, चेयरमैन का कहना है कि टेंडर में अनियमितता का आरोप बेबुनियाद है। आरोप लगाने वाले को संचिका पढ़ लेनी चाहिए। 1 करोड़ 37 लाख में टेंडर हुआ है। पद पर बैठे लोगों को बगैर जानकारी आरोप लगाना सही नहीं है। बता दें कि विवाद का यह स्टैंड बुधौल बस पड़ाव का है। 

रिपोर्ट :- शम्भु विश्वकर्मा।






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