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Train Accident : ओडिसा रेल हादसे में नवादा के एक युवक की मौत, साथ रहे 6 लोग घायल, रेल प्रशासन मृतकों और घायलों का पहचान बनवाने में जुटी

 

मृतक पप्पू का फाइल फोटो

ओडिसा रेल हादसे में नवादा के एक युवक की मौत, साथ रहे 6 लोग घायल, रेल प्रशासन मृतकों और घायलों का पहचान बनवाने में जुटी

नवादा लाइव नेटवर्क।

 ओडिसा में शुक्रवार 2 जून 2023 को हुए भीषण रेल हादसे में बिहार के नवादा जिले के एक युवक की मौत हो गई है। जबकि 6 लोग घायल हैं। दुर्घटना में जिले के रोह प्रखंड के मड़रा गांव के 32 साल के पप्पु मांझी की मौत हुई है। जबकि इसी गांव के छह मजदूर बुरी तरह जख्मी हुए हैं। घायलों का इलाज उड़ीसा के अस्पतालों में चल रहा है। 

घटना की सूचना पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया। मृतकों और घायलों के घर चीख पुकार मच गई। महिलाओं का रो रोकर बुरा हाल हो रहा था।


इस बीच मृतक और घायलों की वास्तविक पहचान का सत्यापन करने का काम प्रशासन द्वारा शुरू कर दिया गया है। स्थानीय मुखिया देवेंद्र कुमार सिन्हा उर्फ शैलेंद्र महतो द्वारा रेल विभाग द्वारा मांगे गए आदेश के अनुरूप में गांव के सरकारी विद्यालय में कैंप लगाकर सभी का पहचान पत्र निर्गत किया गया।

 मुखिया द्वारा जारी पत्र को लेकर परिजन उड़ीसा के लिए रवाना हो गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि मड़रा गांव से सात लोग रोजगार के लिए उड़ीसा जा रहे थे। सभी लोग कोलकाता के हावड़ा स्टेशन से शुक्रवार  की दोपहर को चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के जनरल डब्बा में सवार हुए थे।


 

रास्ते में ओडिसा के बालेश्वर जिला अंतर्गत वाहानगा स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर पनपना के पास शुक्रवार की शाम हावड़ा से चेन्नई के बीच चलने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन की मालगाड़ी से भयंकर टक्कर हो गई थी। हादसे में मड़रा गांव निवासी बद्री मांझी के 32 वर्षीय पुत्र पप्पू मांझी की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी।

 जबकि गोपी मांझी के पुत्र राजकुमार मांझी, राम प्रसाद मांझी के पुत्र कन्हैया कुमार, महेंद्र मांझी के पुत्र मनोज मांझी, रामयतन मांझी के पुत्र मुकेश मांझी, सोहर मांझी के पुत्र मंटू मांझी तथा वाले मांझी के पुत्र राजेश मांझी जीवन और मौत से जूझ रहा है। 

सभी घायलों का इलाज के उड़ीसा के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। सभी की उम्र 25 से 30 साल के बीच है। 

घटना की सूचना शनिवार की सुबह गांव पहुंची तो कोहराम मच गया। स्थानीय मुखिया शैलेंद्र महतो द्वारा अपने लेटर पैड पर मृतक व सभी घायलों का फोटो चिपका कर पहचान बनाया गया। तथा अग्रेतर करवाई के लिए रेलवे को भेज दिया गया। 

बताया जा रहा कि सभी लोग रोजगार के लिए एक साथ चेन्नई जाने के लिए निकले थे। परंतु नियति को कुछ और ही मंजूर था। इस बीच केंद्र सरकार ने दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति के आश्रितों को 10_10 लाख रुपए व घायलों को ढाई-ढाई लाख मुआवजा देने की घोषणा की है। इस हादसे में मृतकों की संख्या 300 तक पहुंच गई है। पिछले 20 वर्षों के दौरान का सबसे बड़ा रेल हादसा इसे बताया जा रहा है।

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