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Politics : पीके के करीब हुए नवादा के चर्चित नेता मसीह उद्दीन, हुई मुलाकात तो गरमाई सियासत



पीके के करीब हुए नवादा के चर्चित नेता मसीह उद्दीन, हुई मुलाकात तो गरमाई सियासत

नवादा लाइव नेटवर्क।

चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज पदयात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर @पीके के करीब हो गए हैं नवादा के चर्चित राजनीतिक चेहरे और समाजसेवी मसीह उद्दीन। जो खबर आ रही है उसके मुताबिक मसीह उद्दीन की मुलाकात पीके से हुई है।

रविवार को दोनों की मुलाकात के बाद सियासत गरमा गई है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार दोनों की मुलाकात मुजफ्फरपुर जिले के वरूराज में हुई।

पीके अपनी पदयात्रा के क्रम में रविवार को मुजफ्फरपुर जिले के वरूराज में थे। जहां पदयात्रा कैंप में दोनों की मुलाकात है। जाहिर सी बात है कि मुलाकात हुई तो सियासी बात भी हुई होगी। 

अब बड़ा सवाल है कि इस मुलाकात के मायने क्या हैं। बिहार की राजनीत से लेकर नवादा की पॉलिटिक्स तक। पीके बिहार भ्रमण पर हैं। बतौर चुनावी रणनीतिकार वे देश_विदेश में मशहूर हैं। बिहार को बदलने के मिशन पर हैं। लंबी पदयात्रा के जरिए बिहार वासियों को जगाने में जुटे हुए हैं। मिशन का मुकाम बिहार की सियासत को ही बदलना है। ऐसे में उन्हें राजनीतिक योद्धा की तलाश भी हर जगह है। क्या, मसीह उद्दीन के जरिए बिहार में अल्पसंख्यक चेहरे की कमी को दूर करने का प्रयास तो नहीं है।

मसीह उद्दीन में बहुत कुछ खास है। राजनीत की गहरी समझ उन्हें है। पढ़े लिखे हैं। अच्छे वक्ता भी हैं। अल्पसंख्यक बिरादरी में अच्छी पकड़ भी है। हालांकि, कभी भी खुद को जात_धर्म की राजनीत में बांधकर नहीं रखा। सर्वहारा वर्ग की राजनीत में विश्वास किया।

करीब 3 दशक का लंबा उनका सियासी सफर रहा है। कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई से राजनीतिक सफर शुरू किया था। कई दफे चुनावी मैदान में किस्मत आजमा चुके हैं। अलबत्ता, अबतक किस्मत ने साथ नहीं दिया। 

ऐसे में कहा जा सकता है कि दोनों ( प्रशांत किशोर और मसीह उद्दीन) एक दूसरे के पूरक हो सकते हैं।

अब, बात कर लें नवादा की तो, अबतक पीके यहां कोई सशक्त और बड़ा संगठन खड़ा नहीं कर पाए हैं। जो लोग भी उनसे जुड़े हैं, उनका प्रभाव और पहचान कुछ ज्यादा नहीं है। मसीह उद्दीन सच में पीके के साथ जुड़ते हैं तो कम से कम नवादा में उनकी जरूरत की खोज पूरी हो ही सकती है। 


क्या बात हुई, इस मसले पर जब मसीह उद्दीन से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने यानी की पीके ने उन्हें आमंत्रित किया था। उनके आमंत्रण पर मुलाकात करने पहुंचा था। स्वाभाविक है कि मुलाकात हुई तो राजनीतिक विषयों पर चर्चा भी हुई। कई मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। बातचीत सौहार्दपूर्ण रही और उन्हों ने इस दौरान अनेक विषयों पर खुल कर बात चीत की। मीटींग के बाद पदयात्रा में भी भाग लिया।




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