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Crime News : ढाई लाख रूपये में पप्पू मुखिया की हत्या का हुआ था सौदा, पुलिस ने कांड का किया राजफाश, शूटर और उप मुखिया सहित 3 गिरफ्तार, दो पहले ही जा चुका है जेल

  


ढाई लाख रूपये में पप्पू मुखिया की हत्या का हुआ था सौदा, पुलिस ने कांड का किया राजफाश, शूटर और उप मुखिया सहित 3 गिरफ्तार, दो पहले ही जा चुका है जेल


नवादा लाइव नेटवर्क


नवादा जिले के पकरीबरावां प्रखंड के बुधौली पंचायत की मुखिया पप्पू मांझी हत्याकांड का राजफाश पुलिस द्वारा कर दिया गया है। इस मामले में 3 और गिरफ्तारियां की गई है। गिरफ्तार होने वालों में शूटर, पंचायत की उपमुखिया अनुज उर्फ छोटू पांडेय भी शामिल है। 2 लोगों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।


मंगलवार को पकरीबरावां एसडीपीओ महेश चौधरी ने पकरीबरावां थाना परिसर में प्रेस वार्ता कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुखिया पप्पू मांझी की हत्या इंटर विद्यालय बुधौली परिसर में सुप्तावस्था में गोली मारकर की गई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने एसडीपीओ पकरीबरावां के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर कार्रवाई का आदेश दिया था

 


अनुसंधान के क्रम में यह बात सामने आई कि मुखिया पप्पू मांझी को बुधौली गांव निवासी उग्रीन प्रसाद के पुत्र अमरेन्द्र कुमार तथा दिऔरा गांव निवासी रामानंद शर्मा का पुत्र मनीष ने उम्मीदवार बनाकर मुखिया बनवाया था। मुखिया बनने के बाद साल 2019 से अबतक पप्पू केवल सरकारी योजना की राशि निकालने के लिए अंगूठा लगाता रहा था। सभी राशि अमरेन्द्र कुमार और मनीष सिंह लेते रहे। इस बात को लेकर मुखिया के घर में विवाद भी हो रहा था।


इधर, एक-दो माह से मुखिया पप्पू मांझी किसी भी योजना मद की राशि पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा था। यहां तक की गांव के ही इंटर विद्यालय में बॉउंड्री बाल का निर्माण करा रहे अमरेन्द्र कुमार एवं मनीष सिंह को काम करने से रोक दिया था। इस बात को लेकर अमरेन्द्र कुमार और मनीष सिंह काफी गुस्से में रहा करते थे।


मुखिया से निपटने के लिए अमरेन्द्र और मनीष ने नई रणनीति पर काम शुरू किया। और इसी पंचायत के भलुआ गांव निवासी उप मुखिया अनुज कुमार पांडेय उर्फ छोटू पांडेय से मिलकर कहा कि तुमको मुखिया बनाना है तो मेरा साथ दो। इसपर छोटू पांडेय तैयार हो गया। तब उक्त दोनों ने पहले मुखिया पप्पू मांझी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। 


उप मुखिया बुधौली गांव के ही रामा चौधरी के साथ बराबर बैठकर गांजा पीया करता था। गांजा पीने के क्रम में छोटू पांडेय ने रामा चौधरी से कहा कि कोई ऐसा लड़का बताओ जो किसी की हत्या कर सकता है। रामा चौधरी कहा कि बगल के गांव कोइरिया बिगहा का गोपाल विश्वकर्मा का पुत्र निखिल कुमार यह काम कर सकता है। रामा चौधरी ने निखिल कुमार को छोटू पांडेय से मिलाने का काम किया। 2 लाख 50 हजार रुपये में निखिल काम करने को तैयार हो गया। छोटू ने निखिल को एडवांस के रूप में 10 हजार रुपये दिया। शेष राशि काम होने के बाद देने को कहा।

 


घटना के दिन मनीष सिंह रात्रि 9 बजे मुखिया पप्पू मांझी को फोन कर बोला कि तुमको अमरेन्द्र इंटर विद्यालय के साईड पर बुलाया है। उस दिन छोटू तथा रामा गांजा पी रहा था और निखिल पास में ही बैठा था। इसी दौरान उप मुखिया छोटू ने निखिल को हथियार और गोली उपलब्ध करा अपना घर चला गया। तब रामा चौधरी और निखिल स्कूल के पास पहुंचकर पप्पू मांझी के सोने का इंतजार करने लगा। पप्पू मांझी उस स्थान पर तीन लोगों के साथ सोया हुआ था। रामा चौधरी ने पप्पू मांझी कही पहचान कराया और खुद दिवाल के पीछे छिप गया। उसके बाद निखिल अपने पास में रहे हथियार से पप्पू मांझी को गोली मार दिया, जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई।


पुलिस ने घटना को अंजाम देने में प्रयोग किये गए हथियार को भी बरामद कर लिया। बरामद हथियार में एक कट्ट, दो जिंदा कारतूस, एक खाली खोखा तथा दो बारूद भरा हुआ खोखा शामिल है। गिरफ्तार सभी अारोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।


बता दें कि 13 जून की रात को घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में मनीष व अमरेंद्र को पुलिस पहले की गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। शेष तीन आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो गई। इसके साथ ही पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ गया है।

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